अब अमेरिका में डेयरी के जानवरों में मिला Bird Flu का नया वेरिएंट, बढ़ गई डॉक्टर्स की टेंशन
अमेरिका के नवादा स्टेट में नया बर्ड फ्लू वेरिएंट वायरस डिटैक्ट हुआ है। वादा कृषि विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में छह डेयरी झुंडों ने H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के एक नए संस्करण के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है। D1.1 के रूप में पहचाना गया यह नया वैरिएंट केवल संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Bird Flu New Variant बर्ड फ्लू संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक बर्ड फ्लू संक्रमण के केस अफ्रीकन कंट्री से सामने आ रहे थे। लेकिन अब दुनिया की सबसे विकसित देशों में शुमार अमेरिका के Navada State में Bird Flu का नया वेरिएंट सामने आया है। जिससे डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है।
अमेरिका के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट ने की पुष्टि
अमेरिका में नेवादा कृषि विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में छह डेयरी झुंडों ने H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के एक नए संस्करण के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, D1.1 के रूप में पहचाना गया यह नया वैरिएंट केवल संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता है। इसके विपरीत, पूरे अमेरिका में डेयरी झुंडों में वर्तमान में B3.13 प्रसारित हो रहा है।
पहली बार Dairy Animals में मिला वायरस
यह पहली बार है कि D1.1 डेयरी मवेशियों में पाया गया है, जो दर्शाता है कि गायों में अन्य संक्रमित पशुओं के बजाय सीधे जंगली पक्षियों से वायरस आया है। बर्ड फ्लू के जंगली पक्षियों से मवेशियों में फैलने का यह दूसरा उदाहरण बताता है कि वायरस उत्तरी अमेरिकी झुंडों में खुद को स्थापित कर सकता है, जिससे चिंता बढ़ रही है। वायरस की पुष्टि होने के बाद डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। इसके साथ ही अब हेल्थ विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है।
डॉक्टरों ने दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि डेयरी मवेशियों में D1.1 की खोज का पशु और मानव स्वास्थ्य दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के पैथोबायोलॉजिस्ट डॉ. लुईस मोनक्ला के अनुसार, कई झुंडों में वायरस की मौजूदगी से पता चलता है कि यह पहले से ही यहां मौजूद हो सकता है।
क्या है इस वायरस का खतरा?
डेयरी श्रमिकों में अधिकांश संक्रमण अपेक्षाकृत हल्के रहे हैं, डी1.1 स्ट्रेन से जुड़े अधिक गंभीर मामले सामने आए हैं, और कुछ मौतें भी दर्ज की गई हैं। वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या वायरस स्वयं विषैला है या क्या अन्य कारक इसकी विषाणुता को प्रभावित करते हैं। ऐसे में अभी पता लगाया जा रहा है कि यह वायरस इंसानों के ऊपर कितना और घातक हो सकता है।
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