Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण में स्वस्थ रखना चाहते हैं रेस्पिरेटरी सिस्टम, तो ये 5 जड़ी-बूटियां होंगी मददगार
Air Pollution बीते कुछ समय से दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। बढ़ते प्रदूषण का हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगर आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहते हैं तो आज ही डाइट में इन 5 जड़ी-बूटियों को शामिल करें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Air Pollution: दिल्ली-मुंबई समेत देश के कई हिस्सों में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ दिनों से राजधानी दिल्ली समेत देश के ज्यादातर शहरों की हवा जहरीली होती जा रही है, जिसकी वजह से सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच आप खुद को सेहतमंद रखने के लिए सही आदतें और उपाय अपनाएं। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप बढ़ते प्रदूषण में अपने रेस्पिरेटरी सिस्टम को हेल्दी रख सकते हैं।
पिप्पली
आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो सेहत को ढेर सारे फायदे पहुंचाती हैं। पिप्पली या लॉन्ग पेपर इन्हीं में से एक है, जो हमारे पूरे रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए फायदेमंद होती है। यह फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करती है। साथ ही इसमें मौजूद पिपेरिन में कफ निकालने, वातहर और संक्रमण-रोधी गुण होते हैं।
मुलेठी
मुलेठी एक और असरदार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर खांसी और गले की खराश को कम करने के लिए के किया जाता है। हालांकि, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी विभिन्न पुरानी मेडिकल कंडीशन के इलाज के लिए भी इसका किया जा सकता है। मुलेठी की जड़ में पाया जाने वाला ग्लाइसीराइजिन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण के खिलाफ शरीर की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करता है।
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तुलसी
तुलसी एक ऐसा पौधा है, जो लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी का काफी महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के साथ ही तुलसी प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी को मजबूत करती है, क्योंकि इसमें हाई लेवल एंटीऑक्सीडेंट, जिंक और विटामिन सी होते हैं। साथ ही तुलसी में एंटीवायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो रेस्पिरेटरी सिस्टम को सुधारने और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
वसाका के पत्ते
वसाका के पत्ते, जिसे आमतौर पर अधतोदावासिका या मालाबार नट कहा जाता है, रेस्पिरेटरी से जुड़ी बीमारियों के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचार है। यह फेफड़ों को साफ करता है और ब्रोंकाइटिस, टीबी और अन्य फेफड़ों की बीमारियों का इलाज करते हुए ब्रोन्कोडायलेशन को बढ़ाता है।
पुदीना
कई अध्ययनों से पता चलता है कि पुदीना फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में कैसे मदद करता है। यह एक डिकॉन्गेस्टेंट के रूप में कार्य करता है, जिसका अर्थ है कि यह नाक की झिल्ली की सूजन से राहत देता है और रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा हुए बलगम को खत्म करता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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