Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बच्चे का हमेशा चिड़चिड़ा रहना हो सकता है Vitamin D Deficiency की ओर इशारा, ऐसे करें कमी को दूर

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 12:31 PM (IST)

    बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए Vitamin D बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी कमी की वजह से बच्चों के शारीरिक विकास में काफी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बच्चों में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency in Kids) से बचाव करना बेहद जरूरी है। आइए जानें विटामिन की कमी होने पर बच्चों में क्या लक्षण नजर आते हैं और कैसे इसकी कमी को दूर किया जा सकता है।

    Hero Image
    बच्चों का चिड़चिड़ापन हो सकता है Vitamin D Deficiency का संकेत (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Vitamin D, जिसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, बच्चों के विकास के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए इसकी कमी की वजह से बच्चों के शारीरिक विकास में रुकावट आ सकती है और रिकेट्स होने का खतरा भी रहता है। रिकेट्स बच्चों में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) की वजह से होने वाली एक बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं। इतना ही नहीं, Vitamin D नर्सव सिस्टम और इम्यून सिस्टम के लिए भी काफी जरूरी होता है। इसलिए बच्चों में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency in Kids) न हो, इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। आइए जानें क्यों विटामिन डी क्यों जरूरी होता है और बच्चों में इसकी कमी को कैसे दूर किया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्यों जरूरी है विटामिन डी?

    Vitamin D शरीर में कैल्शियम और फॉसफोरस के अब्जॉर्प्शन के लिए जरूरी होता है, जो हड्डियों के लिए काफी जरूरी होता है। लेकिन विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) की वजह से शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है, जिसके कारण हाइपोकैल्शिमिया और पैराथायरॉइड ग्लैंड ज्यादा एक्टिव होने की वजह से हाइपरपैराथायरॉइड हो सकता है। इन दोनों ही कंडिशन्स में थकान, कमजोरी, डिप्रेशन और मांसपेशियों में अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

    क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, कैल्शियम की कमी को संतुलित करने के लिए बॉडी हड्डियों से कैल्शियम लेने लगती है और बोन डिमनरलाइजेशन तेजी से होने लगता है। इसके कारण वयस्कों को ओस्टियोमैलेशिया और बच्चों को रिकेट्स हो सकता है। इतना ही नहीं, विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) की वजह से मूड स्विंग्स, डिप्रेशन और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्या भी हो सकती है।

    यह भी पढ़ें: क्या तकिए की भी होती है एक्सपायरी डेट? इन बातों से पहचानें अब बदलने का आ गया है समय

    बच्चों में विटामिन डी की कमी के संकेत

    • थकान
    • हड्डियों में दर्द
    • मांसपेशियों में अकड़न, कमजोरी और दर्द
    • मूड स्विंग्स
    • डिप्रेशन
    • विकास में रुकावट
    • कमजोर इम्युनिटी
    • हार्मोनल असंतुलन
    • हड्डियां कमजोर होना या बार-बार टूटना
    • रिकेट्स (कमजोर, पतली और मुड़ी हुई हड्डियां)

    कैसे करें विटामिन डी की कमी दूर?

    • तेज गर्मी की वजह से हमारा धूप में जाना बिल्कुल न के बराबर हो चुका है। ऐसे में हम बच्चों को भी हमेशा घर के भीतर ही रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन विटामिन डी का सबसे प्रमुख स्त्रोत सूरज की रोशनी ही है। इसलिए बच्चों को सुबह की धूप या देर शाम की धूप में कम से कम 30 मिनट समय बिताने के लिए कहें। गर्मी की छुट्टियों के दौरान, वे सुबह के समय खेल भी सकते हैं, जो उनके लिए कसरत होगी। हालांकि, इस समय भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
    • खाने में विटामिन डी युक्त फूड्स, जैसे अंडे की जर्दी, मशरूम, साल्मन, मैकरेल, टूना, कॉड लिवर ऑयल, फॉर्टिफाइड दूध और सिरियल्स को बच्चों की डाइट में शामिल करें।

    Vitamin D Deficiency in kids

    (Picture Courtesy: Freepik)

    • विटामिन के विटामिन डी के अब्जॉर्प्शन के लिए जरूरी होता है। इसलिए बच्चों की डाइट में विटामिन के से भरपूर फूड्स को शामिल करें
    • अगर विटामिन डी का लेवल बच्चे में ज्यादा कम हो गया है, तो डॉक्टर उनके लिए विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेने की सलाह भी दे सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: खामोशी से शरीर में फैल सकता है Ovarian Cancer, भूलकर भी महिलाएं न करें इन लक्षणों को अनदेखा

    comedy show banner
    comedy show banner