Move to Jagran APP

Breathing problems in kids: अगर आपके बच्चे को भी है सांस से जुड़ी समस्याएं, तो ध्यान रखें ये जरूरी बातें

Breathing problems in kids सांस से जुड़ी प्रॉब्लम्स का शिकार सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी हो सकते हैं। और उनमें ये स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो सकती है अगर समय रहते इसकी जांच और इलाज के साथ जरूरी सावधानियां न बरती जाएं। घर में किस प्रकार की सावधानियां रखने से बच्चों में इस समस्या को कंट्रोल में रखा जा सकता है जान लें।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghPublished: Sat, 21 Oct 2023 03:06 PM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2023 03:06 PM (IST)
Breathing problems in kids: बच्चों में सांस की बीमारियों को कैसे रोकें?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breathing problems in kids: सांस की बीमारी फिर चाहे वह अस्थमा हो या ब्रोंकाइटिस दोनों ही खतरनाक है। अस्थमा सांस से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है और वह सिकुड़ जाती है। जिस वजह से सांस लेने में मुश्किल होती है, बहुत खांसी आती है और सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आती है और सांस भी फूलती है। सांस की प्रॉब्लम बच्चे के स्वास्थ्य और विकास पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। कई बार तो अस्थमा अटैक की वजह से जान भी जा सकती है। माता-पिता के लिए ऐसे बच्चों को हैंडल करना थोड़ा चैलेंजिंग हो जाता है, तो अपने बच्चे को गंभीर सिचुएशन से बचाए रखने के लिए डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवाते रहें, साथ ही घर में स्वस्थ वातावरण बनाकर भी इन बीमारियों को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे। 

loksabha election banner

धुआं-मुक्त वातावरण रखें

घर के अंदर धुआं-मुक्त वातावरण सांस की समस्याओं के रोकथाम में एक बहुत ही जरूरी कदम है। बच्चों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियां बढ़ने की एक बहुत बड़ी वजह सेकेंड हैंड धुआं है। घर में धूम्रपान करना अवॉयड करें, मच्छर भगाने के लिए कॉयल का इस्तेमाल करने से बचें, घर में धूप-अगरबत्ती न जलाएं क्योंकि ये चीज़ें भी परेशानी बढ़ा सकती हैं।

हेल्दी हैबिट्स अपनाएं

बच्चों को हेल्दी हैबिट्स सिखाकर भी सांस की बीमारियों को होने से काफी हद तक रोका जा सकता है। जिसमें सबसे जरूरी और पहली चीज़ है साबुन और पानी से हाथ धोना, खासकर खाने से पहले और बाद में। इसके अलावा उन्हें शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद, पालतू जानवरों को छूने और खेलने के बाद भी हाथ धोना कितना जरूरी है इसका महत्व बताएं। एक और जो जरूरी चीज़ है वो ये कि बच्चों को खांसते या छींकते समय रुमाल या कोहनी से अपना मुंह और नाक ढकने के लिए भी बताया जाना चाहिए। इससे कीटाणुओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।

फिजिकल एक्टिविटीज़ करें

बच्चे को सीरियस ब्रीदिंग प्रॉब्लम है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटीज शुरू करवाएं, लेकिन अगर नॉर्मल प्रॉब्लम है, तो कोशिश करें रोजाना थोड़ा वक्त हल्की- फुल्की एक्सरसाइज करवाएं। इससे सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। बाइक चलाना, तैराकी, दौड़ना जैसी एक्टिविटीज करने से फेफड़े मजबूत होते हैं, जिससे सांस की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

घर के अंदर की एयर क्वालिटी पर नज़र रखें

डॉ अंकुर ओहरी, डिपार्टमेंट ऑफ़ पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर, पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी, पीडियाट्रिक अस्थमा एंड एलर्जी, सीनियर कंसलटेंट, मधुकर रेनबो हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि, 'घर के अंदर का वायु प्रदूषण सांस की बीमारियों के खतरे को काफी बढ़ा सकता है। घर में ज्यादा वेंटिलेशन होना चाहिए और हार्ड क्लीनर या जहरीले धुएं छोड़ने वाले चीज़ों से घर की सफाई करने से बचना चाहिए। जितना हो सके इको - फ्रेंडली या नेचुरल ऑप्शन्स का इस्तेमाल करें। माता-पिता यह सुनिश्चित करके अपने बच्चों को घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण से बचने में मदद कर सकते हैं।'

बैलेंस डाइट पर फोकस करें

फलों, सब्जियों और व्होल ग्रेन्स कई जरूरी पोषण की पूर्ति करते हैं, जो इम्यून और रेस्पिरेटरी फंक्शन को दुरुस्त रखने में मददगार होते हैं। साथ ही बच्चे की डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीज़ों को शामिल करें। जैसे जामुन, पत्तेदार हरी सब्जियां और खट्टे फल। एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

समय-समय पर जांच

डॉक्टर द्वारा नियमित जांच से संभावित सांस की बीमारी का शीघ्र पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद मिल सकती है। माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चों को सभी जरूरी वैक्सीनेशन लगे हों। 

ये भी पढ़ेंः- कितने तरह की होती है एलर्जी, एक्सपर्ट से जानें लक्षणों के साथ इन सभी तरह की एलर्जी के बारे में

Pic credit- freepik


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.