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    सेहत की जादुई चाबी है Anti-Inflammatory Diet, चंद दिनों में दूर होगी थकान और सुपरफास्ट बनेगा दिमाग

    Updated: Mon, 17 Mar 2025 01:31 PM (IST)

    शरीर की अंदरूनी सूजन आपको बीमार बना सकती है। इसके कारण कई पुरानी बीमारियां आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं। सूजन की वजह से वजन कम करने में भी काफी दिक्कत आ सकती है। ऐसे में खुद को हेल्दी रखने और इन परेशानियों से बचने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेना काफी फायदेमंद (Anti Inflammatory Diet Benefits) हो सकता है। आइए जानें इस डाइट के फायदे।

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    Anti-Inflammatory Diet से मिलेंगे एक नहीं अनेक फायदे (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपने देखा होगा कि कई लोग काफी कोशिशों के बाद भी वजन कम नहीं कर पाते हैं। उनका शरीर हमेशा सूजा हुआ नजर आता है। इस समस्या से कई लोग परेशान रहते हैं। लंबे समय तक शरीर में सूजन बनी रहने की कंडिशन को क्रॉनिक इंफ्लेमेशन कहा जाता है। इसे कम करने में एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट (Anti-Inflammatory Diet) काफी मददगार साबित हो सकती है। 

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    एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट एक ऐसी डाइट है, जो शरीर में सूजन को कम करने (Reduce Inflammation) में मदद करती है। यह डाइट फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और हेल्दी फैट्स से भरपूर होती है। इसमें प्रोसेस्ड फूड्स, शुगर और अनहेल्दी फैट्स के लिए कोई जगह नहीं होती है। आइए जानें एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट खाने के क्या-क्या फायदे (Health Benefits) हो सकते हैं। 

    एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट के फायदे (Anti-Inflammatory Diet Benefits)

    • सूजन को कम करना- सूजन कई पुरानी बीमारियों का एक अहम कारण है, जिनमें हार्ट डिजीज, कैंसर और गठिया शामिल हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट सूजन को कम करने और इन बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
    • दर्द को कम करना- सूजन दर्द का एक सामान्य कारण है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।
    • एनर्जी लेवल बढ़ाना- सूजन थकान का एक सामान्य कारण है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट एनर्जी लेवल को बढ़ाने और पूरे स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकती है।
    • वजन कम करने में मदद करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट वजन कम करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकती है।
    • दिल के स्वास्थ्य में सुधार करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
    • कैंसर के जोखिम को कम करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट कुछ तरह के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
    • गठिया के लक्षणों को कम करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
    • मेंटल हेल्थ में सुधार करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
    • त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है।
    • पाचन स्वास्थ्य में सुधार करना- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट सूआईबीडी और आईबीएस जैसी पाचन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है।

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    एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट कैसे शुरू करें?

    एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट शुरू करने के लिए, आपको अपनी डाइट में कुछ बदलाव करने की जरूरत होगी। 

    • फल और सब्जियां ज्यादा खाएं- फल और सब्जियां, जैसे-बेरीज, सेब, संतरे, अंगूर, पत्तेदार साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, गाजर आदि एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
    • साबुत अनाज खाएं- साबुत अनाज, जैसे- ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट्स आदि फाइबर से भरपूर होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    • हेल्दी फैट्स खाएं- हेल्दी फैट्स, जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स, सीड्स, सालमन, टूना, सार्डिन, सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    • प्रोसेस्ट फूड्स, शुगर और अनहेल्दी फैट्स से बचें- ये फूड्स सूजन को बढ़ा सकते हैं।

    इन बातों का भी ध्यान रखें

    • धीरे-धीरे बदलाव करें- एक ही बार में अपनी डाइट में बहुत ज्यादा बदलाव करने की कोशिश न करें। धीरे-धीरे बदलाव करें, ताकि आप उन्हें बनाए रख सकें।

  • मील्स प्लान करें- मील प्लानिंग करने से आपको हेल्दी खाने में मदद मिल सकती है।
  • भरपूर पानी पिएं- पानी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें- एक्सरसाइज सूजन को कम करने और पूरे स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
  • पूरी नींद लें- नींद की कमी सूजन को बढ़ा सकती है। हर रात 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।