अब 20-40 की उम्र के युवाओं को भी शिकार बना रहा है कोलन कैंसर, इन 6 लक्षणों से करें इसकी पहचान
कोलन कैंसर अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही है। कम उम्र के युवा भी अब इसकी चपेट में आ रहे हैं। युवाओं में बढ़ते कोलन कैंसर के मामलों के पीछे कई र ...और पढ़ें

युवाओं में क्यों बढ़ रहा है कोलन कैंसर? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोलन कैंसर (Colon Cancer), जिसे पहले बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, अब युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। पहले आमतौर पर यह समस्या 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को होती थी, लेकिन अब 20-40 साल के युवाओं में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा क्यों हो रहा है। अब ऐसे क्या बदलाव आ रहे हैं, जिनके कारण युवाओं में कोलन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और किन लक्षणों (Colon Cancer Symptoms) की मदद से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। आइए जानें इस बारे में।
युवाओं में कोलन कैंसर बढ़ने के कारण
- मॉडर्न लाइफस्टाइल- रूटीन फिक्स न होना, देर रात तक जागना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और तनाव का बढ़ता स्तर कोलन कैंसर के मुख्य रिस्क फैक्टर हैं।
- खान-पान में बदलाव- प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड, रेड मीट ज्यादा मात्रा में खाना और फाइबर से भरपूर फूड्स (साबुत अनाज, फल, सब्जियां) की कमी ने पाचन तंत्र पर दबाव डाला है।
- मोटापा और डायबिटीज- युवाओं में बढ़ती मोटापे और डायबिटीज की दर ने कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ाया है।
- शराब और धूम्रपान- युवावस्था में शराब और तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल भी कोलन कैंसर की एक वजह है।
- जेनेटिक फैक्टर्स- कुछ मामलों में जेनेटिक कंडीशन के कारण भी कोलन कैंसर हो सकता है।
- पर्यावरणीय कारक- प्रदूषण, कीटनाशक और हानिकारक केमिकल के संपर्क में आना भी कोलन कैंसर का खतरा बढ़ा रहा है।
कोलन कैंसर के लक्षण कैसे होते हैं?
कोलन कैंसर की शुरुआती पहचान उसके इलाज की सफलता दर बढ़ाने में अहम है। कोलन कैंसर के इन लक्षणों से सावधान रहना चाहिए-
- मल त्याग की आदतों में बदलाव- लंबे समय तक कब्ज या दस्त की शिकायत, मल की मात्रा या आकार में बदलाव।
- मल में खून आना- यह सबसे बड़ा वॉर्निंग सिग्नल है। मल के साथ खून आना कोलन कैंसर का संकेत है।
- पेट की समस्याएं- लगातार पेट दर्द, ऐंठन, गैस, सूजन या भारीपन का एहसास होना।
- कब्ज- मल त्याग के बाद भी पेट साफ न होने का एहसास।
- बिना कारण वजन घटना- बिना किसी कोशिश के वजन का तेजी से कम होना।
- थकान और कमजोरी- एनीमिया के कारण लगातार थकान रहना, जो आंतों से खून रिसने के कारण हो सकता है।
बचाव के लिए क्या करें?
कोलन कैंसर का खतरा कम करने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करना जरूरी है। रोज एक्सरसाइज करें, हेल्दी खाना खाएं, स्मोकिंग और शराब से परहेज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और हेल्दी वजन बनाए रखना कोलन कैंसर के खतरे को कम करने में काफी मददगार हैं। साथ ही, 45 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से स्क्रीनिंग करवाना जरूरी है।

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