सिर्फ 48 घंटों में गंभीर रूप ले सकता है निमोनिया, इन 7 लक्षणों से वक्त रहते करें बीमारी की पहचान
अक्सर लोग निमोनिया को शुरुआत में साधारण सर्दी-जुकाम या फ्लू समझने की भूल कर बैठते हैं। लेकिन ऐसा करना बीमारी को और गंभीर बना सकता है। दरअसल, निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर इन्फेक्शन है, जिसके लक्षण (Pneumonia Symptoms) कई मामलों में दो दिन के अंदर गंभीर रूप ले सकते हैं।
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निमोनिया को साधारण सर्दी समझने की भूल न करें (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। निमोनिया रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षण (Pneumonia Early Signs) अक्सर सीजन फ्लू जैसे लगते हैं। इसके कारण अक्सर लोग निमोनिया को भी शुरुआत में मौसमी बुखार या साधारण सर्दी-जुकाम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
लेकिन लक्षणों को पहचानने में देरी इलाज में बाधा बन सकती है और स्थिति गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए निमोनिया के बारे में लोगों को जानकार बनाने के लिए हर साल 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे मनाया जाता है। आइए इस मौके पर डॉ. प्रदीप बजाद (सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद) से जानते हैं निमोनिया के लक्षण (Symptoms of Pneumonia) कैसे होते हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
क्या होता है निमोनिया?
निमोनिया मामूली सर्दी-जुकाम नहीं है, बल्कि यह एक फेफड़ों में होने वाला गंभीर इन्फेक्शन है, जिसमें फेफड़ों में मौजूद छोटे एयर सैक्स में पस या फ्लूएड भर जाता है। इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन अब्जॉर्ब करने की क्षमता प्रभावित होती है और शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती।
निमोनिया के लक्षण कैसे होते हैं?
- खांसी- अक्सर बलगम वाली खांसी होती है, जिसमें हरा, पीला या खून वाला बलगम भी आ सकता है।
- बुखार- तेज बुखार, ठंड लगकर बुखार आना और पसीना आना।
- सांस लेने में तकलीफ- सीढ़ियां चढ़ने, चलने, नहाने या बात करते समय भी सांस फूलना निमोनिया का अहम संकेत है। कई बार ऑक्सीजन का स्तर 85% तक गिर जाता है, लेकिन मरीज को इसका आभास नहीं होता।
- सीने में दर्द- गहरी सांस लेने या खांसी के साथ तेज दर्द या चुभन महसूस होना।
- थकान और कमजोरी- असामान्य रूप से थकान और शरीर में दर्द होना।
बच्चों और बुजुर्गों में निमोनिया के लक्षण
- शिशु और बच्चे- तेज सांस चलना, खाने-पीने से मना करना, बुखार, खांसी, बेचैनी और होंठ या नाखूनों का नीला पड़ना।
- बुजुर्ग- वृद्ध लोगों में बुखार या खांसी न होने पर भी अचानक भ्रम, चक्कर आना, थकान या बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसके कारण निमोनिया की ओर लोगों का ध्यान नहीं जाता और बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।
निमोनिया के लक्षण 48 घंटों के अंदर गंभीर हो सकते हैं। इसलिए इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
निमोनिया से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
निमोनिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर इसके रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- वैक्सीन- यह निमोनिया से बचाव का सबसे असरदार तरीका है। न्यूमोकोकल वैक्सीन निमोनिया से बचाता है। 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों, अस्थमा के मरीज, डायबिटीज, दिल की बीमारियां या क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों को यह टीका जरूर लगवाना चाहिए। फ्लू के बाद अक्सर निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हर साल फ्लू की वैक्सीन लगवाना भी जरूरी है।
- स्वच्छता का ध्यान रखें- नियमित रूप से साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं। खांसते या छींकते समय मुंह को टिशू या कोहनी से ढकें। बीमार लोगों के नजदीक जाने से बचें।
- स्मोकिंग छोड़ें- स्मोकिंग फेफड़ों को डैमेज कर देता है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा 2-3 गुना बढ़ जाता है। इसलिए निमोनिया का खतरा कम करने के लिए स्मोकिंग छोड़ना जरूरी है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं- पौष्टिक खाना खाएं, जिसमें विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में हों। भरपूर मात्रा में पानी पिएं और पूरी नींद लें। रोजाना एक्सरसाइज करना भी जरूरी है, ताकि फेफड़े स्वस्थ रहें और इम्युनिटी भी मजबूत हो।

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