रोजाना आधी रात के बाद सोते हैं? अगर सुन ली डॉक्टर की बात, तो ऐसा करने से पहले 10 बार सोचेंगे आप!
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो देर रात तक जागते हैं और आधी रात के बाद ही बिस्तर पर जाते हैं? अगर हां तो यह खबर आर्टिकल आपके लिए ही है। दरअसल आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में देर रात तक जागना और सुबह देर से उठना एक आम आदत बन गई है जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं देर रात सोने की आपकी आदत, जिसे आप शायद आज के 'मॉडर्न लाइफस्टाइल' का हिस्सा मानते हैं, सेहत के लिए एक धीमा जहर साबित हो सकती है? जी हां, हार्वर्ड के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी की मानें तो आधी रात के बाद सोना (Sleeping After Midnight Health Risks) सिर्फ आंखों के नीचे डार्क सर्कल नहीं लाता, बल्कि यह आपके पूरे शरीर और दिमाग को अंदर से खोखला कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
वजन बढ़ने का खतरा
अगर आपको लगता है कि देर रात जागने से सिर्फ आप कुछ वेब सीरीज देख पाते हैं या अपना काम खत्म कर पाते हैं, तो जरा ठहरिए! आधी रात के बाद सोने से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। जब आप देर रात तक जागते हैं, तो आपको भूख भी ज्यादा लगती है और आप अक्सर अनहेल्दी चीजें खा लेते हैं। यह सब मिलकर आपके वजन को तेजी से बढ़ा सकता है।
खराब रहता है मूड
नींद की कमी का सीधा असर आपके मूड पर पड़ता है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो आपका दिमाग ठीक से आराम नहीं कर पाता। इससे आप चिड़चिड़े, उदास और गुस्सैल महसूस कर सकते हैं। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, बिना बात के उदास हो जाना- ये सब देर रात सोने के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
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बढ़ जाता है स्ट्रेस का लेवल
क्या आपको हमेशा तनाव महसूस होता है? इसकी एक बड़ी वजह आपकी खराब नींद हो सकती है। जब आप देर रात तक जागते हैं, तो आपके शरीर में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है। लंबे समय तक ऐसा होने से आपको एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी घेर सकती हैं। अच्छी नींद तनाव को कम करने का सबसे आसान और नेचुरल तरीका है।
फोकस करने में परेशानी
अगर आपको काम पर या पढ़ाई में ध्यान लगाने में दिक्कत आती है, तो सोचिए कहीं इसका कारण आपकी आधी रात के बाद सोने की आदत तो नहीं? अपर्याप्त नींद से आपकी सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। आप चीजों को भूलने लगते हैं और किसी भी काम पर ठीक से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।
डॉक्टर का मानना है कि एक स्वस्थ वयस्क को रोजाना 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि यह नींद रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ली जाए। आपका शरीर एक घड़ी की तरह काम करता है और इस क्लॉक को सही समय पर आराम मिलना बेहद जरूरी है।
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