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    कानों पर साइलेंट अटैक कर रहे Noise Pollution और ईयरफोन्स, धीरे-धीरे छीन सकते हैं सुनने की शक्ति

    इन दिनों हमारे आसपास नॉइज पॉल्युशन (Noise pollution effects) काफी बढ़ने लगा है। साथ ही लोग ईयरफोन्स का इस्तेमाल भी काफी ज्यादा करने लगे हैं जिससे सुनने की शक्ति कम होने लगी है। ऐसे में कानों की देखभाल बेहद जरूरी है। इसलिए हर साल लोगों को इसके लिए जागरूक करने के मकसद से 3 मार्च को World Hearing Day मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैसे रखें कानों का ख्याल।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Mon, 03 Mar 2025 05:31 PM (IST)
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    कानों को नुकसान पहुंचा रहे ये फैक्टर्स (Picture Credit-Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज वर्ल्ड हियरिंग डे मनाया जा रहा है। WHO के मुताबिक यह दिन हर साल 3 मार्च को बहरेपन और हियरिंग लॉस को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में अपने कानों की देखभाल को बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है। ऐसे में अपने कानों और हियरिंग हेल्थ (Hearing loss causes) पर बुरा असर डालते वाले फैक्टर्स के बारे में जानना बेहद जरूरी है।

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    ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution effects) और ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल अक्सर कानों और हमारी सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं। आज हियरिंग डे के मौके पर सीके बिड़ला हॉस्पिटल, सीएमआरआई कोलकाता के सीनियर कंसल्टेंट ओटोलॉजिस्ट और कॉक्लियर इंप्लांट सर्जन डॉ. एनवीके मोहन से जानते हैं कैसे यह दोनों फैक्टर कानों के लिए हानिकारक हैं और कि बातों का ध्यान रख कर सकते हैं अपने कानों की देखभाल-

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    कानों के लिए हानिकारक ध्वनि प्रदूषण

    डॉक्टर के मुताबिक लंबे समय तक 70 डेसिबल (डीबी) से ज्यादा शोर के संपर्क में रहने से परमानेंट हियरिंग लॉस हो सकता है। वहीं, 100 डीबी से ऊपर के शोर के अचानक संपर्क में आने से तुरंत बहरापन हो सकता है। इन दिनों शहरी शोर का लेवल तेजी से बढ़ने लगा है। साथ ही व्यस्त सड़कें और यातायात की वजह से शोर 80-100 डीबी तक पहुंच गया है। इसके अलावा खुशी या जश्न मनाने के लिए तेज संगीत प्रोग्राम या पटाखे भी 120 डीबी से ज्यादा हो जाते हैं, जिससे कानों को नुकसान हो सकता है।

    ईयरफोन्स भी है एक बड़ा खतरा

    ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि इन दिनों हियरिंग लॉस भी एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है। इसके अलावा ईयरफोन्स का ज्यादा इस्तेमाल भी सुनने की क्षमता को खराब करने वाला एक फैक्टर है। यह सीधे ईयर कैनल में साउंड पहुंचाता है, जिससे हियरिंग लॉस का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कई लोगों को यह पता ही नहीं कि ईयरफोन्स का इस्तेमाल करने के लिए सही साउंड लेवल क्या है।

    कैसे करें ईयरफोन्स का इस्तेमाल?

    इस पर डॉ. मोहन ने चेतावनी दी है कि डिवाइस की क्षमता के 60% से ज्यादा वॉल्यूम पर इयरफोन ( Earphones Side Effects) का लंबे समय तक इस्तेमाल आपको कानों की लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इससे बचने के लिए "60 के नियम" का पालन करें और 60% से कम वॉल्यूम पर रोजाना दिन में सिर्फ 60 मिनट के लिए भी ईयरफोन्स का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, ओवर-ईयर हेडफोन एक सेफ ऑप्शन हैं, क्योंकि वे साउंड को ईयर कैनल में उतनी गहराई तक नहीं पहुंचाते जितना कि इन-ईयर डिवाइस पहुंचाते हैं।

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