World Cancer Day 2025: क्यों युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है पेट का कैंसर, डॉ. से समझें इसके कारण
इस साल 4 फरबरी को World Cancer Day 2025 मनाया जाएगा। पेट के कैंसर के मामले युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है और कैसे इससे बचाव (Stomach cancer awareness) किया जा सकता है इस बारे में जानने के लिए हमने डॉक्टर से बात की। आइए जानते हैं पेट के कैंसर के कारण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में उन्होंने क्या बताया।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Cancer Day 2025: पेट का कैंसर (गैस्ट्रिक कैंसर) एक गंभीर बीमारी है, जो पहले ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन हाल के सालों में यह बीमारी युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है (rising cancer in youth)। यह चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि युवा पीढ़ी देश का भविष्य है।
पेट के कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण (Stomach cancer causes) हैं, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इससे बचा जा सकता है। आइए, इसके कारण और बचाव (expert insights on cancer) के बारे में डॉ. कौशल किशोर यादव (मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एसोशिएट डायरेक्टर और यूनिट हेड) से समझते हैं।
डॉ. यादव बताते हैं कि पेट का कैंसर दुनियाभर में होने वाला 5वां सबसे आम कैंसर है। हाल के सालों में युवाओं में इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं।
युवाओं में पेट के कैंसर के बढ़ने के कारण
- अनियमित खानपान- आजकल युवाओं की दिनचर्या में फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड की मात्रा काफी बढ़ गई है। खासकर स्मोक्ड फिश, सॉल्टेड फिश, रेड और प्रोसेस्ड मीट भी काफी ज्यादा मात्रा में खाया जाता है। इनमें मौजूद हानिकारक तत्व पेट की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।
- तंबाकू और शराब- धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन युवाओं में बढ़ रहा है। ये आदतें पेट के सेल्स को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
- मोटापा- गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण युवाओं में मोटापा बढ़ रहा है। मोटापा पेट के कैंसर के लिए एक अहम रिस्क फैक्टर है।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन- यह बैक्टीरिया पेट में संक्रमण पैदा करता है, जो लंबे समय तक रहने पर कैंसर का कारण बन सकता है। इस इन्फेक्शन के शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। इस वजह से इसका समय से पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
- एसिड रिफ्लक्स- क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स डिजीज (GRED) भी पेट के कैंसर का कारण बन सकती है। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से एसिड रिफ्लक्स की समस्या है और उसका समय से इलाज न करवाया जाए, तो इससे पेट की भीतरी लाइनिंग को नुकसान पहुंच सकता है। इससे भी पेट के कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।
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पेट के कैंसर से बचाव के उपाय
- हेल्दी डाइट- युवाओं को अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फाइबर से भरपूर फूड्स को शामिल करना चाहिए। एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स भी पेट की लाइनिंग को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। साथ ही, प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से दूर रहना चाहिए।
- सही वजन- फिजिकल एक्टिविटीज को अपने रूटीन में शामिल करें। नियमित एक्सरसाइज करने से मोटापा कम होता है और पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसलिए हेल्दी वजन मेंटेन करें।
- तंबाकू और शराब से दूरी- स्मोकिंग, तंबाकू और शराब का सेवन बिल्कुल न करें। ये आदतें न केवल पेट के कैंसर, बल्कि कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी की जांच- यदि पेट में लंबे समय तक दर्द, एसिडिटी या अपच की समस्या हो, तो डॉक्टर से संपर्क करके इस बैक्टीरिया की जांच करवाएं। समय पर इलाज से कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
- नियमित जांच- यदि आपके परिवार में पेट के कैंसर का इतिहास हो, तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं। शुरुआती स्तर पर कैंसर का पता चलने पर इलाज आसान हो जाता है।
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