Back Pain से बचने के लिए रोज इतने मिनट की Walk है जरूरी, स्टडी में हुआ खुलासा
क्या आप भी Back Pain से अक्सर परेशान रहते हैं? अगर हां तो यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। पीठ का दर्द न सिर्फ आपके मूड को खराब करता है बल्कि आपकी रोजमर्रा की एक्टिविटीज और काम पर भी सीधा असर डालता है। ऐसे में एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि रोजाना वॉक करने से इस समस्या से काफी आराम मिल सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हममें से कई लोग घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं- ऑफिस में, कंप्यूटर के सामने या फिर मोबाइल की स्क्रीन पर झुके हुए। इसी लाइफस्टाइल का एक आम और दर्दनाक नतीजा है- Back Pain, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ पैदल चलने की एक आदत आपको इस समस्या से बचा सकती है?
जी हां, हाल ही में एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि अगर आप हर दिन एक तय समय तक चलें, तो पीठ दर्द की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कितनी वॉक है जरूरी?
इस स्टडी के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति रोजाना औसतन 78 मिनट या उससे ज्यादा पैदल चलता है, तो उसके कमर दर्द का खतरा 13 प्रतिशत तक कम हो जाता है। और अगर वह व्यक्ति हर दिन 100 मिनट से ज्यादा चलता है, तो यह जोखिम 23 प्रतिशत तक घट जाता है।
कैसे हुई यह स्टडी?
इस अध्ययन में नॉर्वे के 11,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 20 साल या उससे ऊपर थी। सभी प्रतिभागियों को खास टूल्स पहनाए गए जो उनकी चलने की आदत और स्पीड को रिकॉर्ड करते थे। इन लोगों की रोजमर्रा की फिजिकल एक्टिविटी को लंबे समय तक ट्रैक किया गया।
इसके बाद देखा गया कि किन लोगों को तीन महीने से ज्यादा समय तक कमर में लगातार दर्द रहा, यही माना गया कि उन्हें "क्रॉनिक लोअर बैक पेन" है।
यह भी पढ़ें- गलत तरीके से सोना मतलब बीमारियों को सीधा न्योता! जानें कौन-सी है सबसे अच्छी स्लीपिंग पोजीशन?
जरूरी है "समय", न कि तेज रफ्तार
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि पैदल चलते समय कितनी तेजी से चल रहे हैं, उसकी तुलना में कितनी देर तक चलते हैं यह ज्यादा अहम है। यानी अगर आप आराम से भी रोजाना 1 से डेढ़ घंटे तक चलते हैं, तो भी इसका फायदा मिलेगा।
'डेड बट सिंड्रोम' है ऑफिस वर्कर्स की नई परेशानी
आजकल खासकर ऑफिस में काम करने वाले लोग, जो दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठते हैं, "लोअर बैक पेन" यानी निचली कमर के दर्द से ज्यादा परेशान रहते हैं। लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर के कुछ खास हिस्सों की मांसपेशियां- जैसे कि ग्लूटियस मेडियस इनएक्टिव हो जाती हैं। इसे आमतौर पर "डेड बट सिंड्रोम" कहा जाता है। बता दें, जब ये मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, तो शरीर का सारा भार कमर और घुटनों पर पड़ता है, जिससे लगातार दर्द की समस्या हो सकती है।
भारत में स्थिति और गंभीर
2022 की एक स्टडी के अनुसार, भारत में कमर दर्द की समस्या वैश्विक औसत से भी ज्यादा पाई गई। खासकर ग्रामीण इलाकों, महिलाओं और मजदूरी या खड़े रहकर काम करने वालों में यह परेशानी ज्यादा देखी गई है।
क्या करें?
- रोजाना कम से कम 80 से 100 मिनट पैदल चलने की आदत डालें
- लगातार बैठे रहने से बचें, हर घंटे में 5 मिनट टहलें
- ऑफिस में बैठने का तरीका सुधारें और कमर को सीधा रखें
- स्क्रीन टाइम को सीमित करें
- रेगुलर स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज भी कमर के लिए फायदेमंद हैं
कमर का पुराना दर्द आज की लाइफस्टाइल की एक बड़ी समस्या बन चुका है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसका समाधान आपके पैरों में ही है। केवल रोजाना कुछ समय निकालकर चलने की आदत अपनाकर आप खुद को इस दर्द से बचा सकते हैं।
Source:
JAMA Network Open: https://jamanetwork.com/journals/jamanetworkopen/fullarticle/2835297
यह भी पढ़ें- ऑफिस चेयर पर बैठे-बैठे पीठ के निचले हिस्से में बढ़ गया है दर्द? आराम के लिए अपनाएं 5 सिंपल टिप्स
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।