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    फैटी लिवर बढ़ा सकता है हार्ट फेलियर का खतरा, रिस्क कम करने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

    आमतौर पर माना जाता है कि फैटी लिवर की वजह से सिर्फ लिवर को नुकसान होता है। लेकिन हाल में ही चौंकाने वाली बात पता चली है। इसके कारण हार्ट फेलियर का रिस्क (Fatty Liver and Heart Failure) भी काफी बढ़ जाता है। जी हां नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानें कैसे और बचने के लिए क्या करें।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sun, 24 Aug 2025 04:25 PM (IST)
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    फैटी लिवर का दिल पर क्या होता है असर? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। फैटी लिवर की समस्या आजकल काफी आम होती जा रही है, खासकर युवाओं में। हम मानते हैं कि फैटी लिवर की वजह से सिर्फ लिवर को ही नुकसान पहुंचता है। लेकिन हाल ही में आई स्टडी से पता चलता है कि इसके कारण हार्ट फेलियर (Fatty Liver Causes Heart Failure) का रिस्क भी काफी बढ़ जाता है।

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    जी हां, नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण हार्ट फेलियर का रिस्क काफी बढ़ जाता है। आइए जानें इस स्टडी में और क्या पता चला है और इससे बचने (Fatty Liver Prevention Tips) के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।

    क्या है लिवर और हार्ट डिजीज का कनेक्शन?

    अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन इस बात पर जोर देता है कि नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर एक अक्सर अनदेखी की जाने वाली स्थिति है जिसके परिणाम दिल के लिए काफी गंभीर हो सकते हैं। इसका कारण यह है कि फैटी लिवर सूजन और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का संकेत है, जो सीधे तौर पर आर्टरीज को नुकसान पहुंचाकर दिल के कामकाज को प्रभावित करती हैं।

    इस खतरे के बारे में एक स्टडी में पता चलता है कि नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर वाले 570 वयस्कों में से 17.9% लोग हार्ट फेलियर का शिकार हुए। लगभग 48% लोगों में संभावित हार्ट डिजीज के लक्षण दिखे, भले ही उनका पहले कभी डायग्नोस नहीं हुआ था। हालांकि, सबसे ज्यादा जोखिम बुजुर्गों, महिलाओं और डायबिटीज के मरीजों में देखा गया।

    बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान

    • वजन कम करना है जरूरी- बॉडी वेट का सिर्फ 5-10% कम करने से भी लिवर में जमा फैट और सूजन में काफी कमी आती है। इससे दिल पर पड़ने वाला दबाव भी कम होता है।
    • हेल्दी डाइट अपनाएं- प्रोसेस्ड फूड, शुगर वाली ड्रिंक्स, रिफाइंड कार्ब्स और अनहेल्दी फैट्स खाने से बचें। इसकी जगह ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करें।

  • नियमित एक्सरसाइज करें- सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-इंटेंसिटी की एरोबिक एक्सरसाइज करें, जैसे- ब्रिस्क वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिल चलाना और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करने की कोशिश करें
  • शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल- अगर आपको डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो उसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। नियमित रूप से ब्लड शुगर और लिपिड प्रोफाइल की जांच करवाएं।
  • स्मोकिंग और शराब से परहेज- स्मोकिंग हार्ट डिजीज के अहम रिस्क फैक्टर्स में से एक है। शराब पीने से लिवर पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है।
  • नियमित जांच करवाएं- क्योंकि नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर अक्सर बिना लक्षणों के होता है, इसलिए नियमित हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है।
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    यह भी पढ़ें- इन 3 गलतियों की वजह से बढ़ता है फैटी लिवर का खतरा, तुरंत नहीं किया सुधार; तो हो जाएंगे बीमार

    Source: 

    Duke Clinical Research Institute: https://dcri.org/news/study-reveals-high-rates-undiagnosed-heart-failure-patients-fatty-liver-disease-greater-risk

    American Heart Association: https://newsroom.heart.org/news/about-1-in-4-adults-has-an-often-missed-liver-disorder-linked-to-higher-heart-disease-risk