Heart Health: दिल के लिए योग बेहतर है या जिम ट्रेनिंग? एक्सपर्ट से समझें
Heart Health जिम में वर्कआउट करने का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ गया है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कहीं और जाने की बजाय अपने घर पर ही योग करना पसंद करते हैं। हालांकि दिल से जुड़ी परेशानियों को देखते हुए कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि दिल का ख्याल रखने के लिए योग करना चाहिए या जिम वर्कआउट।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Health: नियमित व्यायाम से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहता और इसका लाभ लंबे समय तक के लिए मिलता है। आज के स्ट्रेस भरे लाइफस्टाइल के चलते दिल की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। वहीं, कुछ शोध बताते हैं कि धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर कारण दिल के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, लेकिन उनकी तुलना में एक गतिहीन जीवनशैली मृत्यु का एक और भी बड़ा और मजबूत कारण है। अध्ययनों से पता चलता है कि मेडिकल फॉलोअप के दौरान फिट लोगों की तुलना में अनफिट लोग में मरने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है, चाहे उनमें पहले से हेल्थ रिस्क कुछ भी हो। यही वजह है कि जानकार हर व्यक्ति को फिजिकली फिट रहने की सलाह देते हैं।
शारीरिक रूप से हेल्दी और एक्टिव रहने के लिए कई तरह की वर्कआउट एक्टिविटीज हैं, जिन्हें हर कोई अपनी पसंद और सुविधा के मुताबिक चुनता है। वहीं, आजकल जिम में वर्कआउट करने का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ गया है। जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कहीं और जाने की बजाय अपने घर पर ही योग करना पसंद करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह दोनों एक्टिविटीज भले ही अलग हैं, लेकिन इनका फायदा तो एक ही है शरीर को फिट रखना, जबकि ऐसा नहीं है। आज अपने आर्टिकल हम इसी सवाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
जिम में कसरत करना बेहतर है या योग?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने मणिपाल हॉस्पिटल सरजापुर, बेंगलुरु के डॉ. सैकत कांजीलाल, कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट से बात की। उनके मुताबिक, आदर्श रूप से एक व्यायाम कार्यक्रम में ऐसे व्यायाम शामिल होने चाहिए, जो दिल और फेफड़ों की फिटनेस, ताकत और गतिशीलता में सुधार कर सकें।
हार्ट हेल्थ के लिए कैसी एक्सरसाइज करें?
डॉ. सैकत कांजीलाल कहते हैं कि, जो लोग पहले से जो लोग पहले से कोई कसरत नहीं करते हैं, उन्हें हल्की से मध्यम स्पीड वाले व्यायाम से शुरुआत करनी चाहिए और हफ्तों से महीनों तक धीरे-धीरे इसे बढ़ाना चाहिए। हार्ट को हेल्दी रखते हुए एक्सरसाइज करने के लिए कुछ टिप्स यहां दिए गए हैं:
- फ्रिक्वेंसी: सप्ताह कम से कम तीन या उससे अधिक दिन व्यायाम करें
- इंटेंसिटी: मध्यम से तेज गति की ओर धीरे-धीरे बढ़ें
- टाइम: हर सेशन के लिए एक समय निर्धारित करें, आदर्श रूप से 30 मिनट या उससे अधिक की आदत की आदत डालें
- टाइप: हेल्दी हार्ट के लिए जिम, एरोबिक, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, स्ट्रेचिंग, योग आदि को शामिल करें
शारीरिक रूप से इनएक्टिव व्यक्ति को किसी भी कसरत की शुरुआत कैसे करनी चाहिए, यह जानने के बाद हमने डॉक्टर से जिम ट्रेनिंग और योग के बारे में विस्तार से जानना चाहा।
जिम ट्रेनिंग
कांजीलाल ने बताया, उम्र के साथ, हमारी मांसपेशियां दुबली होती जाती हैं और हड्डियों की डेंसिटी में भी लगातार गिरावट आती है। मस्कुलर स्ट्रेंथ कुछ और नहीं बल्कि किसी भी स्थिति में प्रतिरोध के खिलाफ ताकत लगाने की क्षमता है, जो एक मौलिक फिटनेस को डिफाइन करती है और शक्ति, सहनशक्ति, गतिशीलता और संतुलन सहित अन्य सभी चीजों को प्रभावित करती है। जिम में एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए रेजिस्टेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए इस तरह के नुकसान को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ ही हृदय और अन्य पुरानी बीमारियों और समय से पहले मौत के जोखिम को भी कम करता है।
