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    क्यों बदलता है बच्चों की आंखों का रंग? साइंस में छुपा है इसका दिलचस्प राज

    By Digital DeskEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Tue, 24 Jun 2025 09:00 PM (IST)

    जब बच्चा पैदा होता है तो आपको उनकी आंखें ज्यादातर काली या भूरी नजर आती हैं और कई बार तो वे नीली भी होती हैं, लेकिन 3 से 9 महीने के बीच धीरे-धीरे उनकी आंखों का रंग बदलता जाता है। आखिर ऐसा क्यों हैं,आइए जानते हैं।

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    क्यों बदलता है बच्चों की आंखों का रंग (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अपने बच्चे की पहली झलक पाने के लिए पेरेंट्स उत्सुक रहते हैं और गोद में लेते ही सबसे पहला ध्यान उनकी आंखों की तरफ ही जाता है। कोई कहता है इसकी आंखों का रंग पापा जैसा है कोई कहता है मम्मा जैसा, लेकिन क्या आपको पता है जन्म के समय बच्चे की आंखें जिस रंग की होती हैं उम्र बढ़ने के साथ आंखों के रंग में बदलाव आ जाता है। ये कैसे और क्यों होता है, उसे जानना बड़ा ही दिलचस्प है।

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    साइंस में छुपा है उनके आंखों के बदलते रंग का राज

    आपकी आंखों का रंग आपकी आंखों की पुतलियों का रंग होता है। यह पुतलियों के आस-पास के मसल टिशूज होते हैं जोकि आंखों में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को कंट्रोल करते हैं। जब बच्चा गर्भ में होता है तो उसे रोशनी नहीं मिलती, वहां अंधेरा होता है। लेकिन जब वे पैदा होते हैं तो पुतलियों में मौजूद सेल्स मेलानोसाइट्स रोशनी के संपर्क में आता है तो उससे पिग्मेंट या रंग बनता है।

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    बढ़ती उम्र के साथ गहरा होता जाता है रंग

    जैसे-जैसे बच्चा धूप या रोशनी के संपर्क में आता है तो उनकी आंखों का रंग बदलने के साथ-साथ वह गहरा भी होता जाता है। डार्क रंग यानी ब्लैक या ब्राउन का मतलब है ज्यादा मेलानिन। यह पिग्मेंट हमारी स्किन, आंखों और बालों का रंग तय करता है। जिनकी आंखें नीली होती हैं उसका मतलब है कम मेलानिन का होना।

    हो सकता है ताउम्र नीली न रहें आंखें

    यह एक मिथ है कि सारे बच्चे नीली आंखों के साथ पैदा होते हैं। स्टडीज बताती हैं कि ज्यादातर बच्चे काले या भूरे रंग के आंखों के साथ पैदा होते हैं। यदि कोई बच्चा नीली आंखों के साथ पैदा हुआ है तो इसकी गारंटी नहीं है कि बड़े होने पर भी उसकी आंखें उसी रंग की रहें। यह बच्चे की जेनेक्टिक्स पर भी निर्भर करता है, यदि दोनों ही पेरेंट्स की आंखें भूरी हैं तो बच्चे की नीली कैसे हो सकती हैं। यदि परिवार में नाना, दादा में से किसी की आंखें नीली हुईं तो इसकी संभावना है कि बच्चे की आंखें नीली हों।

    अगर अचानक बदल जाए रंग

    आमतौर पर 3-9 महीने के बीच ही बच्चे की आंखों का रंग स्थिर हो जाता है, लेकिन कुछ बच्चों में तीन साल तक भी यह प्रक्रिया चलती रहती है। यदि बच्चे या बड़े की आंखों का रंग अचानक ही बदल जाए तो यह किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। ऐसे में किसी ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट या आंखों के डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।