World Malaria Day 2025: डॉक्टर ने बताए मलेरिया और डेंगू में अंतर, बचाव के लिए करें 5 काम
हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे (World Malaria Day 2025) मनाया जाता है। इस दिन मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश की जाती है। कई बार मलेरिया और डेंगू के बीच लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं और इनमें फर्क नहीं कर पाते। इसलिए हमने डॉक्टर से इन दोनों के बीच अंतर और बचाव के तरीकों के बारे में बात की।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मलेरिया (Malaria) का वक्त रहते सही इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। आज भी मलेरिया की वजह से दुनियाभर में लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी भारत जैसे देशों में ज्यादा फैलती है।
लेकिन अच्छी बात यह है कि इसे रोका जा सकता है और इससे जान भी बचाई जा सकती है। हालांकि, शर्त यही है कि इस बारे में जागरूक होना जरूरी है। इसलिए हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे (World Malaria Day 2025) मनाया जाता है।
मलेरिया और डेंगू दोनों ही मच्छरों से फैलने वाली गंभीर बीमारियां हैं, जिनके लक्षण कुछ हद तक मिलते-जुलते हैं, जिसकी वजह से लोग कई बार इनमें कन्फ्यूज हो जाते हैं। लेकिन इनके रिस्क फैक्टर्स, लक्षण (Malaria vs Dengue Symptoms) और इलाज में काफी अंतर भी होते हैं। इन्हीं अंतरों और बचाव के तरीकों (Malaria Prevention Tips) के बारे में जानने के लिए हमने डॉ. शोवाना वैष्णवी (मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट) से बात की।
मलेरिया और डेंगू में अंतर (Malaria Vs Dengue)
कारण
- मलेरिया- यह प्लाज्मोडियम नाम के पैरासाइट के कारण होता है, जो इन्फेक्टेड फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है।
- डेंगू- यह डेंगू वायरस (DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4) के कारण होता है और इन्फेक्टेड फीमेल एडीज मच्छर के काटने से फैलता है।
कहां ज्यादा फैलता है?
- मलेरिया ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में फैलता है, जबकि डेंगू शहरी इलाकों में ज्यादा पाया जाता है।
इन्क्यूबेशन पीरियड
- मलेरिया के लक्षण मच्छर के काटने के 3 से 14 दिन बाद दिखाई देते हैं।
- डेंगू के लक्षण 10 से 15 दिन के अंदर नजर आने शुरू होते हैं।
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लक्षण (Malaria Vs Dengue Symptoms)
- मलेरिया- तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, आंखों में जलन, मसूड़ों से खून आना और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- डेंगू- अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों व मांसपेशियों में तेज दर्द (हड्डी तोड़ बुखार), त्वचा पर लाल चकत्ते, आंखों के पीछे दर्द और गंभीर मामलों में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकता है।
डायग्नोसिस और इलाज
- मलेरिया- इसकी पहचान एंटीजन और एंटीबॉडी टेस्ट से की जाती है। इलाज के लिए एंटी-मलेरियल दवाएं (जैसे क्लोरोक्वीन) दी जाती हैं।
- डेंगू- इसका डायग्नोसिस माइक्रोस्कोपिक टेस्ट या NS1 एंटीजन टेस्ट से किया जाता है। क्योंकि यह वायरल बीमारी है, एंटी-वायरल दवाओं से इसका पूरी तरह इलाज नहीं किया जा सकता है। इसमें सपोर्टिव (पैरासिटामोल, हाइड्रेशन और आराम) की सलाह दी जाती है।
बचाव के उपाय (Malaria Prevention Tips)
मलेरिया और डेंगू से बचाव का सबसे असरदार तरीका मच्छरों के प्रजनन को रोकना और उनके काटने से बचना है। इन बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए-
- मच्छरों के प्रजनन की जगहों को खत्म करें- घर के आसपास पानी जमा न होने दें। गमलों, टायरों, पुराने बर्तनों और कूलरों में जमा पानी को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें। नालियों और सीवर सिस्टम को ठीक से मेन्टेन करें, ताकि पानी न जमे।
- मच्छरदानी और रिपेलेंट्स का इस्तेमाल करें- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, खासकर बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए। मच्छर भगाने वाली क्रीम (DEV वाली) या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- पूरे कपड़े पहनें- मच्छरों के एक्टिव समय (सुबह और शाम) में पूरी बाजू के कपड़े और फुल-पैंट पहनें।
- घर की सुरक्षा- खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छररोधी जाली लगवाएं। कीटनाशक स्प्रे या मच्छक भगाने वाली कॉइल का इस्तेमाल करें।
- जागरुकता- लोगों को मलेरिया और डेंगू के लक्षणों और बचाव के बारे में जानकार बनाएं। गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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