White Lung Syndrome: बच्चों में खांसी, बुखार को न करें इग्नोर, हो सकते हैं व्हाइट लंग सिंड्रोम के लक्षण
White Lung Syndrome चीन में एक बार फिर से एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है जिसे लोग व्हाइट लंग सिंड्रोम मिस्टीरियस निमोनिया और कुछ लोग वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं जो 3 से 8 साल के बच्चों को अपना शिकार बना रही है। आखिर क्या है इसकी वजह और कैसे पहचानें इसके लक्षण को आइए जानते हैं। साथ ही बचाव के उपाय भी।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। White Lung Syndrome: कोविड के बाद चीन में अब एक नई बीमारी तेजी से फैल रही है। जिसे ‘व्हाइट लंग सिंड्रोम’ (White Lung Syndrome) कहा जा रहा है। चीन के अलावा नीदरलैंड, अमेरिका और डेनमार्क में भी इस बीमारी के मामले सामने आए हैं। जिसे लेकर एक बार फिर से लोगों टेंशन में आ गए हैं। 2 दिसंबर को अमेरिका के ओहायो में ‘व्हाइट लंग सिंड्रोम’ के लगभग 142 मामले दर्ज किए गए। चीन में फैल रही इस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु को अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद से राज्य सरकारों ने हेल्थ डिपार्टमेंट को सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। राज्य सरकारों ने लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। एक बार फिर से लोगों को मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।
इस डिजीज को रहस्ययी निमोनिया कहा जा रहा है। यह डिजीज बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जरिए फैलती है। इस बैक्टीरिया को माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया कहते हैं। रहस्यमी बीमारी इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि निमोनिया में कफ की दिक्कत होती है, लेकिन इस बीमारी में लंग्स में गोल चकत्ते होते हैं। इस बीमारी के शिकार ज्यादातर 3 से 8 साल के बच्चे हो रहे हैं। इस बीमारी के फैलने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। चीन इस बीमारी को लेकर कोई डेटा भी रिलीज नहीं कर रहा है। चीनी ऑफिशियल्स इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं।
क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम?
व्हाइट लंग सिंड्रोम में बच्चों की छाती में एक तरह का सफेद पैच हो जाता है। जिसका पता एक्स-रे के बाद ही चलता है। इसके शिकार बच्चों को सांस से जुड़ी समस्याएं परेशानियां हो सकती हैं।
व्हाइट लंग सिंड्रोम के लक्षण
- बुखार
- खांसी
- सांस नली में सूजन
- फेफड़ों में सूजन
- गले में दर्द के साथ खराश
डब्ल्यूएचओ (WHO) की गाइडलाइन
- हाथों को साफ रखें।
- समय पर वैक्सीनेशन करवाएं।
- बीमार व्यक्ति से दूर रहें।
- बीमार होने पर आइसोलेट हो जाएं।
- समय पर जरूरी टेस्ट करवाएं और मेडिकल हेल्प लें।
क्यों बच्चे हो रहे हैं इसका शिकार?
बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, इसलिए ये बीमारी बचचों को अपनी चपेट में ले रही है, लेकिन इसका मतलब ये भी कतई नहीं कि सिर्फ बच्चों पर ही इसका अटैक होगा, जिसकी भी इम्युनिटी कमजोर है, वो इस बीमारी के चपेट में आ सकता है।
सर्दियों में निमोनिया फैलने की वजह
- सर्दियों में शरीर के साथ वातावरण का तापमान भी कम हो जाता है। 8 से 15 डिग्री तक का तापमान इस बैक्टीरिया के पनपने के एकदम अनुकूल होता है।
- इसके अलावा ठंड के मौसम में प्रदूषण भी अन्य मौसम के मुकाबले ज्यादा होता है। जिस वजह से ये बैक्टीरिया आसानी से सर्दी में लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है।
ये भी पढ़ेंः- निमोनिया से चाहते हैं जल्दी छुटकारा, तो ये फूड आइटम्स होंगे मददगार
Pic credit- freepik
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।