Herpes वायरस से बढ़ रहा है अल्जाइमर का खतरा, Study से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क के नमूनों की तुलना में अल्जाइमर से पीड़ित नहीं लोगों के मस्तिष्क के नमूनों की तुलना में (Herpes Virus) हर्पीस वायरल प्रोटीन के उच्च स्तर का प्रदर्शन हुआ। इसने आगे सुझाव दिया कि ताऊ का परिवर्तन वास्तव में एक रक्षा तंत्र का परिणाम हो सकता है। हर्पीस बीमारी आपके लिए अल्जाइमर का कारण बन सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Herpes Virus स्किन से जुड़ी समस्याओं का होना आम बात है। कई बार स्किन से जुड़ी समस्या की वजह एलर्जी हो सकती है। इनमें वायरल, बैक्टीरियल, फंगल आदि बीमारी शामिल हैं। शरीर की साफ सफाई नहीं करने की वजह से ऐसा होता है।
चूंकि अब हवा इतनी दूषित हो गई है कि ये बीमारियां आम हो गई हैं। अब एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वो यह कि हर्पीज बीमारी अल्जाइमर का कारण बन रही है। हममें से कुछ लोग न तो हरपीज बीमारी के बारे में जानते हैं और न ही अल्जाइमर। इसलिए आज हम आपको इन बीमारियों के बारे में बताएंगे। क्योंकि कई लोग अभी इन बीमारियों को सही तरह से नहीं जानते हैं और न ही उनको इन बीमारियों से जुड़े लक्षणों के बारे में पता है।
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जानिए क्या है हर्पीस बीमारी
हर्पीस लंबे समय तक रहने वाली (Skin disease) स्किन से जुड़ी समस्या है। जो हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरा (HSV) के कारण होता है। यह वायरस मुंह या जननांग क्षेत्र या शरीर के अन्स भागों की त्वचा को प्रभावित करता है। बता दें कि इसके कारण आपकी स्किन में छोटी-छोटी फुंसियां या घाव होने लगते है। इसमें खुजली, दर्द जलन इत्यादि महसूस हो सकती है। यह दाग फिर धीरे-धीरे बढ़ते भी रहते हैं।
हर्पीस बीमारी से हो सकता है अल्जाइमर
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि अल्ज़ाइमर रोग, मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करने वाली एक क्रॉनिक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है। इससे इंसान धीरे-धीरे चीजों को भूलने भी लगता है। डॉक्टरों के अनुसार ये एक प्रगतिशील बीमारी है यानि के इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो जाते हैं और फिर गंभीर रूप धारण कर लेते हैं।
पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के ओर शेमेश के नेतृत्व में हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सामान्य हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 1 (एचएसवी-1), जिसे वायरस के रूप में जाना जाता है, जो सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार है, अल्जाइमर के पीछे का कारण हो सकता है।
29 लोगों पर की गई रिसर्च
अध्ययन तीन समूहों में 29 व्यक्तियों पर आयोजित किया गया था। इनमें बिना अल्जाइमर वाले, बीमारी के हल्के रूप वाले और उन्नत स्तर के अल्जाइमर वाले। शोधकर्ताओं ने हिप्पोकैम्पस और एंटेरहिनल कॉर्टेक्स सहित कई क्षेत्रों से मस्तिष्क के ऊतकों के नमूनों का अध्ययन किया, ये क्षेत्र आमतौर पर अल्जाइमर रोग से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
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