महिलाओं को ज्यादा सता रहा कैंसर का खतरा, ये कारण बढ़ा रहे इस गंभीर बीमारी का रिस्क
दुनियाभर में कैंसर चिंता का विषय बना हुआ है। इसकी वजह से हर साल कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। भारत में भी यह बीमारी बढ़ती जा रही है। खासकर महिलाओं मे ...और पढ़ें

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। खासकर भारत में पिछले कुछ समय से कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर चिंता का विषय है। यह बीमारी किसी को भी अपना शिकार बना सकती है, चाहे वह किसी भी उम्र या लिंग का हो।
इतना ही नहीं बीते कुछ साल में महिलाओं में कैंसर (Women Cancer Risk in India) के ज्यादा मामले आए है। भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रही हैं। ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद WHO के आंकड़े बता है। आइए आपको बताते हैं क्यों भारत में महिलाओं में बढ़ रहे कैंसर के मामले-
भारत में 2022 में कैंसर के नए मामले
भारत में महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों की पुष्टि WHO के आंकड़े करते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, साल 2022 में भारत में लगभग 14,13, 316 नए कैंसर के मामले सामने आए।
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कैंसर के नए मामले
- पुरुष: लगभग 6,91,178 नए मामले।
- महिलाएं: लगभग 7,22,138 नए मामले।
कैंसर से डेथ रेट:
- पुरुष: लगभग 4,70,055 मौतें।
- महिलाएं: लगभग 4,46,772 मौतें।
ऊपर दिए गए आंकड़ों से साफ है कि भारत में पुरुषों की तुलना महिलाएं कैंसर की चपेट में ज्यादा आ रही हैं। हालांकि, आंकड़ों से यह भी साफ हुआ कि कैंसर से हुई मौत के मामलों में पुरुषों की संख्या ज्यादा है।
महिलाओं में सबसे आम कैंसर के प्रकार
- ब्रेस्ट कैंसर: भारतीय महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, जो सभी नए कैंसर मामलों में से लगभग 26.6% है।
- सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लगभग 17.7% नए मामले इसी से होते हैं।
- ओवेरियन कैंसर: लगभग 6.6%मामले।
- ओरल कैंसर: कम आम लगभग 5.0% लेकिन फिर भी महत्वपूर्ण।
क्यों महिलाओं में ज्यादा है कैंसर का खतरा
एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल सोनीपत में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ अरुण कुमार गोयल बताते हैं कि कई वजहों से महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। बायोलॉजिकल, जेनेटिक और पर्यावरण से जुड़े कारकों (Cancer Risk Factors) की वजह से महिलाओं में कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। ये कारक बनते हैं महिलाओं में कैंसर का कारण-
- हार्मोनः एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
- जेनेटिक म्यूटेशन: बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जैसे जेनेटिक म्यूटेशन महिलाओं में कैंसर के हाई रिस्क में अहम योगदान देते हैं।
- जीन पॉलिमॉर्फिज्म: जीन पॉलिमॉर्फिज्म में अंतर कैंसर के मामलों में योगदान कर सकता है।
- कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आनाः स्मोकिंग के धुएं, रेडॉन गैस, प्रदूषण और पर्यावरण में मौूद अन्य टॉक्सिन्स के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- लाइफस्टाइल फैक्टरः महिलाएं अक्सर अपनी सेहत और खानपान को नजरअंदाज करती हैं। खराब डाइट, फिटिकल एक्टिविटी की कमी, वजन और तनाव का लेवल सभी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
- रिप्रोडक्टिव फैक्टरः जिस उम्र में एक महिला को पीरियड्स शुरू होते हैं और जब मेनोपॉज आता है, वह उसके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष:
आंकड़ों से साफ है कि भारत में महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कैंसर मामले थोड़े ज्यादा हैं, लेकिन डेथ रेट पुरुषों में अधिक है। इससे पता चलता है कि जहां महिलाओं में कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है, वहीं पुरुषों में इससे मरने की संभावना अधिक है। आंकड़ों के इन अंतर में बायोलॉजिकल, लाइफस्टाइल, सोशल, मेडिकल जैसे कई फैक्टर अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए बचाव (Cancer Prevention Tips) के लिए सावधानी और जागरूकता बेहद जरूरी है।
Source:
WHO की वेबसाइट: https://gco.iarc.who.int/media/globocan/factsheets/populations/356-india-fact-sheet.pdf
अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट: https://www.americanoncology.com/blogs/are-women-more-affected-by-cancer-than-men-in-india
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