फिट दिखने के बावजूद अंदर ही अंदर आपको बीमार बना रहा है 'साइलेंट बीपी', सालों तक नहीं चलता इसका पता
क्या आप जानते हैं हाई बीपी की समस्या सालों तक बिना किसी लक्षण के रह सकती है? जी हां, इसे साइलेंट हाइपरटेंशन (Silent Hypertension) कहते हैं। इस कंडीशन ...और पढ़ें

बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है हाई ब्लड प्रेशर (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं आपको काफी समय से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है, लेकिन सालों तक आपको इसकी भनक भी न लगे? जी हां, ऐसा हो सकता है। इस कंडीशन को साइलेंट हाइपरटेंश (Silent Hypertension) कहते हैं और इसलिए इसे साइलेंट किलर माना जाता है।
इस कंडीशन में ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है, लेकिन व्यक्ति को इसका कोई भी लक्षण महसूस नहीं होता (High BP Without Symptoms)। आइए जानें ऐसा क्यों होता है और कैसे इसका पता लगाया जा सकता है।
साइलेंट हाइपरटेंशन क्या है?
साइलेंट हाइपरटेंशन, जिसे "असिम्प्टोमैटिक हाइपरटेंशन" भी कहते हैं, हाई ब्लड प्रेशर का वह रूप है जो बिना किसी लक्षण के सालों तक शरीर में रहता है। आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, नकसीर या थकान शामिल हैं। लेकिन साइलेंट हाइपरटेंशन में ये सभी लक्षण नजर नहीं आते, जिससे व्यक्ति को पता ही नहीं होता कि उसका ब्लड प्रेशर सामान्य सीमा से ज्यादा है।
यह इतना खतरनाक क्यों है?
जब तक लक्षण दिखाई नहीं देते, ज्यादातर लोग ब्लड प्रेशर की जांच नहीं कराते। इस दौरान, हाई ब्लड प्रेशर शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता रहता है-
- दिल पर प्रभाव- ब्लड प्रेशर पर एक्स्ट्रा दबाव से दिल की मांसपेशियां मोटी हो सकती हैं, दिल की काम करने की क्षमता घट सकती है और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
- आर्टरीज को डैमेज- ज्यादा प्रेशर से आर्टरीज की भीतरी परत घिसती रहती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
- किडनी डैमेज- किडनी में मौजूद छोटे ब्लड वसल्स डैमेज हो सकते हैं, जिससे किडनी की काम करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
- दिमाग पर प्रभाव- दिमाग के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने से स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
क्यों लंबे समय तक पता नहीं चलता?
साइलेंट हाइपरटेंशन के बारे में पता न चलने के कई कारण हैं, जैसे-
- धीरे-धीरे बढ़ते ब्लड प्रेशर के साथ शरीर खुद को ढाल लेता है, जिससे व्यक्ति को कोई असामान्यता महसूस नहीं होती।
- कई लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के सामान्य लक्षण नजर ही नहीं आते, खासतौर से शुरुआती स्टेज में।
- भारत जैसे देशों में, स्वस्थ व्यक्ति भी नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेकअप नहीं कराते। अक्सर लोग तब जांच कराते हैं जब कोई लक्षण दिखाई दे या कोई अन्य बीमारी हो।
- कई लोग सोचते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर केवल स्ट्रेस, मोटे या बुजुर्गों को होता है। सेहतमंद दिखने वाले युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग खुद को सुरक्षित मानकर जांच नहीं कराते।
- कभी-कभी हल्के लक्षण, जैसे- थोड़ा सिरदर्द या थकान को तनाव, नींद की कमी या काम के दबाव का कारण मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
कैसे कर सकते हैं पहचान?
- नियमित जांच- 30 वर्ष की आयु के बाद हर व्यक्ति को साल में कम से कम दो बार ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करानी चाहिए।
- जागरूकता- हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। यह किसी भी उम्र, लिंग या शारीरिक संरचना के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
- स्वस्थ जीवनशैली- नमक कम खाएं, नियमित एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और सही डाइट से हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम किया जा सकता है।
- पारिवारिक इतिहास पर ध्यान- अगर परिवार में हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास है, तो ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

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