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    स्ट्रेस के कारण कहीं अंदर ही अंदर खोखला तो नहीं हो रहा शरीर? डॉक्टर बोले- "2 टेस्ट बताएंगे सच्चाई"

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 03:46 PM (IST)

    स्ट्रेस एक ऐसे साइलेंट किलर की तरह है जो हमें अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है। हम इसे अक्सर मानसिक परेशानी मानकर टाल देते हैं लेकिन डॉक्टर का मानना है कि इसका असर सिर्फ दिमाग पर नहीं बल्कि हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। आइए जानें उन 2 टेस्ट के बारे में जिनके जरिए आप शरीर पर स्ट्रेस के असर का पता लगा सकते हैं।

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    कितना स्ट्रेस ले रहा है आपका शरीर, 2 टेस्ट से पता करें सच्चाई (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आजकल आप बेवजह थका हुआ महसूस करते हैं, नींद नहीं आती या पेट में गड़बड़ रहती है? अगर हां, तो यह सिर्फ 'आजकल ऐसा ही होता है' कहकर टालने की बात नहीं है।

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    मॉर्डन लाइफस्टाइल में स्ट्रेस एक ऐसी अदृश्य बीमारी बन गया है, जो धीरे-धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला कर रही है, लेकिन चिंता मत कीजिए, क्योंकि डॉक्टर तरंग कृष्णा का कहना है कि 2 खास टेस्ट इस छिपे हुए खतरे की पोल खोल सकते हैं।

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    स्ट्रेस सिर्फ दिमाग पर नहीं, पूरे शरीर पर डालता है असर

    हम अक्सर सोचते हैं कि स्ट्रेस सिर्फ मानसिक होता है, यानी हमारे मूड और सोचने-समझने की शक्ति पर असर डालता है, लेकिन सच्चाई यह है कि स्ट्रेस हार्मोन, जैसे कॉर्टिसोल, जब लंबे समय तक बढ़े रहते हैं, तो ये हमारे डाइजेशन, इम्युनिटी, नींद के पैटर्न और यहां तक कि हमारी आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया पर भी बुरा असर डालते हैं।

    आपने सुना होगा कि "पेट ही सारे रोगों की जड़ है।" यह बात स्ट्रेस पर भी लागू होती है। लगातार तनाव में रहने से पेट में सूजन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और पोषक तत्वों का सही से अवशोषण न होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह सब मिलकर आपको अंदर से कमजोर और बीमार महसूस करा सकता है।

    2 टेस्ट जो बताएंगे सच्चाई

    डॉक्टर मानते हैं कि 2 खास टेस्ट आपको यह जानने में मदद कर सकते हैं कि स्ट्रेस आपके शरीर पर कितना गहरा असर डाल रहा है:

    गट माइक्रोबायोम टेस्ट (Gut Microbiome Test)

    यह टेस्ट आपकी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया के संतुलन को बताता है। हमारी आंतों में लाखों-करोड़ों बैक्टीरिया होते हैं- कुछ गुड और कुछ बैड। जब हम तनाव में होते हैं, तो अच्छे बैक्टीरिया कम होने लगते हैं और बुरे बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं।

    यह असंतुलन सिर्फ पेट की समस्याओं तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह मूड स्विंग्स, थकान और यहां तक कि कमजोर इम्यूनिटी का कारण भी बन सकता है। इस टेस्ट से पता चलता है कि आपकी 'पेट की दुनिया' कितनी हेल्दी है।

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    कॉर्टिसोल टेस्ट (Cortisol Test)

    कॉर्टिसोल को 'स्ट्रेस हार्मोन' कहा जाता है। यह हार्मोन संकट की स्थिति में शरीर को ऊर्जा और फोकस देता है। लेकिन जब यह हार्मोन लंबे समय तक असामान्य रूप से बढ़ा रहता है (क्रोनिक स्ट्रेस के कारण), तो यह शरीर के लिए हानिकारक हो जाता है। बढ़ा हुआ कॉर्टिसोल वजन बढ़ने, नींद न आने, ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव और हड्डी कमजोर होने जैसी समस्याओं से जुड़ा है।

    यह टेस्ट ब्लड या लार के नमूने से किया जा सकता है और दिन के अलग-अलग समय पर कॉर्टिसोल के स्तर की जांच की जाती है ताकि यह पता चल सके कि आपका शरीर स्ट्रेस को लेकर कैसा रिएक्शन दे रहा है।

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