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    देखने-सुनने से नहीं, 'छूने' से होती है शरीर में सबसे बड़ी हलचल; स्टडी में हुआ खुलासा

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 07:36 AM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि आपका शरीर स्पर्श, आवाज या किसी तस्वीर पर किस तरह से प्रतिक्रिया करता है? एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि हमारा नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र, बाहरी दुनिया की उत्तेजनाओं को कैसे लेता है और उन पर प्रतिक्रिया करता है, यह बेहद दिलचस्प है। आइए विस्तार से इस बारे में जानते हैं।  

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    आवाज नहीं, 'स्पर्श' करता है हमारे नर्वस सिस्टम को सबसे ज्यादा सक्रिय? (Image Source: Freepik)

    प्रेट्र, नई दिल्ली। हम अक्सर मान लेते हैं कि हम अपने आसपास की दुनिया को केवल देखने और सुनने से सबसे ज्यादा समझते हैं, लेकिन ताजा स्टडी इससे थोड़ी अलग कहानी बताती है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने हाल ही में यह जानने की कोशिश की कि हमारी त्वचा अलग-अलग तरह की उत्तेजनाओं- जैसे तस्वीर, आवाज और स्पर्श पर कैसी प्रतिक्रिया देती है (Sense of Touch)।

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    human touch

    स्पर्श क्यों जगाता है सबसे गहरी प्रतिक्रिया?

    शोध में पाया गया कि हमारा नर्वस सिस्टम स्पर्श से मिलने वाली संवेदनाओं पर सबसे मजबूत शारीरिक प्रतिक्रिया देता है। यानी जब किसी भी प्रकार का टच होता है, शरीर के भीतर अनैच्छिक रूप से कुछ न कुछ बदलने लगता है- जैसे तंत्रिका तंत्र का अचानक सक्रिय होना, हल्का झटका या त्वचा पर सूक्ष्म इलेक्ट्रिक संकेत बनना।

    यह हमारे शरीर की उस स्वचालित व्यवस्था का हिस्सा है जिसे स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) कहते हैं। यह वही सिस्टम है जो बिना हमारे सोचे समझे दिल की धड़कन तेज करता है या हथेलियों में पसीना लाता है।

    लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं होती…

    अजीब बात यह है कि जहां शरीर स्पर्श के प्रति सबसे तीव्र शारीरिक प्रतिक्रिया देता है, वहीं शोध में यह भी पाया गया कि आवाज और संगीत हमारे नर्वस सिस्टम में सबसे ज्यादा मानसिक और भावनात्मक हलचल पैदा करते हैं। यानी शरीर और दिमाग की प्रतिक्रिया हमेशा एक जैसी नहीं होती।

    दूसरे शब्दों में-

    • स्पर्श शरीर को सबसे ज्यादा झकझोरता है,
    • लेकिन आवाज और संगीत मन में सबसे गहरी तरंगें पैदा करते हैं।
    • शरीर और दिमाग की प्रतिक्रिया में यह अंतर क्यों?

    न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के टैंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की टीम के वैज्ञानिक बताते हैं कि यही वह जगह है जहां शारीरिक अनुभूति और मानसिक अनुभूति के बीच की खाई दिखाई देती है। हमारा शरीर तो स्पर्श को तुरंत दर्ज कर लेता है, लेकिन हमारे दिमाग को आवाज और संगीत ज्यादा गहरे स्तर पर प्रभावित करते हैं।

    हमारी भावनाओं के बारे में क्या बताती है त्वचा?

    शोधकर्ताओं ने त्वचा में होने वाली सूक्ष्म विद्युत गतिविधि, यानी स्किन कंडक्टेंस का अध्ययन किया। जब हम किसी उत्तेजना के संपर्क में आते हैं- चाहे वह आवाज हो, कोई तस्वीर या स्पर्श, तो पसीने की ग्रंथियां सक्रिय होती हैं। इसका असर त्वचा की विद्युत प्रवाह क्षमता पर पड़ता है और यहीं से पता चलता है कि शरीर ने कितना महसूस किया।

    यह त्वचा की छोटी-छोटी गतिविधियां हमारे भावनात्मक और मानसिक स्तर का एक तरह से खामोश संकेत बनकर सामने आती हैं।

    इसलिए जरूरी है यह शोध

    यह अध्ययन इसलिए अहम है क्योंकि यह दिखाता है कि हमारा शरीर और दिमाग हर समय एक जैसी प्रतिक्रिया नहीं देते।

    • हम जिस चीज को सबसे ज्यादा महसूस करते हैं, वह शरीर में कहीं और रजिस्टर हो सकती है।
    • और जो हमें मानसिक रूप से सबसे ज्यादा छूती है, उसका शरीर पर हल्का असर हो सकता है।

    यह समझ भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन, थेरेपी और मानव-तकनीक इंटरफेस जैसे क्षेत्रों में बेहद उपयोगी हो सकती है।

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