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    Shefali Jariwala समेत कई सेलेब्स लेते हैं जवां रहने के लिए IV Drip, डॉक्टर से जानें कितना खतरनाक

    शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) जिन्हें कांटा लगा गर्ल के नाम से जाना जाता है का 27 जून को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। उनकी अचानक हुई मौत से सभी हैरान थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के लिए इंजेक्शन और ड्रिप लिए थे। ऐसे में डॉक्टर ने आईवी ड्रिप थेरेपी (IV drip for anti-aging) से जुड़ी जरूरी बातें बताईं।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 02 Jul 2025 04:18 PM (IST)
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    कैसे नुकसान पहुंचा सकती है आईवी ड्रिप?

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ‘कांटा लगा गर्ल’ के नाम से मशहूर शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala IV therapy) का 27 जून को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था। 42 साल की उम्र में अचानक हुई एक्ट्रेस की मौत ने सभी को हैरान कर दिया था। बताया जा रहा है कि एक्ट्रेस ने अपनी मौत से पहले एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के लिए इन्जेक्शन और आईवी ड्रिप (IV drips Side Effects) लिए थे।

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    हाल ही में शेफाली की करीबी दोस्त पूजा घई ने एक इंटरव्यू में यह बताया था कि उन्होंने अपनी मौत से पहले विटामिन-सी की आईवी ड्रिप ली थी। यह एक तरह की थैरेपी होती है, जो आमतौर पर लोग ब्यूटी-ट्रीटमेंट की तरह इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों कई सारे सेलेब्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में हमने यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल फरीदाबाद में डर्मेटोलॉजी और कॉस्मेटोलॉजी की डॉक्टर चेतना घूरा आईवी ड्रिप थेरेपी से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में जाना-

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    आईवी ड्रिप थेरेपी क्या है?

    डॉक्टर ने बताया कि आईवी ड्रिप थेरेपी एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें नसों के जरिए सीधे ब्लड स्ट्रीम में तरल पदार्थ, विटामिन, मिनरल्स और दवाइयां पहुंचाई जाती हैं। इसका इस्तेमाल आमतौर पर डिहाईड्रेशन, पोषक तत्वों की कमी या दवाओं को शरीर में जल्दी पहुंचाने के लिए किया जाता है।

    हाल के वर्षों में, आईवी थेरेपी एनर्जी को बढ़ावा देने, स्किन में सुधार, रिकवरी में मदद करने और इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए लोकप्रिय हो गई है। खासकर एस्थेटिक ट्रीटमेंट्स के दौरान इस थेरेपी का इस्तेमाल कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स, ग्लूटेथिओन और विटामिन-सी देने के लिए किया जाता है।

    कैसे काम करती है यह थेरेपी?

    आईवी ड्रिप थेरेपी के दौरान, एक छोटा कैथेटर आमतौर पर बांह में एक नस में डाला जाता है। लिक्विड भरा एक बैग ट्यूब के जरिए इस कैथेटर से जुड़ा होता है। फिर तरल पदार्थ धीरे-धीरे 30 से 60 मिनट में खून में पहुंचता है। चूंकि पोषक तत्व पाचन तंत्र को बायपास करते हैं, इसलिए अवशोषण तेज और ज्यादा प्रभावी होता है, जिससे कुछ मामलों में तत्काल लाभ मिलता है।

    आईवी थेरेपी के साइड इफेक्ट

    डॉक्टर ने बताया कि आईवी ड्रिप थेरेपी से चोट लगने, नसों में सूजन, इंजेक्शन वाली जगह पर इन्फेक्शन या एलर्जी जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। शरीर में कुछ विटामिनों, विशेषकर फैट में घुलने वाले विटामिनों जैसे ए, डी, ई और के की मात्रा ज्यादा होने से भी टक्सिसिटी हो सकती है।

    इसलिए इस थेरेपी को करते समय डॉक्टर आईवी ड्रिप देने से पहले यह टेस्ट करते हैं कि व्यक्ति को क्या दिया जाए। यह टेस्ट आमतौर पर ड्रिप देने से 24 घंटे पहले किया जाता है, ताकि यह पता किया जा सके कि किसी से व्यक्ति को एलर्जी हो नहीं हो रही। ऐसा करना कई मामलों में लाइफ सेविंग साबित हुआ है।

    क्या यह सभी के लिए उपयुक्त है ड्रिप थेरेपी?

    डॉक्टर ने बताया कि आईवी थेरेपी हर किसी के लिए सही नहीं है। किडनी की बीमारी, दिल की समस्या या कुछ पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बिना मेडिकल जरूरत के नियमित या कॉस्मेटिक इस्तेमाल के लिए इसे लेने से बचना चाहिए।

    इन बातों का रखें ध्यान

    हमेशा सुनिश्चित करें कि थेरेपी किसी सर्टिफाइड मेडिकल प्रोफेशनल द्वारा साफ-सफाई के साथ दी जाए। ड्रिप में क्या है, इसका मकसद समझें और इस थेरेपी को करने वाले फेशनल को किसी भी एलर्जी या स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पहले ही बता दें।

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