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    अकेलेपन से जूझ रही महिलाओं में होती है Sugar Cravings, जानिए क्यों वैज्ञानिक बता रहे हैं इसे खतरे की घंटी

    शुगर क्रेविंग के नुकसान आपने कई बार सुने होंगे लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह को जानते हैं? दरअसल हाल ही में सामने आई एक स्टडी में इस बात की जानकारी सामने आई है कि जो महिलाएं अकेलेपन से जूझ रही होती हैं उनमें मीठा खाने की क्रेविंग कुछ ज्यादा देखने को मिलती है। आइए जान लीजिए अन हेल्दी ईटिंग हैबिट और नकारात्मक मानसिक लक्षण के बीच का संबंध।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 09 Apr 2024 11:00 PM (IST)
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    Sugar Cravings: महिलाओं पर हुई इस स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बातें

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Sugar Cravings: आजकल बच्चे हों या बड़े, मीठा खाने के शौक में कोई किसी से पीछे नहीं है। सेहत से जुड़ी एक रिपोर्ट की मानें, तो महिलाओं में ये शुगर क्रेविंग पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखने को मिलती है, जिसके पीछे हार्मोनल चेंजेस सबसे बड़ा कारण माने जाते हैं। एक ओर जहां 68 फीसदी पुरुषों में ये क्रेविंग्स पाई जाती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ 97 प्रतिशत महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। इस बीच, हाल ही में हुई एक स्टडी के नतीजे भी सामने आए हैं, जो बताते हैं कि अकेलापन महसूस कर रही महिलाओं में शुगर क्रेविंग्स ज्यादा देखी जाती हैं। आइए जान लीजिए कि इस मुद्दे पर क्या कुछ कहती है स्टडी।

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    चिंता और डिप्रेशन की समस्या

    लॉस एंजेलिस स्थित 'कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी' के विशेषज्ञ बताते हैं कि अन हेल्दी ईटिंग हैबिट और नकारात्मक मानसिक लक्षण के बीच एक गहरा संबंध होता है। स्टडी को लीड करने वाले डॉ जियाओबेई झांग ने कहा,'मीठा खाने की क्रेविंग होने पर आप और भी ज्यादा भोजन खाने लगते हैं। ऐसे में चिंता और डिप्रेशन की समस्या बढ़ सकती है, जो आपको और भी ज्यादा खाने के लिए प्रेरित कर सकता है।' 'जामा नेटवर्क ओपन' की एक स्टडी में शामिल डॉ कहती हैं कि अभी इस बात को लेकर स्टडी करनी बाकी है, कि हमारा ब्रेन अकेलेपन को कैसे प्रोसेस करता है, और यह मीठे की क्रेविंग या मोटापे से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स के लिए कैसे जिम्मेदार है।

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    93 महिलाओं पर हुआ अध्ययन

    'कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी' की इस स्टडी में ऐसी 93 महिलाओं को शामिल किया गया, जो अकेलेपन और अलगाव से जूझ रही थीं। ऐसे में उनकी डाइट हैबिट्स को लेकर कुछ सवाल भी किए गए। इसके अलावा शरीर में फैट का अनुमान लगाने के लिए बॉडी कंपोजिशन टेस्ट का भी सहारा लिया गया।

    इन महिलाओं में पाई गई शुगर क्रेविंग की समस्या

    स्टडी में सामने आए नतीजों में सामाजिक रूप से अलग रह रही महिलाओं में शुगर क्रेविंग की समस्या ज्यादा देखने को मिली। इसके अलावा इन महिलाओं में बॉडी फैट और खराब डाइट भी देखी गई। स्टडी में बताया गया है कि अकेले जीवन गुजार रही महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या भी काफी बड़ी थी। बता दें, कि इन महिलाओं को मीठे और नमकीन भोजन की तस्वीरें भी दिखाई गईं, इस बीच एमआरआई (MRI) स्कैन से उनकी दिमागी गतिविधि को भी रिकॉर्ड किया गया, जिसमें पाया गया कि इन महिलाओं में शुगर क्रेविंग काफी ज्यादा थी।

    शुगर से पड़ता है ये प्रभाव

    शोधकर्ताओं का कहना है कि नमकीन के मुकाबले मीठी चीजें हमारे दिमाग पर ज्यादा स्पष्ट और गहरा प्रभाव डालती हैं। शुगर युक्त फूड्स सामाजिक बहिष्कार से जुड़े सामाजिक दर्द को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसका हमारे शरीर पर एनाल्जेसिक प्रभाव पड़ता है,लेकिन बता दें कि शोधकर्ता इस बात को लेकर भी सावधान कर रहे हैं, कि अकेले रहने से स्मोकिंग और मोटापे से होने वाला नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

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    Picture Courtesy: Freepik