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Millet vs Wheat Roti: मिलेट्स या गेहूं, जानें किसके आटे की रोटी है सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद

रोटी के बिना कई लोगों का खाना अधूरा रह जाता है। आमतौर पर रोटी बनाने के लिए लगभग हर भारतीय घर में गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि पिछले कुछ समय से मिलेट्स की बढ़ती लोकप्रियता के चलते कुछ लोग मिलेट्स की रोटी भी डाइट में शामिल करने लगे हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे गेहूं और मिलेट्स में से कौन ज्यादा हेल्दी है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Wed, 07 Feb 2024 12:46 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2024 12:46 PM (IST)
गेहूं या मिलेट्स: जानें कौन है सेहत के लिए ज्यादा बेहतर

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Millet vs Wheat Roti: रोटी भारतीय खानपान का एक प्रमुख हिस्सा है। इसके बिना कई लोगों का खाना अधूरा रह जाता है। आमतौर पर लोग रोटी बनाने के लिए गेहूं के आटे का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, बीते कुछ समय मेम मिलेट्स की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से अब कई लोग मिलेट्स की रोटी भी खाना पसंद कर रहे हैं। कई लोगों का यह मानना है कि गेहूं की रोटी की तुलना में मिलेट्स के आटे से बनी रोटियां ज्यादा फायदमंद होती है। अगर आप भी इसे कन्फ्यूज हैं, तो आज इस आर्टिकल में जानेंगे कि गेहूं या मिलेट्स में से किस आटे की रोटी ज्यादा सेहतमंद है।

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गेहूं की रोटी

गेहूं एक लोकप्रिय अनाज है, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से रोटी बनाने के लिए किया जाता है। यह अनाज डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो पाचन में सहायता करता है, आंत्र नियमितता बनाए रखता है और इससे लंबे समय पर पेट भरा हुआ महसूस होता है। साथ ही यह बी-विटामिन, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है, जो सेहत को फायदा पहुंचाते हैं।

मिलेट्स की रोटी

बाजरा, रागी, ज्वार जैसे अनाजों के समूह को मिलेट्स कहा जाता है। बीते कुछ समय से यह देशभर में पारंपरिक अनाज के पौष्टिक विकल्प के रूप में उभरा है। ये प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होते हैं, जिससे मिलेट्स की रोटी ग्लूटेन सेसिंटिविटी या सीलिएक डिजीज वाले व्यक्तियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाती है। वे फाइबर, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो आपकी डाइट में पोषण से भर देते हैं। इतना ही नहीं गेहूं की तुलना में इसमें कम जीआई होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।

ग्लूटेन कंटेंट: गेहूं vs मिलेट्स

ग्लूटेन-फ्री होने की वजह से मिलेट्स ग्लूटेन सेंसिटिविटी या सीलिएक डिजीज वाले लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होती है। वहीं दूसरी ओर, गेहूं में ग्लूटेन होता है। ऐसे में अधिकांश व्यक्तियों के लिए गेंहू फायदेमंद है, लेकिन ग्लूटेन से संबंधित विकार वाले लोगों के लिए मिलेट्स की रोटी ज्यादा उपयुक्त विकल्प हो सकती है।

ब्लड शुगर पर प्रभाव: गेहूं vs मिलेट्स

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने के लिए मिलेट्स की रोटी ज्यादा बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। वहीं, गेंहू की रोटी भले ही संतुलित आहार का एक हिस्सा है, ब्लड शुगर पर अपेक्षाकृत ज्यादा प्रभाव डाल सकती है, जिससे ब्लड शुगर स्तर का मैनेज करने वाले व्यक्तियों को इसे लेकर विचार करना जरूरी हो जाता है।

वेट मैनेजमेंट: गेहूं vs मिलेट्स

मिलेट्स में हाई फाइबर कंटेंट होने की वजह से यह लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं, जिससे संभावित रूप से वजन प्रबंधन में मदद मिलती है। इसी तरह, गेहूं की रोटी भी फाइबर का एक अच्छा स्रोत होने के कारण, आपको पेट भरा होने का अहसास कराती है, जिससे यह उन लोगों के लिए परफेक्ट है, जो अपना वजन नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

दिल दिमाग: गेहूं vs मिलेट्स

मिलेट्स की रोटी, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की भारी मात्रा की वजह

ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने में मदद कर हृदय स्वास्थ्य में योगदान देती है। ये मिनरल, फाइबर सामग्री के साथ मिलकर, हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, अनाज की रोटी, विशेष रूप से जई और जौ जैसे हार्ट-हेल्दी ग्रेन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर पूरे हार्ट हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

गेहूं या मिलेट्स: कौन ज्यादा बेहतर

जैसा कि ऊपर की गई तुलना से यह साफ हो गया है कि गेंहू और मिलेट्स की दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हैं। दोनों ही तरह रोटियों की अपनी अलग खासियत है। ऐसे में अगर आप सेहतमंद रहने के लिए डाइट में शामिल करने के लिए हेल्दी ऑप्शन तलाश रहे हैं, तो मिलेट या गेहूं दोनों में से किसी को भी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं, क्योंकि दोनों की सेहत के लिए गुणकारी है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik


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