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    सिर्फ हड्डियों को ही नहीं, फर्टिलिटी को भी नुकसान पहुंचाती है Vitamin-D की कमी, बचाव के लिए करें 3 काम

    Updated: Tue, 01 Apr 2025 11:20 AM (IST)

    विटामिन-डी की कमी (Vitamin D Deficiency) सेहत के लिए बड़ी मुसीबत की वजह बन सकती है। इसकी कमी से सिर्फ हड्डियां ही कमजोर नहीं होती बल्कि फर्टिलिटी भी कम हो सकती है। यह परेशानी महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही प्रभावित कर सकती है। ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बच सकते हैं इस बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे।

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    Vitamin-D Deficiency भी बन सकती है इनफर्टिलिटी की वजह (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वैसे तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इनमें से एक अहम कारण है- विटामिन-डी की कमी (Vitamin-D Deficiency)। यह विटामिन न सिर्फ हड्डियों और इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है, बल्कि यह फर्टिलिटी (Vitamin-D Deficiency and Fertility) को भी प्रभावित करता है।

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    विटामिन-डी कम होने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही फर्टिलिटी प्रभावित (Vitamin-D And Infertility) हो सकती है। ऐसा क्यों होता है और किन तरीकों से इससे बचा जा सकता है। इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. मोहित शर्मा (अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद, इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट) से बात की। आइए जानें उन्होंने क्या बताया।

    विटामिन-डी और फर्टिलिटी का कनेक्शन

    विटामिन-डी एक स्टेरॉयड हार्मोन की तरह काम करता है और शरीर में कई हार्मोनल प्रक्रियाओं को रेगुलेट करता है। यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स, जैसे- ओवरीज, यूटेरस और टेस्टिस में विटामिन-डी रिसेप्टर्स की मौजूदगी के कारण फर्टिलिटी को सीधे प्रभावित करता है।

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    महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के प्रभाव

    • अनियमित पीरियड्स और ओवुलेशन में दिक्कत- विटामिन-डी की कमी से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और ओवुलेशन प्रभावित होता है।
    • पीसीओएस (PCOS) का खतरा- PCOS से पीड़ित महिलाओं में विटामिन-डी का लेवल कम होता है। यह स्थिति इनफर्टिलिटी का एक अहम कारण है।
    • एंडोमेट्रियम पर असर- विटामिन-डी की कमी से यूटेरस की अंदरूनी परत कमजोर हो सकती है, जिससे एंब्रयो का इम्प्लांटेशन मुश्किल हो जाता है।

    पुरुषों में विटामिन-डी की कमी के प्रभाव

    • स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी में कमी- विटामिन-डी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के सीक्रेशन में मदद करता है। इसकी कमी से स्पर्म काउंट कम हो सकता है और स्पर्म की मोटिलिटी प्रभावित होती है।
    • इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा- विटामिन-डी की कमी से पुरुषों में सेक्शुअल एबिलिटी कमजोर हो सकती है।

    विटामिन-डी की कमी को कैसे दूर करें?

    • धूप लेना- विटामिन-डी का सबसे अच्छा सोर्स सूरज की रोशनी है। रोजाना 15-20 मिनट धूप में बैठने से शरीर में विटामिन-डी का स्तर बढ़ता है।
    • डाइट में शामिल करें- फैटी फिश (सालमन, मैकेरल), अंडे की जर्दी, दूध, दही, मशरूम और फोर्टिफाइड फूड्स विटामिन-डी के अच्छे सोर्स हैं।
    • सप्लीमेंट्स- अगर शरीर में विटामिन-डी की कमी ज्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं।

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