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    World Asthma Day 2024: अस्थमा को और गंभीर बनाता है मोटापा, एक्सपर्ट से जानें कैसे

    अस्थमा एक गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से श्वांस प्रणाली से संबंधित समस्याएं होती हैं। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए इस साल 7 मई को World Asthma Day मनाया जा रहा है। मोटापे की वजह से भी अस्थमा की समस्या और गंभीर हो सकती हैं लेकिन कैसे। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में सबकुछ।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 06 May 2024 07:01 PM (IST)
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    मोटापा बढ़ा सकता है अस्थमा का जोखिम

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Asthma Day 2024: हर साल अस्थमा के बारे में और इसके इलाज को और बेहतर बनाने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मई के पहले मंगलवार को World Asthma Day मनाया जाता है। इस साल यह 7 मई को मनाया जा रहा है। अस्थमा श्वांस प्रणाली की एक गंभीर बीमारी है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सांस लेने पर सीटी जैसी आवाज आना, जैसे लक्षण (Asthma Symptoms) देखने को मिलते हैं।

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    अस्थमा को मैनेज करने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में काफी सुधार करने की जरूरत होती है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि मोटापे और अस्थमा के बीच गहरा कनेक्शन है। जी हां, मोटापे (Obesity) की वजह से अस्थमा (Asthma) के लक्षण और गंभीर हो सकते हैं और अगर यह बीमारी नहीं है, तो होने का खतरा भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि इस बारे में डॉ. प्रतिभा डोगरा (मैरिंगो एशिया अस्पताल, गुरुग्राम के पल्मोनोलॉजी विभाग की वरिष्ठ कंसल्टेंटे) का क्या कहना है।

    डॉ. डोगरा ने बताया कि मोटापा कई कारणों से अस्थमा की समस्या को गंभीर बना सकता है। मोटापे की वजह से शरीर में कई बदलाव आते हैं, जैसे- सूजन, हार्मोनल बदलाव आदि। मोटापे की वजह से इन वजहों से अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है।

    • सूजन- मोटापे की वजह से शरीर के हर हिस्से में क्रॉनिक सूजन, यानी लंबे समय तक रहने वाली सूजन हो सकती है, जिसमें श्वांस नली भी शामिल है। सूजन की वजह से श्वांस नली संकड़ी होने लगती है, जिसके कारण अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ सकती है। इसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ स्लीप एपनिया जैसी समस्या भी हो सकती है।

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    • मकेनिकल इफेक्ट्स- वजन ज्यादा होने की वजह से छाती और पेट पर काफी दबाव पड़ता है, जिसके कारण फेफड़ें पूरी तरह फूल नहीं पाते और इस वजह से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके कारण फेफड़ों ठीक से फंक्शन नहीं कर पाते। फेफड़ों के ठीक से काम न करने की वजह से एक्सरसाइज जैसी एक्टिविटी करते समय सांस फूलने या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
    • हार्मोनल बदलाव- मोटापे की वजह से हार्मोन असंतुलन हो सकता है। दरअसल, एडिपोज टिश्यू, जिन्हें हम फैट सेल्स भी कहते हैं, वे साइटोकाइन्स और हार्मोन्स रिलीज करते हैं, जो श्वांस नली को प्रभावित कर सकते हैं और सूजन का कारण बन सकते हैं। मोटापे की वजह से एडिपोनेक्टिन और लेप्टिन जैसे हार्मोन्स में असंतुलन अस्थमा के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं।
    • अन्य स्वास्थय परेशानियां- मोटापे की वजह से अन्य मेडिकल कंडिशन्स जैसे- स्लीप एपनिया, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और गैसट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) होने का जोखिम रहता है, जो अस्थमा के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं।
    • दवाओं का असर कम- कुछ शोधों के मुताबिक, जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं, उन पर अस्थमा की दवाओं, खासकर, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, जिसका श्वांस नली की सूजन कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, का असर काफी कम होता है।

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    Picture Courtesy: Freepik