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    युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं Stroke के मामले, इन लक्षणों की पहचान करके बचाई जा सकती है जान

    Updated: Tue, 10 Dec 2024 01:58 PM (IST)

    स्ट्रोक एक ऐसी कंडीशन है जिसमें वक्त पर इलाज न मिले तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसके मामले पहले बुजुर्गों में ज्यादातर देखने को मिलते थे लेकिन अब युवा भी तेजी से इसका शिकार बन रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक के इन बढ़ते मामलों के पीछे की वजह और इसके लक्षणों (Stroke Symptoms in Youth) के बारे में जानना जरूरी है ताकि इससे जान बचाई जा सके।

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    Stroke के लक्षणों की पहचान से बचाई जा सकती है जान (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Early Stroke Warning Signs: बदलती लाइफस्टाइल के कारण कुछ बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इनमें स्ट्रोक भी शामिल है। युवाओं में स्ट्रोक के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक गंभीर चुनौती बनकर सामने आ रही है। पहले जहां यह बुजुर्गों को प्रभावित करता था, अब युवाओं के भी अपनी चपेट में ले रहा है। इसलिए इसके पीछे के कारण (Causes of Stroke in Young People) और लक्षणों (Stroke Symptoms in Youth) को समझना जरूरी है, ताकि इनसे निपटने के उपायों पर ध्यान दिया जा सके।

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    क्या है स्ट्रोक?

    सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि स्ट्रोक होता क्या है। स्ट्रोक एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें दिमाग की नस फट जाती है या ब्लॉक हो जाती है, जिसके कारण हीमोरेज यानी ब्लीडिंग होने लगती है और दिमाग के उस हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचना बंद हो जाता है। इस वजह से उस हिस्से के सेल्स मरने शुरू हो जाते हैं और बॉडी फंक्शन प्रभावित होने लगता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो व्यक्ति की जान जाने या पैरालिसिस का खतरा काफी बढ़ जाता है।

    stroke symptoms

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    स्ट्रोक के कारण क्या हैं?

    स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के पीछे लाइफस्टाइल और कुछ हेल्थ कंडीशन जिम्मेदार हो सकते हैं।

    stroke risk factors

    जीवनशैली में बदलाव

    • अनहेल्दी डाइट- फास्ट फूड, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को ज्यादा मात्रा में खाने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
    • फिजिकल एक्टिविटी की कमी- बैठकर काम करने का बढ़ता चलन और एक्सरसाइज की कमी मोटापे को बढ़ावा देती है, जो स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है।
    • तनाव- लगातार तनाव दिल की गति और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
    • स्मोकिंग और ड्रिंकिंग- स्मोक करने से ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है और शराब पीने से दिल कमजोर होता है। ये दोनों ही स्ट्रोक के प्रमुख रिस्क फैक्टर हैं।

    स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

    • हाई ब्लड प्रेशर- ब्लड प्रेशर बढ़न से ब्लड वेसल्स पर दबाव पड़ता है, जिससे उनमें खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।
    • हाई कोलेस्ट्रॉल- हाई कोलेस्ट्रॉल ब्लड वेसल्स में प्लाक जमा करता है, जिससे खून के प्रवाह में रुकावट आती है।
    • डायबिटीज- डायबिटीज ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है और ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
    • हार्ट डिजीज- दिल की किसी बीमारी से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।

    अन्य कारण

    • नशीली दवाएं (ड्रग्स) लेना- कुछ नशीली दवाएं लेने से दिल की गति और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
    • स्लीप एपनिया- स्लीप एपनिया एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट आती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।