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    अकेलापन बना सकता है आपको गंभीर बीमारियों का शिकार, स्टडी में सामने आई नई जानकारी

    अकेलापन (social isolation and loneliness) कोई बीमारी नहीं होती लेकिन इसके कारण कई बीमारियां हो सकती हैं। एक स्टडी में पता चला कि कुछ खास प्रोटीन्स के कारण अकेलापन महसूस होता है। इसलिए जो लोग अकेलेपन से जूझ रहे होते हैं उनमें ये प्रोटीन ज्यादा पाए जाते हैं। आइए जानते हैं ये कैसे आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए खतरा (loneliness health risks) बन सकते हैं।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Wed, 08 Jan 2025 02:56 PM (IST)
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    अकेलापन बना देता है आपको अंदर से खोखला (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Social Isolation and Loneliness: इंसानों का स्वभाव है कि वे दूसरे मनुष्यों के साथ मिल-जुलकर रहें। एक-दूसरे के साथ अपने गम और खुशियां बांटे, लेकिन आजकल लोग एक-दूसरे से कटकर रहने लगे हैं। इस डिजीटल एज में लोग अकेलेपन का आसानी से शिकार होने लगे हैं।

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    बढ़ रही है अकेलेपन की समस्या

    ऐसा हम नहीं, बल्कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन भी कह रहा है। WHO के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 25% बुजुर्गों और 5%-15% टीनेजर्स अकेलेपन से जूझ रहे हैं। ये आंकड़े इसलिए चिंता का कारण हैं, क्योंकि अकेलेपन की वजह से बीमारियों और मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है।

    प्रोटीन्स का भी है अकेलेपन से कनेक्शन

    अकेलापन एक ऐसी भावना है जो हमें अंदर से खोखला कर सकती है। इसके कारण कई बीमारियों का रिस्क लोगों में बढ़ने लगता है। इस बारे में और समझने के लिए हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज और फूडान यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी नेचर ह्यूमन बिहेवियर में पब्लिश की। इस स्टडी में हमारे जीन्स में मौजूद प्रोटीन के बारे में समझने की कोशिश की गई।

    यह भी पढ़ें: क्या अकेलापन बढ़ा सकता है Dementia का खतरा, समझें इनका कनेक्शन

    सूजन भी बढ़ाते हैं ये प्रोटीन

    आपको बता दें कि प्रोटीन हमारे जीन्स को कंट्रोल करते हैं और इसलिए अक्सर दवाएं इन्हीं प्रोटीन्स को टारगेट करती हैं। इस स्टडी में पाया गया कि 5 तरह के खास प्रोटीन अकेलेपन की भावना से जुड़े हैं। यानी जिन लोगों को ज्यादा अकेलापन महसूस होता है, उनमें इन प्रोटीन्स की मात्रा भी ज्यादा होती है। इतना ही नहीं, ये प्रोटीन सूजन बढ़ाते हैं और इम्युनिटी पर भी असर डालते हैं।

    आइए जानते हैं कि अकेलापन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर क्या असर डाल सकता है।ॉ

    अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य

    अकेलापन मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मेंटल डिसऑर्डर्स को जन्म दे सकता है। जब हम अकेले महसूस करते हैं, तो हमारा दिमाग स्ट्रेस और एंग्जायटी के हार्मोन का प्रोडक्शन करता है, जो हमारी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं।

    • डिप्रेशन- अकेलापन डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है। जब हम अकेले होते हैं तो हम ज्यादा निराश महसूस करते हैं।
    • एंग्जायटी- अकेलापन एंग्जायटी को बढ़ावा देता है। हम अकेलेपन में भविष्य के बारे में चिंतित रहते हैं और हमारी चिंता बढ़ती जाती है।
    • सोशल डिसकनेक्शन- लंबे समय तक अकेले रहने से लोग दूसरों से बात करने में कतराने लगते हैं और वे सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ जाते हैं।

    अकेलापन और शारीरिक स्वास्थ्य

    अकेलापन सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।

    • दिल की बीमारियां- अकेलेपन से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अकेलेपन के कारण दिल पर प्रेशर बढ़ता है, जिसके कारण दिल पर दबाव बढ़ सकता है।
    • इम्युनिटी कमजोर होना- अकेलापन हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है। जिससे हम आसानी से बीमार पड़ सकते हैं।
    • नींद की समस्याएं- अकेलेपन से नींद की समस्याएं भी हो सकती हैं। हम अकेलेपन में नींद नहीं ले पाते और थका हुआ महसूस करते हैं।
    • स्ट्रोक- अकेलेपन की वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है, जिस वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है
    • डायबिटीज- अकेलेपन के कारण सूजन बढ़ सकता है, जिसकी वजह से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

    अकेलेपन से बचाव कैसे करें?

    • सोशल एक्टिविटीज में शामिल हों- दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं, नए लोगों से मिलें, और ग्रुप एक्टिविटीज में शामिल हों।
    • हॉबी डेवलप करें- कोई नई हॉबी विकसित करें जिससे आप बिजी रहें और नए लोगों से मिल सकें।
    • पढ़ें- किताबें पढ़ना एक अच्छा तरीका है खुद को बिजी रखने और नई नॉलेज हासिल करने का।
    • योग और मेडिटेशन करें- योग और मेडिटेशन करने से तनाव कम होता है और मेंटल हेल्थ बेहतर होती है।
    • थेरेपिस्ट की मदद लें- अगर आप अकेलेपन से परेशान हैं, तो किसी मनोवैज्ञानिक से मदद लें।

    याद रखें कि अकेलापन कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

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    Source: 

    • ह्यूमन नेचर जर्नल: https://www.nature.com/articles/s41562-024-02078-1