Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Osteoporosis Day: हड्डियों की गंभीर बीमारी है ऑस्टियोपोरोसिस, जानें महिलाओं में क्यों बढ़ जाता है खतरा?

    विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस हर साल 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। इन दिन को मनाने का उद्देश्य है लोगों में इसे लेकर जागरूकता पैदा करना। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जो हड्डियों के घनत्व में कमी के कारण होती है जिससे हड्डियों की ताकत प्रभावित होती है। बदलती जीवनशैली खान-पान की अस्वास्थ्यकर आदतें कसरत की कमी आदि ऑस्टियोपोरोसिस के सामान्य कारक हैं। आइए जानें इससे बचाव के उपाय।

    By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Wed, 18 Oct 2023 02:18 PM (IST)
    Hero Image
    World Osteoporosis Day 2023: जानें ऑस्टटियोपोरोसिस के बारे में सबकुछ, ताकि हड्डियां रहें मजबूत

    नई दिल्ली। World Osteoporosis Day 2023: ऑस्टियोपोरोसिस वह अवस्था है जब बोन मास डेंसिटी (बीएमडी) यानी अस्थियों के घनत्न में कमी आती है। हड्डियों में मौजूद खनिज की मात्रा कम होने लगती है। इससे हड्डियों के टूटने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। बता दें कि इससे पहले वाली अवस्था को 'ऑस्टियोपेनिया' कहते हैं। अगर समय पर इसका उपचार नहीं हुआ तो ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महिलाओं में जोखिम

    ऑस्टियोपोरोसिस सिर्फ कैल्शियम की कमी के कारण ही नहीं होता, यह हार्मोन स्तर की अनियमितता से भी होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन बीएमडी स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। रजोनिवृत्ति के बाद शरीर में एस्ट्रोजन स्तर कम होने से बीएमडी में तेजी से गिरावट आती है। पुरुषों में टेस्टोटेरोन का स्तर कम हो जाए तो उनमें इस बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।

    यह भी पढ़ें: सेहत से जुड़ी 5 स्थितियां, जो हड्डियों को अंदर से खोखला बनाने का करती हैं काम!

    क्या है कारण

    • शारीरिक निष्क्रियता
    • कैल्शियम की कमी
    • विटामिन-डी की कमी
    • धूम्रपान करना
    • अधिक अल्कोहल का सेवन
    • रूमेटाइड आर्थराइटिस की बीमारी
    • एस्टेरायड दवाओं का सेवन आदि

    लंबाई भी हो सकती है कम

    शुरुआती अवस्था में जब हड्डियों को नुकसान होना शुरू होता है, तो यह बाहर से दिखाई नहीं देता। जब वर्टिब्रा में टूट होने लगती है, तो पीठ में दर्द होना शुरू होता है। इस बीमारी से रीढ़ की हड्डी में हुए टूट के कारण पीठ का ऊपरी हिस्सा आगे की तरफ झुक जाता है, इसके कारण लंबाई कम लगने लगती है।

    ऐसे करें बचाव

    • शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं
    • खानपान में कैल्शियम, विटामिन-के शामिल करें।
    • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं पोषण युक्त आहार को अनदेखा न करें।
    • विटामिन-डी के लिए धूप सेकें।
    • स्मोकिंग और अल्कोहल से परहेज करें।
    • नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं।

    यह भी पढ़ें: हड्डियों के लिए हानिकारक है धूम्रपान की आदत, एक्सपर्ट से जानें इसके नुकसान

    ऐसा हो खानपान

    • कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थों को आहार में जरूर शामिल करें।
    • कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन-डी की जरूरत होती है। पूरक दवाओं का सेवन कर इस कमी को दूर कर सकते हैं।
    • फलियों यानी बीन्स में कैल्शियम और मैग्निशियम के साथ फाइबर और फोलेट भी मिल जाता है।
    • नींबू और संतरे का सेवन भी हड्डियों के लिए जरूरी है।
    • अखरोट और बादाम के साथ सूरजमूखी के बीज में भी कैल्शियम, मैग्निशियम और जिंक बड़ी मात्रा में मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

    डॉ. उमा कुमार

    विभागाध्यक्ष, रुमेटोलाजी, एम्स, नई दिल्ली

    बातचीत : सीमा झा