World Brain Tumor Day 2025: क्या मोबाइल फोन के कारण भी हो सकता है ब्रेन ट्यूमर? डॉक्टर से जानें जवाब
हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (World Brain Tumor Day 2025) मनाया जाता है। ब्रेन ट्यूमर दिमाग से जुड़ी एक खतरनाक बीमारी है। इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल इस दिन को मनाया जाता है। आइए डॉक्टर से जानते हैं इसके शुरुआती लक्षण और क्या मोबाइल फोन भी इसकी वजह बन सकता है?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) का नाम सुनते ही लोग बेचैन हो उठते हैं। इस खतरनाक बीमारी के बारे में लोग बात करने से भी करतराते हैं। ऐसे में इसके बारे में लोगों को जागरूक करने, इसके इलाज को और बेहतर बनाने व ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को सपोर्ट करने के लिए हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (World Brain Tumor Day 2025) मनाया जाता है। ब्रेन ट्यूमर दिमाग या उसके आसपास असामान्य सेल ग्रोथ के कारण होता है।
इसके कारण दिमाग के फंक्शन, आसपास के ब्लड वेसल्स और टिश्यू को नुकसान पहुंच सकता है। आइए डॉ. आदित्य गुप्ता (डायरेक्टर- न्यूरोसर्जरी एंड साइबर नाइफ, आर्टिमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम) से जानते हैं कि ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण (Brain Tumor Symptoms) कैसे होते हैं और क्या मोबाइल फोन भी इसकी वजह बन सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं? (Early Signs of Brain Tumor)
हालांकि, ब्रेन ट्यूमर को शुरुआती स्टेज में पहचानना काफी मुश्किल होता है। दरअसल, इसके शुरुआती लक्षणों को लोग अक्सर माइग्रेन या स्ट्रेस से जोड़ लेते हैं। साथ ही, ये लक्षण काफी धीरे-धीरे विकसित होते हैं। इसलिए भी इन्हें पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन कुछ बातों पर ध्यान देकर इसकी पहचान जल्दी की जा सकती है, जैसे-
- सिरदर्द (खासकर सुबह के समय, जो समय के साथ बढ़ता जाए)
- मतली या उल्टी (बिना किसी कारण के)
- दृष्टि में बदलाव (धुंधला दिखना, डबल विजन, या अचानक दिखाई देना बंद होना)
- बैलेंस या कॉर्डिनेशन में कमी (चलने में लड़खड़ाहट, हाथ-पैरों का कमजोर होना)
- याददाश्त या फोकस में समस्या (भ्रम, बोलने में कठिनाई)
- दौरे पड़ना (अचानक बेहोशी या झटके आना, खासकर अगर पहले कभी न हुए हों)
- मूड या पर्सनालिटी में बदलाव (चिड़चिड़ापन, गुस्सा, या असामान्य व्यवहार)
अगर ये लक्षण लगातार बने रहें या बिगड़ते जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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क्या मोबाइल फोन से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है?
इस सवाल का जवाब इतना सीधा नहीं है। जब मोबाइल फोन सिर के ज्यादा करीब होता है, जैसे कॉल पर बात करते वक्त, तो उससे लो लेवल के रेडिएशन निकलते हैं। हालांकि, इसका कोई ठोस सबूत नहीं है कि मोबाइल फोन की वजह से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। लेकिन एहतियात बरतने के लिए फोन को सिर से दूर रखना चाहिए और कॉल पर बात करने के लिए भी स्पीकर मोड या ईयरफोन्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
हालांकि, मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन रेडिएशन से जितना दूर रह सकें, उतना दूर रहना चाहिए। साथ ही, किसी भी तरह के न्यूरोलॉजिकल लक्षण पर ध्यान देना जरूरी है।
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