पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा! रिसर्च में सामने आई सच्चाई
आपने भी कई बार बिना डॉक्टर से पूछे एंटीबायोटिक्स लिए होंगे? लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके कारण आपकी बॉडी एंटी-बायोटिक रेजिस्टेंट (Antibiotic Resistance) बन जाती है। इसका असर सबसे ज्यादा बच्चों में देखने को मिल सकता है खासकर कुपोषित बच्चों में। इस बारे में एक रिसर्च में भी पता चला है।

आइएएनएस, नई दिल्ली। डॉक्टर से बिना पूछे एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इस बारे में अक्सर लोग कम ही सोचते हैं। यहीं कारण है कि कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए सर्दी-जुकाम होने पर खुद ही एंटी-बायोटिक ले लेते हैं। लेकिन यह सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है, खासकर बच्चों की। आइए जानें कैसे।
पांच वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोधी बैक्टीरिया विकसित होने का खतरा काफी बढ़ सकता है। यह चिंता आइनियस आक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट फार एंटीमाइक्रोबियल रिसर्च (आइओआइ) के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद जताई है।
कुपोषण के कारण जानलेवा इन्फेक्शन का खतरा
विज्ञानियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर, पांच वर्ष से कम उम्र के 45 मिलियन बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हैं। साथ ही कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण तपेदिक या सेप्सिस जैसी जानलेवा संक्रमणों के विकास के लिए भी ऐसे बच्चे अधिक जोखिम में हैं।
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बच्चों में बढ़ रहा है एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस
इस दौरान शोधकर्ताओं ने 2016 और 2017 के बीच गंभीर कुपोषण का इलाज करवा रहे 1,371 बच्चों से 3,000 से अधिक रेक्टल स्वाब का विश्लेषण किया। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि लगभग 70 प्रतिशत बच्चों में भर्ती होने पर कार्बापेनम - प्रतिरोधी बैक्टीरिया नहीं थे लेकिन डिस्चार्ज के समय यह उनमें पाया गया। कार्बापेनम एक अंतिम- उपाय एंटीबायोटिक्स की श्रेणी है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब अन्य एंटीबायोटिक्स संक्रमण का इलाज करने में विफल हो जाते हैं।
जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित निष्कर्षो में दिखाया गया कि 76 प्रतिशत बच्चों में विस्तारित - स्पेक्ट्रम बीटा- लैक्टामेज जीन वाले बैक्टीरिया पाए गए जो कई सामान्य उपयोग किए जाने वाले एंटीबायोटिक्स को तोड़ने की क्षमता रखते हैं। विस्तारित - स्पेक्ट्रम बीटा- लैक्टामेज (ईएसबीएल) एक एंजाइम है जो कुछ बैक्टीरिया द्वारा बनाया जाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि हर चार में से एक बच्चा (25 प्रतिशत) कार्बापेनम जीन वाले बैक्टीरिया का वाहक था जो कुछ सबसे शक्तिशाली और अंतिम पंक्ति के एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध प्रदान करते हैं। प्रमुख लेखिका डॉ. कर्टी सैंड्स ने कहा, 'भले ही हमारा अध्ययन नाइजर के एक उपचार केंद्र पर केंद्रित था लेकिन यह स्थिति दुनिया के कई और अस्पतालों में भी देखने को मिल सकती है।' उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक्स जीवन-रक्षक दवाएं हैं जो एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के कारण प्रभावहीन होती जा रही हैं।
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