क्या होगा अगर HIV पॉजिटिव महिला होगी गर्भवती? गाइनेकोलॉजिस्ट ने बताए हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए टिप्स
हर साल 1 दिसंबर को World Aids Day मनाया जाता है। यह दिन इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से मनाया जाता है। HIV इन्फेक्शन से होने वाली इस बीमारी को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। खासकर जब इस संक्रमण से पीड़ित महिला प्रेग्नेंट होती हैं। ऐसे में डॉक्टर बता रहे हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। एड्स (AIDS) एक गंभीर बीमारी है, जिसे लेकर आज भी लोगों के बीच जागरूकता की कमी है। आज भी लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां मौजूद हैं, जिसे दूर करने के मकसद से हर साल 1 दिसंबर को World Aids Day मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर एचआईवी और एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से प्रभावित लोगों का सम्मान करने के मकसद से मनाया जाता है। एड्स एचआईवी संक्रमण का लास्ट स्टेज होता है, जिसमें वायरस के कारण शरीर का इम्यूम सिस्टम बुरी तरह डैमेज हो जाता है।
यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करती है। खासकर अगर इस बीमारी से पीड़ित कोई महिला गर्भवती हो जाए, तो उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्या होगा जब एचआईवी पॉजिटिव महिला गर्भवती होती है और सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजी की निदेशक डॉ. आस्था दयाल ने जाना कि इस दौरान कैसे रखें अपना और अपने बच्चे का ख्याल-
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क्या होगा जब एचआईवी पॉजिटिव महिला होगी गर्भवती?
डॉक्टर बताती हैं कि जब एक एचआईवी पॉजिटिव महिला गर्भवती होती है, तो उसे सही मेडिकल केयर की जरूरत होती है, ताकि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। समय के साथ मेडिकल के फील्ड में हुई तरक्की के साथ अब एचआईवी से संक्रमित महिलाएं सामान्य तरीके से कंसीव कर सकती हैं और वायरस फ्री बच्चों को जन्म दे सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान एआरटी इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह शरीर में वायरल लोड को कम करता है और परिणामस्वरूप, बच्चे में अंदर वायरस जाने की की संभावना कम हो जाती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान चेकअप जरूरी
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड टेस्ट जैसे रेगुलर चेकअप की मदद से बच्चे के विकास के साथ-साथ मां के स्वास्थ्य की निगरानी करने में भी मदद मिलती है। बच्चे को संक्रमित होने से बचाने के लिए अक्सर सिजेरियन सेक्शन के जरिए डिलीवरी करने की सलाह दी जाती है। वहीं, ब्रेस्टफीडिंग आमतौर पर तब तक मना होता है, जब तक कि ब्रेस्ट मिल्क के जरिए एचआईवी के प्रवाह को रोकने के लिए एआरटी का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है। सही पोषण, तनाव से राहत और संक्रमण से बचाव यह सुनिश्चित करता है कि वह प्रेग्नेंसी के दौरान मां और बच्चा स्वस्थ रहे।
इस दौरान डॉक्टर से नियमित चेकअप कराते रहें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रेग्नेंसी सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ रही है। एचआईवी कैसे फैलता है, इसके बारे में सही और पूरी जानकारी रखे। इससे सुरक्षित गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है और वायरस से संक्रमित बच्चे को जन्म देने की संभावना कम हो जाती है।
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