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    दाद, खाज और खुजली से राहत दिला सकता है कांटों से भरा यह पौधा, जानें कैसे करना होता है इस्तेमाल

    Updated: Sun, 19 Jan 2025 08:22 PM (IST)

    आयुर्वेद में सदियों से अलग-अलग इन्फेक्शन में इलाज के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इनमें से एक है सत्यानाशी का पौधा (Satyanashi Plant) जो अपनी कांटों वाली शाखाओं के लिए जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पौधा दाद खाज और खुजली जैसी स्किन प्रॉब्लम्स (Ayurvedic Skin Remedies) के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है।

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    फायदों का भंडार है सत्यानाशी का पौधा, दाद, खाज और खुजली का है घरेलू इलाज (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Satyanashi Plant: दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा से जुड़ी समस्याओं से कई लोग परेशान रहते हैं। बता दें, यह फंगल इन्फेक्शन ऐसे हैं जो शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकते हैं। अगर इनका समय पर इलाज न किया जाए तो ये बार-बार होने लगते हैं।

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    दरअसल, आयुर्वेद में सदियों से सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल त्वचा से जुड़े इन्फेक्शन्स में इलाज किया जाता रहा है। इसकी कांटेदार शाखाओं पर पीले रंग के फूल लगते हैं और इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दाद और खुजली जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद (Natural Treatment For Ringworm) करते हैं।

    कैसा होता है सत्यानाशी का पौधा?

    सत्यानाशी (Tribulus Terrestris) एक छोटा-सा, फैलने वाला पौधा है जो दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है। इसकी पत्तियां छोटी और मुलायम होती हैं, जबकि तना कांटों से भरा होता है। आयुर्वेद में, सत्यानाशी को कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो इसे त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपचार बनाते हैं।

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    दाद, खाज और खुजली में सत्यानाशी का इस्तेमाल

    दाद, खाज और खुजली फंगल इन्फेक्शन के कारण होने वाली त्वचा से जुड़ी आम समस्याएं हैं। ये इन्फेक्शन खुजली, रेडनेस और त्वचा पर छाले पैदा कर सकते हैं। सत्यानाशी में मौजूद एंटीफंगल गुण इन संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।

    • त्वचा पर लेप: सत्यानाशी की पत्तियों को पीसकर एक लेप बनाया जाता है और इसे इन्फेक्टेड एरिया पर लगाया जाता है। यह लेप सूजन को कम करता है और खुजली से राहत दिलाता है।
    • काढ़ा: सत्यानाशी की पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है। इस काढ़े को इन्फेक्टेड एरिया पर लगाने से फंगल इन्फेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।
    • तेल: इन्फेक्टेड एरिया पर सत्यानाशी के तेल को की मालिश करने से भी फायदा मिल सकता है।

    सत्यानाशी के अन्य फायदे

    सत्यानाशी के फायदे सिर्फ स्किन इन्फेक्शन्स तक ही सीमित नहीं हैं। यह कई अन्य समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है। आइए जानें।

    • किडनी की समस्याएं: सत्यानाशी किडनी की पथरी और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
    • सेक्शुअल हेल्थ: यह पुरुषों की सेक्शुअल हेल्थ को बढ़ावा देने में भी काफी मददगार साबित हो सकता है।
    • हार्ट हेल्थ: यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

    सावधानियां भी हैं जरूरी

    फायदों के बावजूद सत्यानाशी कई हेल्थ बेनिफिट्स देता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।

    • एलर्जी: अगर आपको सत्यानाशी से एलर्जी है तो इसका यूज न करें।
    • प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सत्यानाशी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
    • दवाओं के साथ इंटरैक्शन: सत्यानाशी कुछ दवाओं के साथ इंटरैक्ट कर सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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