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    क्या है Zombie Deer Disease जो बन सकती है नई आपदा, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

    कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब एक नई बीमारी ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल हाल ही में अमेरिका में क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज यानी जॉम्बी डियर डिजीज (Zombie Deer Disease) के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए वैज्ञानिकों मे इसके इंसानों में फैलने की चेतावनी दी है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ-

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 28 Dec 2023 06:38 PM (IST)
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    क्या है जॉम्बी डियर डिजीज, जो बन सकती है आपदा

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Zombie Deer Disease: एक कोरोना के नए वेरिएंट और इसके मामलों ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है, तो वहीं अब एक नई बीमारी को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है। हाल ही में अमेरिका में शोधकर्ताओं ने क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (सीडब्ल्यूडी) के प्रसार को लेकर चेतावनी जारी की है। इस बीमारी को 'जॉम्बी डियर डिजीज' के नाम से भी जाना जाता है, जो जानवरों को बेहोश और भ्रमित कर देती है। इसका पहला मामला नवंबर में येलोस्टोन नेशनल पार्क में पाया गया था।

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    अमेरिका के व्योमिंग में हिरण, मूस और एल्क के 800 नमूनों में यह बीमारी पाई गई, जिसने वैज्ञानिकों की चिंता को बढ़ा दिया है। क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज यानी सीडब्ल्यूडी को विशेषज्ञों द्वारा ''धीमी गति से चलने वाली आपदा'' के रूप में लेबल किया गया है। साथ ही इस बीमारी के जानवरों से इंसानों में फैलने की संभावनाओं के लिए तैयार रहने का सलाह दी है।

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    एक विदेशी मीडिया के मुताबिक सीडब्ल्यूडी के एक शोधकर्ता का मानना है यह जरूरी नहीं कि ऐसा होने वाला है, लेकिन लोगों को तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि इस बीमारी को खत्म करने का कोई ज्ञात तरीका नहीं है, न तो इससे संक्रमित होने वाले जानवरों से और न ही इससे प्रदूषित होने वाले पर्यावरण से। हालांकि, अभी तक इंसानों में इसका कोई मामला नहीं पाया गया है।

    क्या है जॉम्बी डियर डिजीज?

    'जॉम्बी डियर डिजीज' एक घातक और संक्रामक बीमारी है, जो सर्विड्स नामक जानवरों के एक विशेष समूह को प्रभावित करती है, जिसमें एल्क, हिरण, मूस, रेनडियर और कारिबू शामिल हैं। यह बीमारी एक विकृत प्रोटीन (प्रियोन) के कारण होती है, जो ब्रेन और अन्य टिशूज में जमा हो जाता है, जिससे शारीरिक और व्यवहारिक परिवर्तन और अंततः मौत हो जाती है।

    कैसे फैलती है यह बीमारी?

    कुछ अध्ययनों की मानें तो, अगर बंदर इस बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं। अगर वह संक्रमित जानवरों के शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आते हैं। इसके अलावा यह सीधे पशु-से-पशु संपर्क से या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण में घूम रहे संक्रामक कणों जैसे मल, मिट्टी या वनस्पति के संपर्क से भी फैलती है। अगर पशुओं का चारा या चारागाह इस वायरस से प्रभावित हो, तो वे भी संक्रमित हो सकते हैं।

    जॉम्बी डियर डिजीज के लक्षण

    CDC के मुताबिक हिरण में इस बीमारी के लक्षण विकसित होने में एक साल से ज्यादा समय लग सकता है। इसके लक्षणों में आमतौर पर हिरण के वजन में भारी गिरावट, इधर-उधर लड़खड़ाना और अंततः सारी एनर्जी खत्म होना शामिल है। वर्तमान में, CWD का कोई इलाज या टीका नहीं है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik