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    IVF ट्रीटमेंट की बना रहे हैं प्लानिंग! डॉक्टर ने बताया बेहतर नतीजों के लिए क्या करें और क्या नहीं

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 03:01 PM (IST)

    हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड आईवीएफ डे (World IVF Day 2025) मनाया जाता है। आईवीएफ एक तकनीक है जो माता-पिता बनने में मदद करती है। मैक्स हॉस्पिटल की डॉ. सोमा सिंह बता रही हैं कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान क्या करें और क्या नहीं ( IVF do’s and don’ts)। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

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    आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान क्या करें और क्या नहीं (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड आईवीएफ डे (World IVF Day 2025) मनाया जाता है। आईवीएफ एक ऐसी तकनीक है, जो आर्टिफिशियल तरीके कंसीव करने में मदद करता है। यह तकनीक उन लोगों के लिए है, जो लंबे समय से माता-पिता बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन कुछ वजहों से उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाता। ऐसे में आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक ऐसा तरीका है, जो आपके पेरेंट्स बनने में मदद करता है।

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    आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) करवाना शारीरिक और भावनात्मक रूप से कठिन हो सकता है। इसलिए अगर आप इस ट्रीटमेंट ( IVF planning guide) को लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में आईवीएफ एवं इनफर्टिलिटी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. सोमा सिंह से जानते हैं आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान क्या करें और क्या नहीं (IVF do’s and don’ts)।

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    आईवीएफ ट्रीटमेंट में क्या करें

    फर्टिलिटी फ्रेंडली डाइट लें

    साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट और ताजे फल और सब्जियों से भरपूर बैलेंस्ड डाइट लें। मेडिटेरेनियन डाइट से फर्टिलिटी में सुधार देखा गया है। इसलिए डाइट मे फोलेट, ज़िंक, ओमेगा-3 और आयरन से भरपूर फूड्स को शामिल करें।

    हेल्दी वेट बनाए रखें

    कम या ज्यादा वजन हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है और कंसीव रेट को प्रभावित करता है। असल में, कम और ज्यादा वजन वाली दोनों महिलाओं में गर्भधारण के बाद मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपना सही वेट बनाए रखें।

    प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी विटामिन लें

    एक महिला को आईवीएफ शुरू करने से कम से कम 1-3 महीने पहले प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी सप्लीमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए। फोलिक एसिड (400-800 माइक्रोग्राम प्रतिदिन), विटामिन डी, बी12 और आयरन एग्स की हेल्थ और भ्रूण के शुरुआती विकास के लिए जरूरी हैं।

    नियमित व्यायाम करें, लेकिन ज्यादा नहीं

    हल्की से मीडियम फिजिकल एक्टिविटी (जैसे चलना, योग, स्वीमिंग) ब्लड सर्कुलेशन और हार्मोनल संतुलन में सुधार करती है। इसे हफ्ते में 3-4 दिन रोजाना 15-30 मिनट तक करना चाहिए।

    अच्छी नींद लें और स्ट्रेस कंट्रोल करें

    रोजाना 7-8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें। तनाव रिप्रोडक्शन हार्मोन और इस ट्रीटमेंट के नतीजों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले और उसके दौरान मेडिटेशन, माइंडफुलनेस, जर्नलिंग या थेरेपी जैसी रिलैक्सिंग तकनीकों को शामिल करें।

    अपने डॉक्टर की गाइडलाइंस फॉलो करें

    अपने आईवीएफ कैलेंडर और अपॉइंटमेंट को फॉलो करें। सभी दवाएं समय पर लें और कोी भी सवाल पूछने में संकोच न करें। हर एक स्टेज को समझने से आत्मविश्वास बढ़ता है और जटिलताओं से बचने में मदद मिलती है।

    क्या न करें

    धूम्रपान या नशीली दवाएं न लें

    धूम्रपान अंडे की गुणवत्ता, स्पर्म की गुणवत्ता और ट्रांसप्लांट को प्रभावित करता है, जिससे गर्भावस्था की संभावना कम हो जाती है। इससे गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए दोनों पार्टनर्स को धूम्रपान छोड़ने और किसी भी प्रकार के तंबाकू या नशीली दवाओं को लेने बचना चाहिए।

    शराब या बहुत ज्यादा कैफीन न लें

    शराब हार्मोन के स्तर और भ्रूण के विकास में बाधा डालती है। इसलिए कैफीन का सेवन प्रतिदिन 200 मिलीग्राम (लगभग एक 12 औंस कॉफी के कप) से कम रखें।

    खुद कोई इलाज न करें या अपनी दवाएं न छोड़ें

    बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली दर्द की दवाएं, हर्बल सप्लीमेंट या कोई भी ऐसी दवा, जो डॉक्टर की सलाह के बिना ली जा रही है, फर्टिलिटी मेडिसिन या हार्मोन संतुलन में बाधा बन सकती हैं।

    हेल्थ कंडीशन को नजरअंदाज न करें

    आईवीएफ शुरू करने से पहले डायबिटीज, थायरॉइड डिसऑर्डर, हाई ब्लड प्रेशर या पीसीओएस को अच्छी तरह से कंट्रोल किया जाना चाहिए। इनके कंट्रोल न होने की वजह से ट्रांसप्लांट और गर्भावस्था के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

    जरूरी जांचों में देरी न करें

    सभी आवश्यक जांचें जैसे एएमएच स्तर, सीमेन एनालिसिस, अल्ट्रासाउंड, संक्रामक बीमारी की जांच समय पर पूरी करें। ये ट्रीटमेंट के बेहतर नजीतों में मदद कर सकते हैं।

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