National Epilepsy Day 2022: किसी को मिर्गी का दौरा पड़ने पर आप कैसे कर सकते हैं मदद, जानें एक्सपर्ट से
National Epilepsy Day 2022 एपिलेप्सी यानी मिर्गी से भारत में करीब एक करोड़ लोग जूझ रहे हैं। अगर आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो मिर्गी का शिकार है तो आपके लिए यह भी जानना ज़रूरी है कि ऐसे व्यक्ति का ध्यान कैसे रखा जाए।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। National Epilepsy Day 2022: दुनियाभर में कम से कम 5 करोड़ लोग एपिलेप्सी यानी मिर्गी से पीड़ित है। जो लोग मिर्गी से पीड़ित होते हैं, उन्हें इस बीमारी से जुड़े मिथकों के कारण समाज में कलंक का सामना करना पड़ता है। इस कलंक की वजह से वे अपनी ज़िंदगी खुलकर नहीं जी पाते और मानसिक तनाव से गुज़रते हैं।
एपिलेप्सी यानी मिर्गी क्या है?
एपीलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है, जिसमें मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण दौरे पड़ते हैं। इसको सीज़र डिसऑर्डर भी कहा जाता है। कम से कम दो बार दौरा पड़ने पर, जो किसी दूसरी बीमारी के कारण नहीं हुए, तो बीमारी का निदान मिर्गी के तौर पर किया जाता है।
दौरे क्या होता हैं?
दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. अभिषेक जुनेजा के अनुसार, मस्तिष्क में असामान्य और अत्यधिक विद्युत गतिविधि के कारण मिर्गी के मरीज़ को दौरे पड़ते हैं। वे मस्तिष्क की चोट, संक्रमण, चयापचय विकार या अनुवांशिक कारणों से हो सकते हैं।
कई बार इसके पीछे की वजह का पता नहीं चलता। दौरे के संकेत और लक्षण ऐसे होते हैं:
- एक दिशा पर देखना
- आंखों या चेहरे का फड़कना
- हाथों और पैरों पर झटके आना
- गिर पड़ना या बेहोश हो जाना
- जीभ को काट लेना
दौरे के प्रकार के आधार पर लक्षण अलग हो सकते हैं। आंखों या चेहरे का फड़कना, फोकल दौरे में एक हाथ या पैर पर झटके लगना। वहीं, आम दौरा पड़ने पर पूरा शरीर झटकों के साथ हिलता है।
दौरे पड़ने पर मरीज़ के कैसे मदद करें?
डॉ. जुनेजा ने बताया कि जो लोग मिर्गी से जूझ रहे हैं, उनकी ज़िंदगी में बदलाव लाने का एक ही तरीका है कि इस बीमारी के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरुकता फैलाई जाए। अगर आप ऐसे किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो मिर्गी से पीड़ित है, तो आप दौरा पड़ने पर उनकी कैसे मदद कर सकते हैं। तीन 'S' को हमेशा याद रखें। Stay (साथ रहें) , Safe (सुरक्षित रखें) and Side (एक तरफ करें)।
साथ रहें: जब किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो उसके साथ रहें, जब तक उसे होश न आ जाए। एक आम मिर्गी का दौरा कुछ मिनटों तक रहता है। ऐसे में आप एम्बूलेंस को बुला सकते हैं।
सुरक्षित रखें: मरीज़ को सुरक्षित रखें। आसपास पड़ा कोई भी तेज़ धार वाली चीज़, पत्थर आदि उसे घायल कर सकते हैं। ऐसी चीज़ों को हटा दें और मरीज़ को आराम से लेटा दें। उसे किसी खुली जगह पर ही रखें।
शरीर को एक तरह मोड़ दें: जब दौरा रुके तो मरीज़ को एक तरफ करवट पर रखें। इससे उसकी जीभ गले की तरफ नहीं जाएगी और उसे सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। शर्ट के बटन खोल दें या अगर टाई पहनी है तो उसे उतार दें।
दौरे के वक्त मरीज़ के मुंह में चम्मच, लकड़ी या टूथब्रेश जैसी चीज़ों को न घुसाएं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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