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    क्या HIV से सुरक्षा की गारंटी देगा साल में दो बार लगने वाला इन्जेक्शन? डॉक्टर समझा रहे हैं पूरी बात

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 05:08 PM (IST)

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया सिफारिश ने एक बार फिर एचआईवी (HIV) को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। दरअसल, WHO ने Lenacapavir नाम के एक नए इन्जेक्शन को मंजूरी दी है, जो साल में सिर्फ दो बार दिया जाता है और एचआईवी इन्फेक्शन को रोकने में मदद करता है। आइए, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी से इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

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    साल में दो इन्जेक्शन से HIV की रोकथाम संभव (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। WHO की एक नई सिफारिश ने हमें याद दिलाया है कि HIV के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। जी हां, हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने Lenacapavir नामक एक नई दवा को मंजूरी दी है, जो साल में सिर्फ दो बार इंजेक्शन के रूप में दी जाती है और एचआईवी संक्रमण से बचाव में कारगर मानी जा रही है। यह कदम न केवल मेडिकल साइंस में एक उपलब्धि है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि अब रोकथाम के उपायों में सुविधा और पसंद को भी अहमियत दी जा रही है।

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    2024 में 13 लाख लोग हुए एचआईवी संक्रमित

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साल 2024 में करीब 13 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हुए, जिनमें बड़ी संख्या किशोरियों और युवा महिलाओं की थी। ये आंकड़े सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि उस गहरी असमानता को दिखाते हैं जो जागरूकता, पहुंच और स्वास्थ्य सुविधाओं में अब भी मौजूद है।

    हालांकि, मेडिकल साइंस ने काफी प्रगति की है, लेकिन जागरूकता और सामाजिक स्वीकृति के अभाव में एचआईवी से जुड़ा डर और भेदभाव अब भी लोगों को इलाज या रोकथाम के उपाय अपनाने से रोकता है।

    Lenacapavir for HIV

    हर 6 महीने में एक टीका

    एचआईवी की रोकथाम के पारंपरिक उपायों में अब तक कंडोम का उपयोग और जागरूकता अभियान प्रमुख रहे हैं। इसके बाद आया ओरल प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) -एक ऐसी दवा जिसे रोजाना लेने से संक्रमण का खतरा 90% तक कम किया जा सकता है।

    हालांकि, इस उपाय की सबसे बड़ी चुनौती है नियमितता और सामाजिक डर। हर दिन दवा लेने का दबाव, समाज का नजरिया और गलतफहमियां- ये सब मिलकर लोगों को PrEP से दूर कर देते हैं।

    ऐसे में, लेनाकैपाविर जैसी लंबे समय तक असर करने वाली इन्जेक्शन दवा एक नई उम्मीद बनकर आई है। यह उन लोगों के लिए खास है जो बार-बार दवा नहीं ले पाते, ज्यादा ट्रैवल करते हैं, या ऐसे माहौल में रहते हैं जहां एचआईवी की चर्चा अब भी शर्म या डर से जुड़ी है।

    टेस्ट कराना बेहद जरूरी

    एचआईवी से जुड़ी गलतफहमियां और कलंक आज भी दुनिया के कई हिस्सों में गहराई तक फैले हुए हैं। बहुत से लोग अब भी मानते हैं कि यह सिर्फ “कुछ खास वर्गों” की बीमारी है, जबकि सच्चाई यह है कि एचआईवी किसी को भी हो सकता है।

    डर और शर्म के कारण लोग टेस्ट कराने से कतराते हैं, जिससे समय पर पता नहीं चल पाता और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इस डर को खत्म करने की जरूरत है, ताकि हर व्यक्ति खुलकर जांच करा सके और जरुरत पड़ने पर इलाज या रोकथाम के कदम उठा सके।

    Lenacapavir Injection

    एचआईवी की जंग में नया मोड़

    एचआईवी की रोकथाम में अब एक नई सोच उभर रही है- हर किसी को अपने लिए उपयुक्त विकल्प चुनने की आजादी मिले। किसी के लिए कंडोम सबसे आसान उपाय है, किसी को रोजाना की दवा (PrEP) बेहतर लगती है, और किसी के लिए साल में दो बार का इन्जेक्शन सबसे सुविधाजनक है। असल प्रगति वहीं होगी जब ये सारे विकल्प सबके लिए समान रूप से उपलब्ध और सुलभ हों।

    डॉक्टर का कहना है कि एचआईवी के खिलाफ लड़ाई सिर्फ दवाओं या तकनीक की नहीं है, बल्कि मानवता और समझ की भी है। जब तक समाज इस विषय पर खुलकर बात नहीं करेगा, तब तक कोई भी वैज्ञानिक प्रगति अधूरी रहेगी।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन का लक्ष्य है कि 2030 तक एचआईवी संक्रमण को खत्म किया जाए, यह लक्ष्य तभी संभव है जब हम दवाओं के साथ-साथ जागरूकता, समानता और सम्मान को भी आगे बढ़ाएं। क्योंकि आखिरकार, एचआईवी से सुरक्षा केवल एक इन्जेक्शन या दवा से नहीं, बल्कि सही जानकारी, आत्मसम्मान और खुली सोच से मिलती है।

    - इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी से बातचीत पर आधारित

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