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    Metabolism: वजन बढ़ने की वजह बन सकता है सुस्त मेटाबॉलिज्म, इन तरीकों से कर सकते हैं इसे बूस्ट

    By Swati SharmaEdited By: Swati Sharma
    Updated: Mon, 05 Feb 2024 03:41 PM (IST)

    बेहतर तरीके से काम करने के लिए हमारी बॉडी को एनर्जी की जरूरत होती है जो कैलोरी से मिलती है। खाने से एनर्जी बनाने की प्रक्रिया को मेटाबॉलिज्म कहते हैं। यह कितना तेज या धीमा है वह कई फैक्टर्स की वजह से प्रभावित होता है जिसमें लाइफस्टाइल भी शामिल है। जानें किन तरीकों से आप अपने मेटाबॉलिज्म को तेज कर सकते हैं।

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    इन टिप्स की मदद से बढ़ा सकते हैं अपना मेटाबॉलिक रेट

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Metabolism: दिनभर के कामों के लिए शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है, जो खाने के जरिए मिलती है। इस एनर्जी की मदद से हमारे शरीर के सभी अंग अपने-अपने काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं। खाने से मिलने वाली कैलोरी को बर्न करके हमारी बॉडी एनर्जी रिलीज करती है। इस कैमिकल रिएक्शन को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है और जिस तेजी से यह प्रक्रिया होती है, उसे मेटाबॉलिक रेट कहा जाता है। मेटाबॉलिक रेट कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है, जिसमें उम्र, लिंग, शरीर की बनावट, मेडिकल कंडिशन और लाइफस्टाइल शामिल है।

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    कुछ वजहों से मेटाबॉलिज्म रेट कम हो जाता है, जिस कारण से कैलोरी धीरे बर्न होती हैं और इस कारण से कैलोरी इंटेक ज्यादा होने की वजह से वजन बढ़ने का जोखिम औरों की तुलना में अधिक रहता है। इसलिए वजन कम करने के आपके सफर में मेटाबॉलिज्म को तेज करना काफी मददगार हो सकता है। हालांकि, इसके साथ और भी कई अन्य बातों का भी ख्याल रखना जरूरी है। मेटाबॉलिज्म पर उम्र और लिंग जैसे फैक्टर्स के प्रभाव को बदला नहीं जा सकता है, लेकिन अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर आप अपने इसे तेज जरूर बना सकते हैं।

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    कैलोरी की मात्रा ज्यादा कम न करें

    कम खाना खाने की वजह से या कम कैलोरी वाले फूड आइटम्स के कारण शरीर को एनर्जी कम मिलती है। इसलिए कैलोरी सेव करने के लिए मेटाबॉलिज्म रेट कम हो जाता है। कई बार लोग वजन कम करने के लिए कैलोरी इंटेक को कम कर देते हैं, जिससे मेटाबॉलिक रेट प्रभावित हो सकता है। इसलिए कैलोरी की मात्रा उतनी बरकरार रखें, जितनी आपके शरीर के सामान्य फंक्शन के लिए आवश्यक है। डाइट के चक्कर में न पड़कर, हेल्दी और संतुलित आहार को फॉलो करें। 

    एक्सरसाइज करें

    सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। इसलिए रोज थोड़ी देर एरोबिक या कोई इंटेंस एक्सरसाइज करने से, मेटाबॉलिज्म पर काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। मसल बिल्ड करने के लिए की गई एक्सरसाइज में ज्यादा एनर्जी लगती है। इस कारण से, मेटाबॉलिक रेट बढ़ सकता है। एक्सरसाइज करते समय इस बात का ख्याल रखें कि आप ज्यादा इंटेंस एक्सरसाइज न करें, जिससे आपके शरीर को किसी तरह का नुकसान पहुंचे।

    ग्रीन टी पीएं

    ग्रीन टी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें कई प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो हेल्दी रहने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह बॉडी का फैट बर्न करने में भी मदद कर सकता है। इसलिए रोज ग्रीन टी पीना मेटाबॉलिज्म तेज करने में मदद कर सकता है। हालांकि, ग्रीन टी अधिक मात्रा में न पीएं।

    स्ट्रेस मैनेज करें

    स्ट्रेस अधिक होने की वजह से स्लीपिंग और इटिंग पैटर्न में गड़बड़ी हो सकती है। तनाव की स्थिति में शरीर कोर्टिसोल रिलीज करता है, जिस कारण से इटिंग डिसऑर्डर हो सकता है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीकों पर फोकस करें। इसके लिए योग, मेडिटेशन और जर्नलिंग जैसे कई तरीके काम आ सकते हैं। 

    नींद पूरी करें

    नींद की कमी की वजह से अधिक भूख लगती है, क्योंकि भूख के हार्मोन लेप्टिन और घेरलिन प्रभावित होते हैं। इस कारण से ओवर इटिंग या बिंज इटिंग की समस्या हो सकती है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है। इसलिए भरपूर मात्रा में नींद लें।

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    Picture Courtesy: Freepik