बच्चे हों या बड़े…क्यों बैठे-बैठे नाखून चबाते हैं लोग? गारंटी है आपको भी नहीं पता होगी इसकी वजह
नाखून चबाना एक आम आदत है जिसे ओनिकोफेगिया भी कहते हैं। यह आदत बच्चों से लेकर वयस्कों तक में पाई जाती है। मनोवैज्ञनिकों के अनुसार बोरियत तनाव अकेलापन और ओसीडी जैसे कारणों से लोग नाखून चबाते हैं। कुछ लोग जो पर्सनल हाइजीन को लेकर ज्यादा सजग होते हैं या जो असाधारण प्रदर्शन करने वाले होते हैं उनमें भी यह आदत देखी जाती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे आसपास कई तरह के लोग रहते हैं, जिनकी कई ऐसी आदतें होती है, जो काफी अजीबोगरीब होती है। इनमें से कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो बचपन से ही हमारे साथ रहती हैं और इसलिए इन्हें छोड़ पाना मुश्किल होता है। नाखून चबाना इन्हीं आदतों में से एक है, जिसे ओनिकोफेगिया भी कहा जाता है। यह एक ऐसा ह्यूमन बिहेवियर है, जो आमतौर पर कई लोगों में पाया जाता है।
हैरानी की बात यह है कि ये आदत सिर्फ बच्चों में ही नहीं, बल्कि कई वयस्कों में भी पाई जाती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर लोगों को नाखून चबाने की आदत क्यों होती हैं? अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो नाखून चबाते हैं या आपके आसपास कोई ऐसा है, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्यों कुछ लोगों की नाखून चबाने की होती है आदत-
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क्यों अपने नाखून चबाते हैं लोग?
लोग अपने नाखून क्यों चबाते हैं, इस पर कई तथ्य और अध्ययन मौजूद हैं। इस बारे में एक फेमस न्यूरोलॉजिस्ट सिगमंड फ्रायड के अनुसार, नाखून चबाना व्यक्ति के मनोलैंगिक विकास (psychosexual development) में दोष का संकेत है। कुछ अन्य अध्ययन और शोध में नाखून चबाने के निम्न कारण पाए गए हैं:-
बोरियत और तनाव का संकेत
कई लोगों का ऐसा मानना है कि नाखून चबाना बोरियत और तनाव का संकेत है। जब लोग अपने नाखून चबाते हैं, तो इससे उनकी चिंता कम होती है। इसके अलावा, जब कोई बोरियत का अनुभव करता है, तो नाखून चबाने से हमारे बाकी की इंद्रियाँ व्यस्त रहती हैं, जिससे बोरियत की भावना दूर होती है। इसके अलावा अकेलापन और हताशा जैसे कुछ भावनात्मक व्यवहार भी नाखून चबाने की इच्छा को बढ़ा सकते हैं।
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD)
नाखून चबाना ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) का भी एक संकेत है। यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जो ज्यादातर उन लोगों में पाई जाती है जो अपनी पर्सनल हाइजीन को लेकर बहुत ज्यादा सजग रहते हैं या फिर ऐसे लोगों में जिनका व्यवहार एक जैसा होता है, जैसे बार-बार दरवाजे के ताले चेक करना।
जो बच्चे अपने नाखून चबाते हैं, उनमें अक्सर अटेंशन डेफिशिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), सेपरेशन एंग्जायटी डिसऑर्डर, बिस्तर गीला करना और अपोजिशनल डेफिएंट डिसऑर्डर (ODD) जैसे मानसिक विकार पाए जाते हैं।
इन लोगों की भी होती है नाखून चबाने की आदत
नाखून चबाना उन लोगों में भी पाया जाता है, जो ज्यादातर प्रतिभा पर केंद्रित रहते हैं और असाधारण प्रदर्शन के प्रति आवेगशील होते हैं। चूंकि ये लोग आसानी से ऊब जाते हैं और चिढ़ जाते हैं, इसलिए वे बॉडी-फोकस्ड रिपीटिव डिसऑर्डर (BFRB) के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं। वे अपनी बोरियत को अपने आस-पास की चीजों पर निकालते हैं और नाखून चबाना उनकी कंपल्सिव आदत का हिस्सा बन जाता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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