क्या उबासी भी हो सकती है संक्रामक? किसी और को उबासी लेते देख आपको क्यों आ जाती है जम्हाई
अक्सर नींद थकान या बोरियत महसूस होने पर उबासी (Contagious yawning) आती है लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि किसी दूसरे को उबासी लेते देख भी कई बार जम्हाई आ जाती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किसी और को देख हमें उबासी क्यों आती है। इसकी असल वजह साइंस है। आइए समझते हैं इसकी पीछे का साइंस।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सर्दियों में अक्सर आलस आता रहता है और इस मौसम में कुछ भी करने का मन नहीं करता है। ऐसे में सुस्ती की वजह से जम्हाई या उबासी आना आम बात है। खासकर ऑफिस में दिन के समय अक्सर कोई न कोई उबासी लेता नजर आता है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि जब भी आपके सामने कोई उबासी लेता है, तो उसके तुरंत बाद आपको भी उबासी आती है। अगर आप भी इसे दिन में छाई सुस्ती समझ कर अनदेखा कर देते हैं, तो आपको बता दें कि यह कोई संयोग नहीं, बल्कि इसके पीछे भी एक साइंस है।
हमारे आसपास कई ऐसी चीजें होती हैं, जिसके पीछे साइंस छिपा होता है, लेकिन हम कभी उस पर ध्यान ही नहीं देते हैं। किसी के जम्हाई लेने पर सामने वाले को भी उबासी आना इन्हीं में से एक है। इसे अक्सर नींद या थकान से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन इसके पीछे एक दिलचस्प साइंस है। आइए जानते हैं इसका लॉजिक-
यह भी पढ़ें- सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल, लंबा जीवन जीना है तो रखें इन बातों का ध्यान
क्यों आती है उबासी?
उबासी आने संबंध हमेशा नींद, थकान या बोरियत नहीं होता है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उबासी ब्रेन के तापमान को नियंत्रित करने से जुड़ी है। जब मानसिक गतिविधि के दौरान हमारा दिमाग बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है, तो जम्हाई इसे ठंडा करने और हमारे शरीर के तापमान को स्थिर करने में मदद करती है। दिलचस्प बात यह है कि सर्दियों में ज्यादा उबासी इसलिए आती है, क्योंकि ठंडे मौसम में शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
एक को देख दूसरे को क्यों आती है जम्हाई?
इस सवाल का जवाब साल 2004 में हुए एक स्टडी में सामने आया। म्यूनिख के साइकिएट्रिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल हुए अध्ययन के मुताबिक यह संक्रामक व्यवहार ब्रेन में मिरर न्यूरॉन सिस्टम के एक्टिव होने की वजह से होता है, जो हमें दूसरों की नकल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। स्टडी में पता चला कि शोध में शामिल 300 प्रतिभागियों में से 50% ने दूसरों को उबासी लेते देख जम्हाई लेना शुरू कर दिया।
यह भी है वजह
वैज्ञानिकों की मानें तो हमारे ब्रेन में मौजूद मिरर न्यूरॉन्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये ब्रेन के खास सेल्स होते हैं, जो तब सक्रिय होते हैं, जब हम कोई काम करते हैं या किसी और को वही काम करते हुए देखते हैं। इसलिए जब हम किसी को जम्हाई लेते देखते हैं, तो ब्रेन के ये न्यूरॉन्स एक्टिव हो जाते हैं, जिससे हमें उबासी आ जाती है।
इसके अलावा कुछ साइकोलॉजिकल कारण से भी दूसरों को देख जम्हाई आ जाती है। दरअसल, जम्हाई के बारे में सोचने या पढ़ने से भी उबासी आ सकती है, जिससे यह पता चलता है कि साइकोलॉजिकल मैकेनिज्म कितना शक्तिशाली है। उबासी के बारे में सोचने भर से ब्रेन एक्टिव हो सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।