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    व्रत रखते हैं तो जरूर पढ़ें- 16 घंटे भूखे रहने से शरीर पर क्या पड़ता है असर? बता रही हैं एक्सपर्ट

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 11:20 AM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि लगातार 16 घंटे तक पेट को खाली रखने से हमारे शरीर पर क्या असर पड़ता है? क्या यह सच में फायदेमंद है या फिर इससे सेहत को कुछ नुकसान हो सकते हैं? एक्सपर्ट की मानें, तो यह सिर्फ वजन घटाने का तरीका नहीं है, बल्कि इससे शरीर के अंदर कई जादुई बदलाव होते हैं। आइए, विस्तार से इस बारे में जानते हैं।

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    16 घंटे भूखे रहने पर शरीर में क्या होता है? एक्सपर्ट ने बताई अंदर की बात (Image Source: Freepik) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हम 16 घंटे तक कुछ न खाएं तो हमारे शरीर के अंदर क्या-क्या होता है? बहुत से लोग वजन घटाने या हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए 'इंटरमिटेंट फास्टिंग' अपनाते हैं, लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया हमारे शरीर के लिए कितनी फायदेमंद है, यह जानना भी जरूरी है। आइए, वेट लॉस कोच सुमन बागरिया से इस बारे में विस्तार से समझते हैं। 

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    पहले 4 से 8 घंटे

    जैसे ही आप खाना बंद करते हैं, आपके शरीर में मौजूद शुगर (ग्लूकोज) धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस दौरान आपका इंसुलिन स्तर भी घटता है, क्योंकि शरीर को अब नई ऊर्जा बाहर से नहीं मिल रही होती। यह वो समय होता है जब शरीर खुद को 'संतुलन' में लाने की कोशिश करता है।

    12 घंटे- पाचन तंत्र को मिलती है राहत

    करीब 12 घंटे बाद तक, आपका शरीर पेट में मौजूद सारे भोजन को पूरी तरह पचा चुका होता है। अब आपका पाचन तंत्र एक तरह से 'आराम' की स्थिति में होता है। यही वह पल है जब शरीर के भीतर मरम्मत की प्रक्रिया शुरू होती है। इस समय ग्रोथ हार्मोन हार्मोन का स्तर भी बढ़ने लगता है, जो मांसपेशियों के निर्माण और टिश्यूज की मरम्मत में मदद करता है।

    14 घंटे- शुरू होती है फैट बर्निंग और सेल क्लीनिंग

    जब शरीर के पास बाहर से एनर्जी नहीं आती, तो वह जमी हुई चर्बी यानी फैट को जलाना शुरू कर देता है। इस प्रक्रिया को फैट बर्निंग कहते हैं। साथ ही, शरीर में एक अद्भुत जैविक प्रक्रिया शुरू होती है जिसे ऑटोफैगी कहा जाता है। इसमें शरीर पुराने और डेड सेल्स को तोड़कर नए, हेल्दी सेल्स बनाता है। इसे शरीर का 'नेचुरल क्लीनिंग प्रोसेस' भी कहा जा सकता है।

    16 घंटे- तेजी से फैट बर्निंग

    जब आप पूरे 16 घंटे तक कुछ नहीं खाते, तब शरीर पूरी ताकत से फैट को एनर्जी में बदलना शुरू कर देता है। यह वह समय है जब वजन घटाने और शरीर की सफाई (डिटॉक्सिफिकेशन) की प्रक्रिया सबसे ज्यादा सक्रिय होती है। ऐसे में, शरीर हल्का महसूस होता है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, और मेटाबॉलिज्म भी मजबूत होता है।

    क्यों सबसे बेहतर है 16:8 फास्टिंग?

    16:8 फास्टिंग यानी दिन के 16 घंटे उपवास और बाकी 8 घंटे में भोजन लेने का तरीका आजकल बहुत पॉपुलर है। यह न सिर्फ वजन कंट्रोल करता है, बल्कि ब्लड शुगर, हार्मोन संतुलन और मानसिक फोकस को भी बेहतर बनाता है। हालांकि, यह सभी के लिए एक जैसा नहीं होता। अगर आपको कोई हेल्थ इश्यू है या दवाइयां चल रही हैं, तो इस पद्धति को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

    16 घंटे का उपवास शरीर के लिए सिर्फ वजन घटाने का उपाय नहीं, बल्कि अंदरूनी सफाई और संतुलन का एक प्राकृतिक तरीका है। सही तरीके से किया गया फास्टिंग शरीर को हल्का, एनर्जेटिक और हेल्दी बनाने में मदद करता है।

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