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    Navratri 2025: लगातार 9 दिनों तक व्रत रखने से शरीर पर क्या पड़ता है असर? हैरान कर देगा जवाब

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 09:53 AM (IST)

    नवरात्र का त्योहार (Navratri 2025) न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह हमारे शरीर और मन को शुद्ध करने का भी एक शानदार मौका होता है। जब हम लगातार 9 दिनों तक व्रत रखते हैं तो इसका असर हमारे शरीर पर गहराई से होता है। आइए जानते हैं कि इस उपवास से हमारी सेहत पर क्या-क्या प्रभाव पड़ते हैं।

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    Navratri 2025: सेहत पर क्या असर डालता है 9 दिनों का व्रत? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र, यानी 9 दिनों तक चलने वाला त्योहार। इस दौरान कई लोग उपवास रखते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप 9 दिनों तक व्रत रखते हैं, तो आपका शरीर किस तरह से बदलता है? आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका सीधा असर सिर्फ आपके मन पर ही नहीं, बल्कि आपके शरीर की अंदरूनी क्रियाओं पर भी पड़ता है।

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    विज्ञान और आयुर्वेद दोनों मानते हैं कि व्रत रखना सिर्फ आस्था का हिस्सा नहीं, बल्कि यह शरीर को शुद्ध करने का एक शक्तिशाली तरीका भी है (Navratri Fasting Benefits)। आइए, जानते हैं कि 9 दिन के व्रत से आपके शरीर पर क्या असर होता है।

    शरीर पर 9 दिन के व्रत का असर

    वजन घटाने में मिलती है मदद

    व्रत के दौरान, आप कम कैलोरी लेते हैं, जिससे शरीर ऊर्जा के लिए पहले से जमा फैट को इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। यह वजन कम करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब आप अनाज और तले-भुने खाने से दूर रहते हैं, तो शरीर को अनावश्यक कैलोरी नहीं मिलती। इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है और वेट कंट्रोल होने लगता है।

    डाइजेशन को मिलता है आराम

    सामान्य दिनों में हमारा पाचन तंत्र लगातार काम करता रहता है। व्रत रखने से उसे आराम मिलता है। इससे आंतों की सफाई होती है और पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याएं, जैसे एसिडिटी और अपच, कम होती हैं। जब शरीर को भोजन पचाने में कम मेहनत करनी पड़ती है, तो वह अपनी ऊर्जा शरीर की अंदरूनी सफाई और मरम्मत में लगा पाता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में ऑटोफैगी कहते हैं।

    स्ट्रेस भी हो जाता है कम

    व्रत का असर सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी होता है। यह मन को शांत करने में मदद करता है। व्रत रखने से तनाव पैदा करने वाले हॉर्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। साथ ही, सेरोटोनिन का प्रोडक्शन बढ़ता है, जिससे आपका मन शांत और पॉजिटिव महसूस करता है। 9 दिन का यह अनुशासन आपको सेल्फ कंट्रोल सिखाता है।

    शरीर का होती है डिटॉक्सिफिकेशन

    व्रत के दौरान, शरीर में जमा टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। यह एक तरह की नेचुरल डिटॉक्स प्रक्रिया है। जब आप फल, पानी और हल्का भोजन लेते हैं, तो यह शरीर के अंदर की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे त्वचा में भी चमक आती है और आप अंदर से तरोताजा महसूस करते हैं।

    इम्युनिटी में होता है सुधार

    नियमित व्रत रखने से शरीर की इम्युनिटी में सुधार होता है। जब शरीर को पाचन पर कम ध्यान देना पड़ता है, तो वह रोगों से लड़ने के लिए अपनी ऊर्जा को बचाकर रखता है। यह कोशिकाओं को मजबूत बनाता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे आप कम बीमार पड़ते हैं।

    व्रत के दौरान बरतें ये सावधानियां

    • हाइड्रेशन है जरूरी: व्रत में पानी, नारियल पानी, नींबू पानी और फलों के रस का सेवन करते रहें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
    • सही भोजन का चुनाव: सिर्फ साबूदाना और आलू पर निर्भर न रहें। सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, फल, दही और मखाने जैसे पौष्टिक विकल्प चुनें।
    • व्रत अचानक न तोड़ें: व्रत खोलने के बाद एकदम से भारी और तला-भुना खाना न खाएं। धीरे-धीरे सामान्य भोजन पर वापस आएं। शुरुआत में हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन ही लें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।