डॉक्टर कहते हैं, जिम वर्कआउट सावधानीपूर्वक प्लान किया गया एक ट्रेनिंग प्रोग्राम होना चाहिए, न कि अनियोजित और बेतरतीब व्यायाम। इसके साथ ही सही पोषण, पर्याप्त नींद, ट्रेनिंग सेशन्स के बीच आराम और स्ट्रेस मैनेजमेंट का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उनका कहना है कि सही ढंग से जिम ट्रेनिंग किए जाने से कई तरह के लाभ मिलते हैं, जैसे कि स्ट्रेंथ और पावर में वृद्धि होना, शरीर की बनावट में सुधार होना (फैट कम होना, मांसपेशियों और हड्डियों की डेंसिटी में सुधार होना)। जिम ट्रेनिंग को सावधानीपूर्वक और निर्धारित भार के साथ किया जाना चाहिए, जब ऐसा किया जाता है, तो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बेहद सुरक्षित होती है। वहीं, अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए, तो जिम ट्रेनिंग हानिकारक हो सकता है। सैकत के मुताबिक हार्ट पेशेंट्स को एक योग्य फिटनेस कोच के साथ वर्कआउट करना चाहिए, जिससे कसरत को लेकर उनका संघर्ष कम हो सके।
योग
वहीं, योग को लेकर उनका कहना है कि यह हल्के से मध्यम व्यायाम का एक रूप है, जो स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी, बैलेंस और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। योग के प्रमुख घटक हैं आसन, प्राणायाम और ध्यान। योग का उपयोग आमतौर पर स्वास्थ्य और विभिन्न स्थितियों में सुधार करने के लिए किया जाता है। यहां कुछ हेल्थ कंडीशन्स दिए गए हैं, जिनमें योग सबसे मददगार होता है:
- शारीरिक फिटनेस, विशेष रूप से सीमित व्यायाम क्षमता वाले वयस्कों में
- गर्भावस्था
- तनाव और चिंता
- कार्डिएक रिहैबिलिटेशन
- कैंसर थकान और अनिद्रा
- डिप्रेशन
- फाइब्रोमायल्जिया
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- मल्टीपल स्केलेरोसिस (संतुलन)
- पार्किंसंस डिजीज
अगर सप्ताह में 150 मिनट तक मीडिय से तेज के साथ योग किया जाए, तो अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी/अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सिफारिशें योग को स्वस्थ जीवनशैली के लिए पर्याप्त मानती हैं। हालाँकि, योग अभ्यास अक्सर इस तीव्रता को प्राप्त नहीं करते हैं, इसलिए योग विशेष रूप से सीमित व्यायाम क्षमता वाले वयस्कों पर लागू हो सकता है। एरोबिक व्यायाम और योग की तुलना करने वाले अधिकांश अध्ययनों में, एरोबिक व्यायाम समूहों ने विभिन्न प्रकार के हार्ट हेल्थ संकेतकों (उदाहरण के लिए, चरम VO2, एनारोबिक थ्रेशोल्ड, आदि) में काफी अधिक सुधार दिखाया।
शोध अध्ययनों ने यह भी निष्कर्ष निकाला है कि मृत्यु दर में कमी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन योग से जीवन की गुणवत्ता, ट्राइग्लिसराइड्स, उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और बॉडी मास इंडेक्स में सुधार हुआ। इनमें से सर्वश्रेष्ठ अध्ययनों में दिल का दौरा पड़ने के बाद रोगियों पर योग के किसी भी प्रभाव का पता नहीं चला। भारत के दो रैंडम नियंत्रित परीक्षणों में बाइपास सर्जरी के बाद पांच साल के अंत में जीवन की गुणवत्ता में सुधार और तनाव के स्तर में कमी देखी गई, लेकिन योग से दिल का दौरा पड़ने के बाद हृदय संबंधी प्रमुख प्रतिकूल घटनाओं में कमी नहीं आई।
कार्डियोलॉजिस्ट निष्कर्ष में कहते हैं, योग मन और शरीर की एक गतिविधि है, जिसमें शरीर की कई मुद्राएं और सांस लेने के व्यायाम शामिल हैं जो ताकत, लचीलेपन, संतुलन और विश्राम में सुधार कर सकते हैं। दर्जनों अलग-अलग प्रारूप या अभ्यास, जैसे हठ, अनुसार, अष्टांग, और कई अन्य, अलग-अलग फोकस पर जोर देते हैं, जैसे टोनिंग, शक्ति प्रशिक्षण, या ध्यान। योग की शैली को रोगी की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अनुकूलित किया जाना चाहिए, क्योंकि व्यायाम के किसी भी अन्य रूप की तरह ही योग के भी अपने जोखिम हैं।
जब तक आगे के वैज्ञानिक डेटा द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है, तब तक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा लोगों के हृदय और सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बढ़ाने के लक्ष्य के साथ योग को जिम प्रशिक्षण और शारीरिक व्यायाम के अन्य रूपों के पूरक के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, और जिम प्रशिक्षण और योग दोनों के लाभकारी पहलुओं का उपयोग किया जाना चाहिए न कि उन्हें एक-दूसरे पर थोपना चाहिए। इसलिए जिम और योग; जिम बनाम योग नहीं के लिए पेशेवर मार्गदर्शन लेने की सलाह दी जाती है।
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