World TB Day 2025: साधारण खांसी से कैसे अलग है टीबी? डॉक्टर ने बताया दोनों का फर्क और बचाव के तरीके
टीबी (Tuberculosis) एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है लेकिन इसकी शुरुआती पहचान करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण साधारण खांसी से मिलते-जुलते ही होते हैं। World TB Day 2025 के मौके पर हम आपको डॉक्टर की मदद से समझाएंगे कि साधारण खांसी और टीबी में क्या फर्क है और इससे किस तरह बचाव कर सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World TB Day 2025: हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। बता दें, यह एक ऐसी बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
हालांकि, समस्या यह है कि टीबी के शुरुआती लक्षण सामान्य खांसी-जुकाम से मिलते-जुलते होते हैं, जिसके कारण लोग इसे हल्के में ले लेते हैं और इलाज में देरी कर देते हैं। क्या आपको पता है कि टीबी की खांसी और सामान्य खांसी में क्या अंतर होता है (Tuberculosis vs Common Cough)? कैसे पहचानें कि यह कोई साधारण वायरल इंफेक्शन है या फिर किसी गंभीर बीमारी का संकेत?
इस वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर हम आपको बताएंगे कि टीबी और साधारण खांसी में क्या फर्क है, इसके लक्षण (TB Symptoms) क्या हैं और आप खुद को इस बीमारी से कैसे बचा सकते हैं (TB Prevention Tips)।
आइए, NIIMS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुमोल रत्न से इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
साधारण खांसी और टीबी की खांसी में क्या अंतर है?
कई बार जब हमें खांसी होती है, तो हम इसे मौसम में बदलाव, धूल-मिट्टी या हल्के संक्रमण के कारण मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर यही खांसी लंबे समय तक बनी रहे, तेज हो जाए, और इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखने लगें, तो यह टीबी का संकेत हो सकता है। आइए, दोनों में फर्क को समझते हैं।
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साधारण खांसी:
- यह एलर्जी, सर्दी-जुकाम, धूल-मिट्टी या हल्के वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है।
- आमतौर पर यह 1-2 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाती है।
- इसमें कोई गंभीर लक्षण नहीं होते, जैसे कि बलगम में खून आना या वजन कम होना।
- यह घरेलू उपायों या सामान्य दवाओं से ठीक हो सकती है।
टीबी की खांसी:
- यह दो हफ्ते से ज्यादा समय तक बनी रहती है।
- खांसते समय बलगम आता है, और कई बार इसमें खून भी दिख सकता है।
- मरीज को रात में पसीना आता है, लगातार हल्का बुखार बना रहता है और शरीर कमजोर महसूस करता है।
- भूख कम हो जाती है और वजन तेजी से घटने लगता है।
- अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह फेफड़ों के अलावा हड्डियों, किडनी, दिमाग और लिवर को भी प्रभावित कर सकती है।
अगर आपकी खांसी 2 हफ्ते से ज्यादा हो गई है और ऊपर बताए गए लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बलगम की जांच करवाएं।
टीबी से बचाव के असरदार तरीके
टीबी एक संक्रामक बीमारी है, यानी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इससे बचाव मुमकिन है। अगर आप कुछ सावधानियां बरतें, तो इस बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
टीबी से बचने के लिए उठाएं ये कदम
- बीसीजी वैक्सीन लगवाएं: टीबी से बचने के लिए बच्चों को बीसीजी का टीका जरूर दिलवाएं।
- साफ-सफाई बनाए रखें: खांसते या छींकते समय रुमाल या टिशू का इस्तेमाल करें और दूसरों से दूरी बनाए रखें।
- मास्क पहनें: अगर आप भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाते हैं, तो मास्क पहनकर संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं।
- पौष्टिक डाइट लें: विटामिन और प्रोटीन से भरपूर आहार आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
- बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं: अगर किसी को टीबी है, तो उसके संपर्क में आने से बचें, खासतौर पर अगर वह व्यक्ति इलाज न करा रहा हो।
- हवादार जगह पर रहें: टीबी का बैक्टीरिया बंद, गंदी और नमी वाली जगहों पर ज्यादा तेजी से फैलता है, इसलिए कमरे को हवादार और साफ रखें।
- रेगुलर चेकअप कराएं: अगर आपको लंबे समय से खांसी हो रही है, वजन घट रहा है, और कमजोरी महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
टीबी का इलाज संभव है
अगर किसी को टीबी हो जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है, लेकिन इसके लिए सही और पूरा इलाज जरूरी है।
टीबी के इलाज के लिए DOTS (Directly Observed Treatment, Short-course) थैरेपी दी जाती है, जिसमें मरीज को कम से कम 6 महीने तक दवाएं लेनी होती हैं। कई बार मरीज बीच में दवा छोड़ देते हैं, जिससे बैक्टीरिया और ज्यादा ताकतवर हो जाता है और बीमारी फिर से लौट सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरा कोर्स लेना बहुत जरूरी है।
याद रहे, अगर टीबी का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर हो सकती है और दूसरों में भी फैल सकती है। इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें और जांच करवाएं।
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