Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छोटी-छोटी बातें भूलना नॉर्मल या अल्जाइमर का है संकेत? डॉक्टर ने बताया कैसे कर सकते हैं पहचान

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 10:52 AM (IST)

    आपके साथ भी ऐसा कभी न कभी होता होगा कि आप कोई चीज कहीं रखकर भूल गए हैं या आपने फोन क्यों उठाया था यह याद नहीं आ रहा है। लेकिन क्या यह सामान्य भूलने की आदत है या अल्जाइमर का संकते (Alzheimer's Symptoms) है, इसकी पहचान कैसे करें? दरअसल, यह काफी आसान है और इसके लिए आपको कुछ संकेतों पर ध्यान देने की जरूरत है। 

    Hero Image

    कैसे करें अल्जाइमर की पहचान? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी अपने कमरे में जाकर यह भूल गए हैं कि आपको वहां से क्या लेना था? या फिर किसी परिचित व्यक्ति का नाम याद न आना, चाबियां कहीं रखकर भूल जाना? ऐसी छोटी-मोटी बातें भूलना आमतौर पर हम सभी के साथ होती है।  लेकिन जब यही भूलने की आदत बार-बार होने लगे, तो मन में सवाल उठता है कहीं यह अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी का शुरुआती लक्षण (Signs of Alzheimer's) तो नहीं? 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, चीजें भूलना और अल्जाइमर का काफी गहरा नाता है। लेकिन यहीं कभी-कभी बीमारी का देर से पता लगने की वजह भी बन जाती है। ऐसे में सवाल आता है कि कैसे पहचानें कि छोटी-मोटी बातें भूलना सामान्य है या यह अल्जाइमर का संकेत (Normal Forgetfulness Vs Alzheimer's) है? आइए इसका जवाब जानते हैं डॉ. अतुल प्रसाद (वाइस चेयरमैन एंड एचओडी न्यूरोलॉजी, बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल) से।

    क्यों छोटी-मोटी बातें भूल जाते हैं?

    हमारा दिमाग एक सुपर कंप्यूटर की तरह काम करता है, लेकिन कभी-कभी यह ओवरलोड हो जाता है। तनाव, थकान, नींद की कमी, या एक साथ कई काम करने की वजह से याददाश्त पर असर पड़ना स्वाभाविक है। सामान्य भूलने की आदत की पहचान है-

    • किसी का नाम या शब्द याद न आना, लेकिन कुछ देर बाद याद आ जाना
    • कभी-कभार चाबियां या चश्मा मिसप्लेस करना
    • कोई छोटा-मोटा काम भूल जाना, जैसे फोन पर बात करना
    • ये भूलने की घटनाएं रोजमर्रा के जीवन पर प्रभाव नहीं डालतीं
    Alzheimer symptoms

    अल्जाइमर कैसे इससे अलग है?

    अल्जाइमर सिर्फ "भूल जाना" नहीं, बल्कि एक प्रोग्रेसिव ब्रेन डिजीज है, जो यादों और सोचने-समझने की क्षमता को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। अल्जाइमर में भूलने के तरीके में कुछ खास बातें नजर आती हैं-

    • बार-बार एक ही सवाल पूछना- एक ही बात को बार-बार पूछना, और जवाब मिलने के बाद भी कुछ देर में फिर से वही सवाल दोहराना
    • रोजमर्रा के कामों में दिक्कत- खाना बनाना, बिल भरना, नहाना जैसे कामों में परेशानी
    • समय और जगह में कन्फ्यूजन- अपने ही मोहल्ले में रास्ता भटक जाना, दिन-तारीख या मौसम का ध्यान न रहना
    • चीजें गलत जगह रखना- चाबी फ्रिज में रख देना या फिर पर्स बिस्तर के नीचे, और फिर उन्हें ढूंढें कैसे इसका तरीका भी याद न रहना
    • बोलचाल में परेशानी- बातचीत के दौरान सही शब्द न ढूंढ पाना, वाक्य अधूरे छोड़ देना
    • मूड और व्यवहार में बदलाव- चिड़चिड़ापन, शक करना, उदास रहना या सामाजिक मेलजोल से दूरी बना लेना

    दोनों में मुख्य अंतर क्या है?

    सामान्य भूलचूक में व्यक्ति बाद में याद कर लेता है, या कोई संकेत मिलने पर उसे याद आ जाता है। जबकि अल्जाइमर में भूली हुई बात याद ही नहीं आती मानो वह याददाश्त से पूरी तरह मिट गई हो।

    कब सतर्क हो जाएं?

    • अगर आपमें या आपके परिवार के किसी सदस्य में ऐसे लक्षण दिखें, को सावधान हो जाएं-
    • हाल ही में हुई बातचीत या घटना को पूरी तरह भूल जाए
    • परिचित लोगों या जगहों को पहचानने में दिक्कत महसूस करे
    • फैसले लेने की क्षमता में कमी नजर आए, जैसे- सर्दी में हल्के कपड़े पहनना
    • बैंक के काम या नंबर याद रखने जैसे कामों में लगातार परेशानी हो

    अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे पहला और जरूरी कदम है। समय रहते सही इलाज की मदद से अल्जाइमर के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।