Belly Fat से बढ़ सकता है सोरायसिस का खतरा! नई स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
हाल ही में की गई एक रिसर्च में सामने आया है कि पेट के आसपास जमा चर्बी (Belly Fat) न केवल आपके लुक पर असर डालती है, बल्कि यह एक सोरायसिस (Psoriasis) नामक स्किन डिजीज का खतरा भी कई गुना बढ़ा सकती है। आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
पेट की चर्बी और सोरायसिस का कनेक्शन (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पेट की चर्बी... यह शब्द सुनते ही हम में से कई लोग शायद डाइटिंग और जिम के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कमर के इर्द-गिर्द जमा यह चर्बी, सिर्फ आपकी जीन्स को टाइट करने या आपकी पसंदीदा ड्रेस में फिट न होने की परेशानी से कहीं बढ़कर हो सकती है?
दरअसल, एक ताजा स्टडी में सामने आया है कि आपका बेली फैट, सोरायसिस जैसी गंभीर त्वचा की बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है। यानी यह सिर्फ खूबसूरती का मामला नहीं, बल्कि आपकी सेहत का भी है। आइए, जानते हैं इस नए शोध के बारे में विस्तार से।
क्या कहती है स्टडी?
यह अध्ययन लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया, जिसमें यूके के 3.3 लाख से ज्यादा लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इनमें से 9,000 से ज्यादा लोग सोरायसिस से पीड़ित थे। रिसर्च में शरीर की 25 अलग-अलग चर्बी से जुड़ी मापों को देखा गया, जिनमें कमर-हिप अनुपात, पेट की चर्बी का अनुपात, कमर की गोलाई और कुल पेट की चर्बी शामिल थी।
रिसर्च में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि कमर के पास जमा फैट सोरायसिस के खतरे से सबसे ज़्यादा जुड़ा हुआ है, जबकि आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) इस जोखिम का सटीक पूर्वानुमान नहीं दे पा रहा था।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. रवि रमेसुर का कहना है- "यह समझना बेहद जरूरी है कि चर्बी सिर्फ कितनी है, यह नहीं, बल्कि वह शरीर में कहां जमा हो रही है, यह भी सोरायसिस के जोखिम को प्रभावित करता है। खासकर कमर के आस-पास की चर्बी इस बीमारी से गहरा संबंध रखती है। इससे इलाज और रोकथाम की रणनीतियों में भी बदलाव की जरूरत है।"
वहीं, वरिष्ठ लेखिका डॉ. कैथरीन एच. स्मिथ के अनुसार- "जैसे-जैसे मोटापा पूरी दुनिया में बढ़ रहा है, हमें यह जानना बेहद जरूरी है कि शरीर में अलग-अलग हिस्सों में जमा चर्बी कैसे पुरानी बीमारियों जैसे सोरायसिस को प्रभावित कर सकती है। खास बात यह है कि यह प्रभाव सिर्फ आनुवांशिक कारणों से नहीं है, बल्कि जीवनशैली से भी जुड़ा है।"
सिर्फ बीएमआई पर न करें भरोसा
लोगों में मोटापे का मूल्यांकन आमतौर पर बीएमआई के आधार पर किया जाता है, लेकिन यह तरीका हमेशा कारगर नहीं होता। स्टडी में सामने आया कि जिन लोगों की बीएमआई सामान्य थी, लेकिन उनके पेट के पास अधिक चर्बी थी, उनमें भी सोरायसिस का खतरा बढ़ा हुआ पाया गया।
इसलिए अब जरूरत है कि कमर की माप (waist circumference) और पेट की चर्बी को भी हेल्थ चेकअप में शामिल किया जाए।
महिलाओं में खतरा ज्यादा
एक और हैरान कर देने वाली बात यह रही कि महिलाओं में पेट की चर्बी और सोरायसिस के बीच संबंध और भी ज्यादा मजबूत देखा गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे कुछ ऐसे जैविक कारण हो सकते हैं, जिन्हें अब तक पूरी तरह समझा नहीं गया है और जिन पर भविष्य में रिसर्च की जरूरत है।
क्या सभी पर लागू होता है यह रिजल्ट?
यह स्टडी फिलहाल सिर्फ ब्रिटेन की गोरी आबादी (White British Ancestry) पर आधारित थी। इसलिए इसके निष्कर्षों को दुनिया की बाकी जनसंख्या पर पूरी तरह लागू करना अभी संभव नहीं है। आने वाले समय में अलग-अलग जातीय समूहों और विविध जनसंख्या पर आधारित अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
इस रिसर्च से एक बात साफ हो जाती है- पेट की चर्बी सिर्फ फिगर या ड्रेस साइज का मामला नहीं है, बल्कि यह आपके शरीर में चल रही अंदरूनी सूजन और बीमारियों का संकेत भी हो सकती है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम केवल वजन या बीएमआई पर ध्यान न देकर, शरीर के फैट डिस्ट्रिब्यूशन को भी गंभीरता से लें।
यह भी पढ़ें- जिम नहीं जाते तो घर पर ही कर लें ये 5 Exercises, कुछ ही दिनों में पूरे शरीर का फैट हो जाएगा कम
Source:
Journal of Investigative Dermatology: https://www.jidonline.org/article/S0022-202X(25)00391-4/fulltext
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।