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    Alzheimer's: क्या आपकी भी है नाक में उंगली डालने की आदत, तो इस दिमागी बीमारी का हो सकते हैं शिकार

    By Swati SharmaEdited By: Swati Sharma
    Updated: Thu, 08 Feb 2024 01:42 PM (IST)

    अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे साधारण रूप है। इस बीमारी में याददाश्त से लेकर सोचने-समझने की क्षमता तक प्रभावित होती है। इस बीमारी के बारे में हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि नाक में उंगली डालने की वजह से अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन यह साधारण आदत कैसे इतनी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है? जानें क्या पाया गया इस स्टडी में।

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    इस आदत से बढ़ सकता है अल्जाइमर का खतरा

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Alzheimer's Disease: अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है। यह डिमेंशिया का एक प्रकार है, जो वक्त के साथ और गंभीर होता जाता है। स्थिति इस हद तक भी पहुंच सकती है कि व्यक्ति अपने आस-पास के वातावरण के बारे में भी ठीक से समझ नहीं पाता है। इस बीमारी का खतरा बढ़ती उम्र में अधिक होता है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि सिर्फ बुजुर्गों को ही अल्जाइमर अपना शिकार बनाता है। कुछ रिस्क फैक्टर्स की वजह से इस बीमारी का खतरा कम उम्र में बढ़ सकता है। 

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    क्या पाया गया स्टडी में?

    एक स्टडी के मुताबिक, एक ऐसी आदत सामने आई है, जिसकी वजह से अल्जाइमर का खतरा काफी बढ़ जाता है। यह आदत है, नाक में उंगली डालने की। इस स्टडी के मुताबिक, नाक में उंगली डालने की वजह से कुछ ऐसे पैथोजेन हमारे शरीर में जा सकते हैं, जिनकी वजह से अल्जाइमर का खतरा काफी बढ़ जाता है। इन पैथोजेन की वजह से अमाइलॉइड बीटा प्रोटीन बनना शुरू होता है, जो अल्जाइमर के लिए जिम्मेदार फैक्टर्स में से एक है।

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    क्या है इसकी वजह?

    दरअसल, नाक में उंगली डालने से किटाणु आपके नेजल टीशू को इन्फेक्ट कर सकते हैं, जिसके कारण ये पैथौजेन दिमाग तक पहुंच सकते हैं और न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों की वजह बन सकते हैं। ओलफैक्टरी सिस्टम की मदद से कोई भी किटाणु आसानी से दिमाग तक पहुंच सकते हैं। नेजल कैविटी में मौजूद ओलफैक्टरी नर्वस, सीधा दिमाग तक पहुंचते हैं, जिस कारण से इन पैथोजेन्स को ब्रेन तक पहुंचने में किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता। जैसे ही, यह पैथोजेन दिमाग तक पहुंचते हैं, अमाइलॉइड बीटा प्रोटीन को बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर देते हैं, जो इकट्ठा होकर प्लेग बन जाता है और अल्जाइमर की वजह बनता है।

    इस स्टडी से यह बात साफ समझी जा सकती है कि नाक में उंगली डालने जैसी मामूली आदत की वजह से भी अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनरेटिव डिजीज हो सकती है, जिस कारण से याददाश्त कमजोर होना, सोचने की क्षमता प्रभावित होना और भाषा संबंधित परेशानियां हो सकते हैं। इसलिए नेजल हाइजिन का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है।

    कैसे रखें नेजल हाइजीन का ख्याल?

    • नाक को साफ रखने के लिए सेलाइन स्प्रे का इस्तेमाल करें। इसकी मदद से नाक में जमी गंदगी, म्यूकस आदि आसानी से साफ हो जाता है।
    • नाक में उंगली डालने के बदले, किसी साफ रुमाल या टीशू पेपर की मदद से नाक साफ करें।
    • गंदे हाथों से नेजल स्प्रे के मुंह को न छूएं और न ही स्प्रे को बिना ढक्कन बंद किए खुले में छोड़ें।

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    Picture Courtesy: Freepik