क्यों हर साल मनाया जाता है World COPD Day? जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण आजकल सांस लेने की समस्याएं आम हो गई हैं। इनमें से एक गंभीर बीमारी है COPD यानी क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज। इस बीमारी में फेफड़े धीरे-धीरे खराब होते जाते हैं और सांस लेने में मुश्किल होती है। इस साल 20 नवंबर को मनाए जा रहे World COPD Day 2024 के मौके पर आइए आपको बताएं इस बीमारी के कारण लक्षण और बचाव के उपाय।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल नवंबर महीने के तीसरे बुधवार को विश्व सीओपीडी दिवस (World COPD Day 2024) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को सीओपीडी के बारे में जागरूक करना और इसके इलाज के बारे में जानकारी देना है। इस साल यह दिवस 20 नवंबर को मनाया जा रहा है। बता दें, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो धीरे-धीरे बढ़ती है। यह बीमारी मुख्य रूप से दो स्थितियों के कारण होती है- वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस। वातस्फीति में, फेफड़ों के वायुकोष क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। दूसरी ओर, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस में, फेफड़ों की नलियां सूज जाती हैं और लगातार बलगम बनता रहता है। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
क्यों मनाते हैं विश्व सीओपीडी दिवस?
सीओपीडी दिवस, हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है, फेफड़ों की इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक वैश्विक प्रयास है। इस दिन की शुरुआत साल 2002 में हुई थी। इसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव लंग डिजीज ने दुनिया भर के डॉक्टरों और सीओपीडी मरीजों के साथ मिलकर शुरू किया था। यह दिन हमें जागरूक करता है कि सीओपीडी को रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए इस बीमारी का मैनेजमेंट बेहद जरूरी है।
सीओपीडी क्या है?
सीओपीडी का पूरा नाम क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें फेफड़ों की नलियां समय के साथ धीरे-धीरे संकरी होती जाती हैं। इससे फेफड़ों में हवा का आवागमन कम हो जाता है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत, खांसी और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं होती हैं। बता दें, सीओपीडी से जूझ रहे लोगों के लिए रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है।
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कैसे होते हैं सीओपीडी के लक्षण?
- सांस लेने में कठिनाई: यह समस्या खासतौर से फिजिकल एक्टिविटी के दौरान होती है।
- लगातार खांसी: यह परेशानी खासकर सुबह के समय ज्यादा होती है।
- बलगम बनना: खांसी के साथ बलगम निकलना।
- छाती में जकड़न: सांस लेने में परेशानी के साथ छाती में जकड़न का एहसास होना।
- थकान: सीओपीडी के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे थकान महसूस होती है।
- वजन कम होना: बिना किसी कारण के अचानक वजन कम होना।
क्या हैं सीओपीडी के कारण?
- स्मोकिंग: सिगरेट पीना सीओपीडी का सबसे बड़ा कारण है।
- वायु प्रदूषण: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से भी सीओपीडी हो सकता है।
- केमिकल्स के संपर्क में आना: कुछ केमिकल्स के संपर्क में आने से भी फेफड़े डैमेज हो सकते हैं।
- फैमिली हिस्ट्री: कुछ लोगों में फैमिली हिस्ट्री के चलते सीओपीडी होने का खतरा ज्यादा होता है।
- अल्फा-1-एंटीट्रिप्सिन की कमी: यह एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है जो सीओपीडी का कारण बन सकती है।
कैसे किया जाता है सीओपीडी का इलाज?
सीओपीडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से इसके लक्षणों को कम करके बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
- दवाएं: डॉक्टर आपको सांस लेने में आसानी के लिए दवाएं दे सकते हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी: गंभीर मामलों में, आपको ऑक्सीजन थेरेपी का सहारा लेना पड़ सकता है।
- पुलमोनरी रिहैबिलिटेशन: यह एक एक्सरसाइज प्रोग्राम है जो आपको सांस लेने और फिजिकल एक्टिविटी को सहन करने में मदद करता है।
- सर्जरी: कुछ मामलों में, इस बीमारी को ट्रीट करने के लिए सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है।
सीओपीडी से बचाव कैसे करें?
सीओपीडी से बचाव के लिए आप कुछ बातों का ख्याल रख सकते हैं।
- स्मोकिंग छोड़ें: सीओपीडी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है- स्मोकिंग छोड़ना।
- वायु प्रदूषण से बचें: जितना हो सके प्रदूषित हवा में सांस लेने से बचें।
- हेल्दी डाइट लें: फेफड़ों को हेल्दी रखने में एक हेल्दी भी काफी मददगार हो सकती है।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें: फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए आप रेगुलर एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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