जानें, क्यों गोद में लैपटॉप रखकर काम करना सेहत के लिए सही नहीं है ?
एक्सपर्ट्स की मानें तो लैपटॉप के अंदर कई डिवाइस होते हैं। इनमें एक हार्ड ड्राइव के नाम से जाना जाता है। इस डिवाइस से लो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन निकलती है। साथ ही ब्लूटूथ कनेक्शन से भी रेडिएशन निकलती है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना महामारी के चलते लोगों की जीवनशैली में व्यापक बदलाव हुआ है। लोग अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। इससे पहले लोग सेहत के प्रति इतने जागरूक नहीं थे। वहीं, वर्तमान समय में कोरोना वायरस का खतरा भी कम हुआ है , जिसके चलते ज़िंदगी पटरी पर लौट चुकी है। लोग ऑफिस से काम करने लगे हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के दिनों में लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई थी। इस दौरान लोग अपने घरों से काम कर रहे थे। कुछ लोग लैपटॉप, तो कुछ लोग डेस्कटॉप का इस्तेमाल कर रहे थे। विशेषज्ञों की मानें तो गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से बचना चाहिए। इससे सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कि क्यों लैपटॉप को गोद में रखकर काम नहीं करना चाहिए-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स की मानें तो लैपटॉप के अंदर कई डिवाइस होते हैं। इनमें एक हार्ड ड्राइव के नाम से जाना जाता है। इस डिवाइस से लो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन निकलती है। साथ ही ब्लूटूथ कनेक्शन से भी रेडिएशन निकलती है। इससे सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे सिर में दर्द, नींद न आने की शिकायत, तनाव आदि की शिकायत हो सकती है। वहीं, वाई फाई कनेक्शन से पुरुषों की फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है। इसके लिए गोद में रखकर लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऐसे करें लैपटॉप का इस्तेमाल
- लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करने के दौरान अपनी स्थिति यानी पोजीशन अवश्य चेंज करें। इससे कमर दर्द समेत आंखों की परेशानियों का खतरा कम रहता है। इसके अलावा, शरीर के अंगों पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
-गोद में लैपटॉप का इस्तेमाल करते समय पैरों को एक साथ चिपकाकर न रखें।
-वर्क फ्रॉम होम के दौरान लैपटॉप को टेबल पर रखकर इस्तेमाल करें। साथ ही उचित दूरी पर लैपटॉप को रखें। इससे रेडिएशन का खतरा नहीं रहता है।
-लैपटॉप पर काम करते समय ज्यादा देर तक झुककर काम न करें, बल्कि दीवार का सहारा अवश्य लें। आप चाहे तो कुर्सी पर तकिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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