दिल्ली-एनसीआर में छाया सांसों पर संकट, ऑफिस जाने वाले इस तरह करें प्रदूषण से अपना बचाव
पटाखे, पराली जलाने और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता काफी बिगड़ चुकी है। AQI लेवल बढ़ने के कारण सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसे में ऑफिस जाने वाले लोगों को वायु प्रदूषण (Air Pollution) से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच रखें अपना ख्याल (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई है। AQI लेवल (Air Pollution) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जिसके कारण सांस लेना दूभर हो रहा है। ऐसे में जो लोग घर से बाहर निकल रहे हैं, उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां, आंखों में जलन, सिरदर्द और लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में ऑफिस जाने वाले लोगों को कुछ सावधानियां (Tips to Prevent Air Pollution) बरतनी चाहिए, ताकि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से काफी हद तक बचाव किया जा सके। आइए जानें ऑफिस जाने वाले लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मास्क का इस्तेमाल
सबसे पहले और सबसे जरूरी है मास्क का इस्तेमाल। सामान्य कपड़े का मास्क प्रदूषण से बचाव में पूरी तरह असरदार नहीं होता। N95 या N99 मास्क प्रदूषण के छोटे-छोटे कणों से बचाने में सक्षम होते हैं। ऑफिस जाते समय और गाड़ी चलाते समय मास्क जरूर पहनें। इस बात का ध्यान रखें कि मास्क आपके चेहरे पर ठीक से फिट हो रहा है।
समय का ध्यान रखें
अगर हो सके तो ज्यादा प्रदूषण वाले समय में ट्रैवल से बचें। सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है। कोशिश करें कि ऑफिस जाने और वापस आने का समय कुछ बदल सकें। अगर ऑफिस में फ्लेक्सिबल टाइमिंग है तो इसका फायदा उठाएं।
गाड़ी के अंदर की हवा
अगर आप अपनी खुद की गाड़ी से ऑफिस जाते हैं तो ध्यान रखें कि गाड़ी की खिड़कियां बंद रखें। गाड़ी के एयर कंडीशनर को रीसर्क्युलेशन मोड पर रखें, ताकि बाहर की प्रदूषित हवा अंदर न आ सके। नियमित रूप से गाड़ी के एयर फिल्टर की सफाई और रिप्लेसमेंट करवाएं।
सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल
जहां तक हो सके सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि आप व्यक्तिगत रूप से भी कम प्रदूषण के संपर्क में आएंगे। मेट्रो जैसे बंद सिस्टम वाले परिवहन में प्रदूषण का स्तर कम होता है।
ऑफिस के अंदर की हवा
ऑफिस पहुंचने के बाद भी सतर्कता जरूरी है। ऑफिस की खिड़कियां बंद रखें, खासकर तब जब बाहर प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो। कई आधुनिक ऑफिस बिल्डिंग्स में सेंट्रल एयर फिल्टरेशन सिस्टम होता है, सुनिश्चित करें कि यह ठीक से काम कर रहा है। अगर संभव हो तो ऑफिस में एयर प्यूरीफायर लगवाने का सुझाव दें।
पर्सनल हाइजीन
ऑफिस से घर लौटने पर अच्छी तरह हाथ-मुंह धोएं। गर्म पानी से गरारे करें ताकि गले में जमे प्रदूषण कण साफ हो सकें। नियमित रूप से स्नान करें और बाहर पहने कपड़े बदल दें। आंखों में जलन होने पर उन्हें साफ ठंडे पानी से धोएं।
खान-पान का ध्यान रखें
प्रदूषण के दुष्प्रभावों से लड़ने के लिए शरीर की इम्युनिटी मजबूत होनी चाहिए। विटामिन-सी और ई से भरपूर डाइट लें। ताजे फल और हरी सब्जियां खाएं। भरपूर मात्रा में पानी पीते रहें, इससे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।
पौधे लगाएं
घर और ऑफिस दोनों जगह हवा शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं। एलोवेरा, स्पाइडर प्लांट, स्नेक प्लांट जैसे पौधे इंडोर पॉल्यूशन कम करने में मददगार होते हैं।
प्रदूषण स्तर की जानकारी
मोबाइल एप्स की मदद से प्रदूषण के स्तर की नियमित जानकारी लेते रहें। AQI 100 से ऊपर होने पर सावधानी बरतें और 200 से ऊपर होने पर जरूरी काम घर से बाहर न निकलें।
नियमित हेल्थ चेकअप
नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करवाएं, खासकर सांस संबंधी समस्याओं के लिए। अगर सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी या आंखों में जलन की शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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