कई बीमारियों में कुदरत का अचूक नुस्खा है 'पत्थरचट्टा', जानें इसके फायदे और इस्तेमाल का सही तरीका
पत्थरचट्टा (Patharchatta Plant) जिसे अक्सर चमत्कारी पौधा भी कहा जाता है सदियों से आयुर्वेद में अपनी जगह बनाए हुए है। यह पौधा न केवल अपनी हरी-भरी पत्तियों से घर को सजाता है बल्कि सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान भी देता है। आइए जानते हैं कि पत्थरचट्टा के क्या-क्या फायदे (Patharchatta Benefits) हैं और इसका इस्तेमाल आप किन बीमारियों से राहत पाने में कर सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। प्रकृति ने हमें कई ऐसे तोहफे दिए हैं, जिनमें औषधीय गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है पत्थरचट्टा का पौधा (Patharchatta Plant)। आयुर्वेद में सदियों से पत्थरचट्टा का इस्तेमाल तरह-तरह की बीमारियों के इलाज में लिए किया जाता रहा है। यह कैंसर, डायबिटीज, फंगल इन्फेक्शन, सूजन और किडनी की पथरी जैसी कई गंभीर बीमारियों के लिए फायदेमंद है। पत्थरचट्टा के पत्तों का रस पीना या पत्तियों को पीसकर लेप बनाना इसके कुछ सामान्य इस्तेमाल हैं। आइए, इस आर्टिकल में आपको इसके लाजवाब फायदे (Patharchatta Health Benefits) और इस्तेमाल के सही तरीके के बारे में बताते हैं।
क्यों फायदेमंद है पत्थरचट्टा?
सांस से जुड़ी समस्याओं से राहत
आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल खांसी और सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए किया जाता है। इसके अंदर एक खास गुण होता है जो कफ को कम करता है। अगर आपको खांसी या दमा जैसी कोई परेशानी है, तो आप पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसकर इसका रस पी सकते हैं। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
इम्युनिटी को बूस्ट करने में मददगार
पत्थरचट्टा में पाए जाने वाले अलग-अलग बायोएक्टिव कंपाउंड के कारण यह हमारी इम्युनिटी को मजबूत बनाने में काफी फायदेमंद है। नियमित रूप से इसके पत्तों का सेवन करने से शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता मिलती है और कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
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सूजन से दिलाए छुटकारा
पत्थरचट्टा, अपनी सूजनरोधी क्षमताओं के लिए जाना जाता है, जो गठिया जैसी बीमारियों में जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में असरदार है। इसके नियमित सेवन से गठिया, गाउट और अन्य सूजन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिल सकती है। यह खासतौर से गठिया से जुड़ी सूजन, दर्द और लालिमा को कम करने में मददगार होता है।
घाव भरने में मदद करे
पत्थरचट्टा की पत्तियों में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं। अगर आपको कहीं चोट लगी है, तो पत्थरचट्टा की पत्तियों को अच्छी तरह कुचलकर लेप बना लें और इसे घाव पर लगाएं। कुछ दिनों तक ऐसा करने से घाव जल्दी सूख जाएगा और इन्फेक्शन का खतरा भी कम हो जाएगा।
ब्लड शुगर कंट्रोल करे
अध्ययन बताते हैं कि पत्थरचट्टा में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। यह प्रभाव पत्थरचट्टा में मौजूद फेनिल एल्काइल ईथर नामक एक बायोएक्टिव एंजाइम के कारण हो सकता है, जो शरीर में इंसुलिन के प्रोडक्शन को एक्टिव करके शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
कैसे करें पत्थरचट्टा का इस्तेमाल?
पत्थरचट्टा के पत्ते सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में जाने जाते हैं। अगर आपको घाव, चोट या त्वचा संबंधी कोई समस्या है, तो पत्थरचट्टा के पत्तों को कुचलकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से आपको काफी आराम मिल सकता है। इसके रस या काढ़े का सेवन करने से किडनी स्टोन, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर समस्याओं में भी फायदा मिल सकता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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